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NEET-UG Scam: जानिए कौन हैं नीट-यूजी का लीक पर्चा हल करने वाले दो आरोपी, सीबीआई ने किया गिरफ्तार

NEET-UG Paper Leak: सीबीआई ने शनिवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें से एक पेपर लीक का मास्टरमाइंड है. जबकि दो पर आरोप है कि इन्होंने पांच मई को नीट-यूजी की परीक्षा के दिन लीक हो चुका पेपर सॉल्व किया था ताकि पेपर लीक के लिए पैसे देने वाले अभ्यर्थियों की मदद की जा सके.

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हाइलाइट्स
  • सीबीआई ने शनिवार को कीं 3 गिरफ्तारियांं

  • अब तक कुल 21 आरोपी गिरफ्तार

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने नीट-यूजी घोटाले (NEET-UG Scam) के एक मास्टरमाइंड के साथ मेडिकल की पढ़ाई कर रहे दो छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है. इन छात्रों पर नीट-यूजी पेपर लीक से पहले प्रश्नपत्र हल करने का आरोप है. इन गिरफ्तारियों के बाद सीबीआई छह मामलों में कुल 21 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. 

मास्टरमाइंड कौन?
सीबीआई ने शनिवार को जिस मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया, उसकी पहचान शशिकांत पासवान उर्फ शशि उर्फ पासू के तौर पर हुई है. शशि जमशेदपुर के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) से बी.टेक कर चुका है. वह कुमार और रॉकी नाम के आरोपियों के साथ मिलकर काम कर रहा था, जो पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. 

सॉल्व करने वाले छात्र कौन?
प्रश्नपत्र हल करने के आरोप में दो छात्र गिरफ्तार हुए हैं उनका नाम कुमार मंगलम और दीपेंद्र शर्मा है. कुमार और दीपेंद्र दोनों ही राजस्थान के भरतपुर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. दोनों ही आरोपी पांच मई को हजारीबाग में मौजूद थे. इसी दिन नीट-यूजी की परीक्षा आयोजित हुई थी. 

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अधिकारियों ने कहा कि इन दोनों ने मिलकर वहां पेपर सॉल्व किया था. सॉल्व करने के लिए पेपर चुराने वाले पंकज कुमार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, झारखंड (NIT Jharkhand) से पढ़े पंकज उर्फ आदित्य ने एनटीए की एक पेटी से प्रश्नपत्र चुराया था. 

पहले भी गिरफ्तार हुए सॉल्वर
सीबीआई ने शुक्रवार को भी एमबीबीएस की एक छात्रा को गिरफ्तार किया था. रांची के राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (RIMS) में पढ़ने वाली सुरभी कुमारी नाम की छात्रा को दो दिन की पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया गया था. कुमार और दीपेंद्र की तरह सुरभी भी पांच मई को हजारीबाग में मौजूद थी. 

इससे पहले गुरुवार को सीबीआई ने एम्स पटना (AIIMS Patna) के चार छात्रों को भी गिरफ्तार किया था. ये सभी सॉल्वर मॉड्यूल का हिस्सा थे. समाचार एजेंसी पीटीआई की ओर से प्रकाशित एक खबर के अनुसार, इन सभी को पेपर सॉल्व करने की जिम्मेदारी दी गई थी, ताकि पेपर लीक करने वालों को पैसे देने वाले अभ्यर्थियों तक सवालों के जवाब पहुंचाए जा सकें. केंद्रीय जांच एजेंसी ने अब तक पेपर-लीक घोटाले में कुल छह एफआईआर दर्ज की हैं.