हमारे जीवन में शिक्षकों के योगदान को कभी भी मापा नहीं जा सकता है. शिक्षक अपने छात्रों को इस दुनिया से लड़ाई लड़ने के लिए तैयार करते हैं. उनके योगदान से ही हम अपने जीवन में कुछ करने लायक बनते हैं. दुर्भाग्य से, भारत जैसे देश में जहां हर बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार है, वहां आज भी बहुत से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं और शिक्षकों से पढ़ नहीं पाते हैं.
हालांकि, इस स्थिति को बदलने के लिए आज बहुत से लोग काम कर रहे हैं. इनकी वजह से ही आशा की एक किरण बरकरार है. आज Teacher's Day के मौके पर हम आपको बता रहे हैं इन कुछ खास शिक्षकों के बारे में.
1. आदित्य कुमार: साइकिल गुरु
साइंस ग्रेजुएट आदित्य कुमार ने लखनऊ, उत्तर प्रदेश के स्लम बच्चों को पढ़ाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है. उनकी कहानी की खास बात यह है कि वह गरीब और वंचित बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए प्रतिदिन 60 किलोमीटर से अधिक साइकिल चलाते हैं. आदित्य कुमार बिना कोई फीस लिए बच्चों को पढ़ाते हैं. उनका यह मोबाइल स्कूल लगभग दो दशकों से चल रहा है.
2. राजेश कुमार शर्मा : फ्लाईओवर स्कूल
राजेश कुमार नई दिल्ली में एक जनरल स्टोर चलाते हैं. साथ ही, वह शहर में मेट्रो पुल के नीचे कम से कम 30 झुग्गी-झोपड़ियों के बच्चों को दिन में दो घंटे पढ़ाते हैं. यह शिक्षक पिछले कई साल से इन गरीब छात्रों को मुफ्त शिक्षा प्रदान कर रहा है और अपने फ्लाईओवर स्कूल में सुविधाओं की कमी के बावजूद, वह इन वंचित बच्चों को ज्ञान देने की पूरी कोशिश करते हैं.
3. आनंद कुमार: सुपर 30 प्रोग्राम
अपने सुपर 30 प्रोग्राम के लिए मशहूर, गणितज्ञ आनंद कुमार आज विश्व स्तर पर जाने जाते हैं. पिछले 14 सालों से, आनंद पटना, बिहार में IIT-JEE प्रवेश परीक्षा के लिए गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ा रहे हैं. आनंद को कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया के विधानमंडल द्वारा टोरंटो विश्वविद्यालय में शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया था.
4. बाबर अली: दुनिया के सबसे कम उम्र के प्रिंसीपल
बाबर अली दुनिया के सबसे कम उम्र के प्रधानाध्यापक हैं, जो 16 साल से भी कम उम्र से बच्चों से पढ़ा रहे हैं. अपने गांव मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल में वह गरीब बच्चों के लिए एक स्कूल चलाते हैं. बाबर की खास बात है कि उन्होंने न केवल दूसरों को पढ़ाया बल्कि गरीबी के बीच अपनी शिक्षा भी जारी रखी.
5. गगन दीप सिंह: पढ़ाने का सही विजन
राजस्थान के जैसलमेर में शिक्षक गगन दीप सिंह दृष्टिबाधित बच्चों के जीवन को बदलने में जुटे हैं. हर बच्चे के लिए एक अनूठा कार्यक्रम विकसित करने के अलावा, गगन इन बच्चों के परिवारों को भी जागरूक करते हैं. गगन ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ द विजुअली हैंडीकैप्ड में प्रशिक्षण प्राप्त किया है, इन बच्चों को ब्रेलर्स जैसे सीखने के उपकरण भी उपलब्ध कराते हैं.