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Switzerland: इस विकसित देश में 11 साल तक के बच्चे डायपर पहनकर जा रहे स्कूल, लेकिन क्यों, जानिए

स्विट्जरलैंड में इन दिनों एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. यहां के स्कूल जाने वाले 11 साल तक बच्चे डायपर का इस्तेमाल इस तरह कर रहे हैं जैसे अंडरवियर पहन रहे हों. इससे वहां के शिक्षकों को परेशानी हो रही है. 

स्विट्जरलैंड में 11 साल तक बच्चे डायपर पहनकर जा रहे स्कूल (फोटो प्रतीकात्मक) स्विट्जरलैंड में 11 साल तक बच्चे डायपर पहनकर जा रहे स्कूल (फोटो प्रतीकात्मक)
हाइलाइट्स
  • माता-पिता टॉयलेट जाने का सलीका नहीं सिखा पा रहे

  • वर्किंग पैरेंट्स को बच्चों को डायपर पहना देना लगता है आसान 

घर में जब बच्चे पैदा होते हैं तो उन्हें डायपर पहनाया जाता है. अमूमन तीन-चार साल तक उन्हें डायपर पहनाया जाता है. इसके बाद बच्चों में समझदारी आ जाती है और वे अपने मां-बाप या अन्य परिजनों को बताने लगते हैं कि उन्हें बाथरूम जाना है.स्कूल में भी वे अपने आप बाथरूम चले जाते हैं लेकिन हम आज एक ऐसे विकसित देश के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जहां के 11 साल तक के बच्चे डायपर पहनकर स्कूल जाते हैं. जी हां, ऐसा मामला स्विट्जरलैंड से सामने आया है. 

बड़ी समस्या
स्विट्जरलैंड में इन दिनों एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. यहां के स्कूल जाने वाले 11 साल तक बच्चे डायपर का इस्तेमाल इस तरह कर रहे हैं जैसे अंडरवियर पहन रहे हों. स्विट्जरलैंड काफी मॉडर्न देश हैं. लेकिन इस देश के माता-पिता ऐसा क्यों कर रहे हैं. वे बच्चों को डायपर पहनाकर स्कूल क्यों भेज रहे हैं? दरअसल, उनके माता-पिता उन्हें टॉयलेट जाने का सलीका नहीं सिखा पा रहे हैं. इस कारण उन्हें डायपर पहनकर स्कूल जाना पड़ रहा है. यह मामला एक तरह से चिंताजनक है. इस कारण वहां के शिक्षकों की नींद उड़ गई है.

शिक्षक परेशान 
अमूमन, टॉयलेट जाने की ट्रेनिंग बच्चों को पैदा होने के 18 से 24 महीनों में ही दे दी जाती है. वहीं स्विट्जरलैंड में 11 साल के बच्चे भी यह सीख नहीं पाए हैं. अब वहां के शिक्षक परेशान हैं कि आखिर वो बच्चों को पढ़ाएं या उन्हें टॉयलेट जाना सिखाएं. टीचर्स का कहना है कि कम उम्र के बच्चों को स्कूल भेजा जा रहा है, जिसकी वजह से पैरेंट्स उन्हें घरों में टॉयलेट इस्तेमाल करने का तरीका सिखा नहीं पा रहे हैं. वर्किंग पैरेंट्स को बच्चो को डायपर पहना देना ज्यादा आसान लगता है. हालांकि, यह बच्चों के लिए बिलकुल सही नहीं है.

माता-पिता को लेनी चाहिए जिम्मेदारी 
स्विस फेडरेशन ऑफ टीचर्स के हेड डगमार रोसलर ने इस बढ़ती समस्या के बारे में अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब 11 साल के बच्चे डायपर में स्कूल आते हैं तो यह चिंता का विषय है. माता-पिता को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए की बच्चे स्कूलों में डायपर पहन कर न आएं. शिक्षकों का काम उनका डायपर बदलना नहीं है. स्कूल में डायपर पहनने वाले छात्रों का मुद्दा सिर्फ स्विट्जरलैंड तक ही सीमित नहीं है. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क के माता-पिता अपने बच्चों को सही से शौचालय उपयोग करना नहीं सिखा पा रहे हैं.