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Inverter Bulb: 12वीं कक्षा के छात्र ने बनाया अनोखा बल्ब, ग्रामीण भारत को कर रहा है रोशन, शुरू किया अपना स्टार्टअप

Inverter Bulb: डायना पुरस्कार विजेता उदय भाटिया उदय इलेक्ट्रिक के संस्थापक हैं जिसने ग्रामीण भारत में 500 घरों के जीवन को रोशन करने में मदद की है.

Uday Bhatia Uday Bhatia

कहते हैं कि कुछ बड़ा करने की कोई तय उम्र नहीं होती है. कम उम्र में भी लोग कमाल करते हैं जैसा कि दिल्ली के इस युवा इनोवेटर ने किया है. 12वीं कक्षा के छात्र उदय भाटिया ने अपने स्टार्टअप, उदय इलेक्ट्रिक के साथ हजारों लोगों को आशा की किरण दी है. उन्होंने लोगों की जिंदगी को रोशन करने के लिए ऐसा समाधान तैयार किया है जो न केवल सरल है बल्कि किफायती भी है. 

उदय की सफर आसरा फाउंडेशन की एक पहल के साथ शुरू हुआ. उन्होने उत्तर प्रदेश के बिचपुरी की यात्रा की, जहां उन्होंने गांव के छात्रों की कठिन परिस्थिति ने प्रभावित किया. उदय ने बताया कि गांव में बच्चों की पढ़ाई नियमित रूप से बिजली कटौती के कारण बाधित हो जाती थी और यहां से उनके इनोवेशन आइडिया की शुरूआत हुई.  

YouTube से ली मदद
उदय ने सबसे पहले समस्या का समाधान खोजने की दिशा में काम किया. उन्होंने यूट्यूब की मदद से अपनी राह बनाई. उन्होंने बहुत सी यूट्यूब वीडियो देखी और अपनी छत पर प्रयोग किए. लगभग 24 बार प्रयास करने के बाद, उन्होंने एक इन्वर्टर बल्ब बनाया. यह कोई साधारण बल्ब नहीं है. इस बल्ब में लिथियम-आयन बैटरी है और इस कारण यह बिजली के बिना 8 से 10 घंटे तक जल सकता है. 

मात्र 250 रुपये की कीमत वाला यह बल्ब लंबा चलता है. यह एक साल की वारंटी के साथ आता है. मई 2022 में लॉन्च हुआ यह बल्ब न सिर्फ घरों को रोशन करता है बल्कि बहुत से सपनों को रोशन कर रहा है. कुछ ही महीनों में, 7,000 यूनिट्स राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में लोगों के जीवन को रोशन कर रही हैं. 

17 लाख से ज्यादा टर्नओवर
30,000 रुपये की छोटी सी पूंजी से शुरुआत करके उदय के बल्ब घर-घर में मशहूर हो गए. उन्होंने अपनी पहल में ग्रामीणों को शामिल करके अपने स्टार्टअप को समुदाय-संचालित उद्यम में बदल दिया. उनकी मैन्यूफैक्चरिंग अब आउटसोर्स हो गया है, यह पहल इन क्षेत्रों में कई लोगों के लिए आय का स्रोत बन गई है. इस कारण उदय को 2023 में प्रतिष्ठित डायना पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 

उदय का यह बल्ब अंधेरे से जूझ रहे ग्रामीण परिवारों के लिए उज्जवल भविष्य की ओर एक कदम है. उदय की कहानी इस बात का प्रमाण है कि एक व्यक्ति का संकल्प कितना बदलाव ला सकता है. इसके साथ ही उन्होंने 17.5 लाख रुपये का टर्नओवर भी कमाया है.