UPPCS 2023 परीक्षा में उत्तर प्रदेश के रामपुर के होनहार युवक विमल कुमार ने 18वीं रैंक हासिल की है. विमल कुमार की इस कामयाबी से परिवार में खुशी का माहौल है. बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. विमल का सपना पीसीएस बनने का था, जो अब पूरा हुआ है. इसके लिए विमल ने कड़ी मेहनत की और लगातार पढ़ाई करते रहे.
विमल को कई जॉब में मिली सफलता
विमल कुमार इससे पहले कई नौकरियों में सफलता पा चुके हैं. उन्होंने बैंक में असिस्टेंट मैनेजर, नायब तहसीलदार और प्राइमरी स्कूल में सरकारी टीचर की जॉब हासिल की. विमल ने हैदराबाद में एसबीआई बैंक में असिस्टेंट मैनेजर की जॉब भी हासिल की. उसके बाद नायब तहसीलदार और प्राइमरी स्कूल में टीचर की नौकरी हासिल की. लेकिन किसी भी जॉब से विमल कुमार संतुष्ट नहीं हुए. उनका सपना पीसीएस बनना था. आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने पीसीएस परीक्षा में सफलता हासिल की.
शुरू में तैयारी का नहीं मिला समय-
विमल कुमार ने कहा कि इस परीक्षा में सफलता हासिल करने में काफी वक्त लग गया. साल 2017 में तैयारी शुरू की थी. उन्होंने बताया- मैंने हैदराबाद में एसबीआई बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के तौर पर 5 साल नौकरी की, वहां पर टाइम नहीं मिल पा रहा था तो साल 2016 में मैंने बरेली में प्राइमरी शिक्षक के रूप में नौकरी ज्वाइन की. उसके बाद मैंने तैयारी करना शुरू किया. काफी टाइम लग गया, लेकिन मैंने धैर्य नहीं खोया और लगातार तैयारी के चलते कई पोस्ट हासिल की. लेकिन मैं जो पोस्ट चाह रहा था, कड़े संघर्ष और बेहतर रणनीति से उसे हासिल किया.
IAS-IPS की जगह PCS क्यों?
यह पूछे जाने पर कि पीसीएस ही क्यों, आईपीएस, आईएएस क्यों नहीं? इस पर विमल कुमार ने बताया कि मैं जॉब कर रहा था तो जॉब के साथ आईएएस, आईपीएस की तैयारी काफी टफ हो जाती. उसके मुकाबले में पीसीएस की तैयारी थोड़ी आसान होती है. इसलिए मैंने पीसीएस पर फोकस किया. आईएएस-आईपीएस पर इसलिए फोकस नहीं कर पाया, क्योंकि जॉब के चलते ज्यादा टाइम नहीं मिल पाता था. उन्होंने बताया कि मुझे लगा कि यही बेहतर तरीका है, आईएएस-आईपीएस की जगह रणनीति बनाकर पीसीएस पर फोकस किया.
परिवार से कितना सहयोग मिला?
परिवार से सहयोग के सवाल पर विमल कुमार ने बताया कि परिवार का पूरा-पूरा सहयोग मिला. उन्होंने हर एग्जाम में मेरा पूरा-पूरा साथ दिया. हर एग्जाम में मुझे मोटिवेट किया. मेरे चाचा छत्रपाल सिंह मेरे प्रेरणा हैं, जिन्होंने मुझे पीसीएस की गरिमा के बारे में बताया और लगातार प्रोत्साहित किया. विमल कुमार ने बताया कि अभी उनकी पोस्टिंग बरेली में मंडली वैज्ञानिक केंद्र में है. साल 2020 में उनकी नियुक्त वरिष्ठ प्रवक्ता के पद पर हुई थी.
रोजाना कितने घंटे की पढ़ाई-
विमल कुमार ने बताया कि पत्नी ने मेरा काफी साथ दिया, जब आप तैयारी करते हैं तो आपको अपनी पर्सनल लाइफ के मुकाबले तैयारी में ज्यादा टाइम देना पड़ता है. लेकिन वाइफ ने मेरा काफी सपोर्ट किया. उन्होंने इस चीज को समझा, उन्होंने तैयारी के दौरान मुझे हर तरह से सपोर्ट किया और पूरा प्रयास किया कि जितनी तैयारी मैं कर रहा था, उतनी ही तैयारी वह मेरे साथ लगकर कर रही थी कि मुझे किसी तरह की परेशानी ना हो और मैं तैयारी पर अपना ध्यान केंद्रित करता रहूं. विमल कुमार ने बताया कि जॉब की वजह से ज्यादा टाइम पढ़ने के लिए नहीं मिला. लेकिन रोजाना 3-4 घंटे बढ़ने की कोशिश करता था.
(रामपुर से आमिर खान की रिपोर्ट)
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