मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के चरेगांव गांव की महिला सरपंच, मीना बिसेन अपने समर्पण से न सिर्फ अपने बल्कि कई और गांवों की तस्वीर बदल रही हैं. मीना माओवाद प्रभावित बालाघाट जिले के गांवों में अगली पीढ़ी को अंग्रेजी में कुशल बनाने के मिशन पर है. डबल पोस्टग्रेजुएट और पूर्व-स्कूल प्रिंसिपल, 47 वर्षीय मीना बिसेन ने गांव के बच्चों का भविष्य बदलने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर ग्राम पंचायत भवन में मुफ्त अंग्रेजी भाषा कोचिंग क्लास चला रही हैं.
मीना के लिए पढ़ाना कोई नई बात नहीं है. उन्होंने शिक्षण में 16 साल बिताए हैं. कंप्यूटर एप्लिकेशन में डिग्री और पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा के बाद, उन्होंने बालाघाट शहर के प्रतिष्ठित निजी स्कूलों में जाने से पहले 2006 में एक गेस्ट टीचर के रूप में गांवों के सरकारी स्कूलों में पढ़ाना शुरू किया. उन्होंने हाई क्लासेज में अंग्रेजी और गणित पढ़ाया और 2015 में बालाघाट शहर के एक प्रमुख अंग्रेजी माध्यम स्कूल की प्रिंसिपल बन गईं. एक शिक्षक के रूप में 16 साल के करियर के बाद, मीना ने 2022 में पढ़ाना छोड़ दिया.
साल 2022 में लड़ा था चुनाव
मीना ने 2022 में अपने पैतृक चरेगांव गांव में ग्राम पंचायत चुनाव लड़ने का फैसला किया. उन्होंने ग्राम पंचायत चुनावों में विजयी शुरुआत करते हुए दो स्कूल ड्रॉपआउट पूर्व महिला सरपंचों को 50 वोटों से हराया. एक गंभीर बीमारी के कारण मीना को लगभग एक साल तक बिस्तर पर रहना पड़ा, लेकिन 2024 की शुरुआत में, उन्होंने चारेगांव के एक्टिव ग्राम सरपंच के रूप में अपने कान को संभाला.
उन्होंने ग्राम पंचायत चुनाव लड़ते समय सरपंच बनने पर अपने गांव में बच्चों को अंग्रेजी सिखाने की कसम खाई थी. आज उनकी कोचिंग क्लास में 70 बच्चे पढ़ रहे हैं. छात्र नर्सरी के छात्रों से लेकर कॉलेज जाने वालों तक, सभी आयु समूहों और कक्षाओं में आते हैं.