नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट 2024 (CUET 2024) का रिजल्ट (Result) जारी कर दिया है. यदि इसमें आपका चयन नहीं हुआ है या मनपसंद कॉलेज में एडमिशन (Admission) का मौका नहीं मिला है तो आपको निराश होने की जरूरत नहीं है.
ऐसे स्टूडेंट्स (Students) को मनचाहे विश्वविद्यालय (University) में दाखिला लेने का दूसरा मौका मिलेगा. आइए जानते हैं इस संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) यानी UGC ने क्या बड़ा ऐलान किया है.
...तो दे सकते हैं एडमिशन
यूजीसी ने गुरुवार को घोषणा किया है कि यदि सीयूईटी स्कोर के जरिए स्नातक (UG) और स्नातकोत्तर (PG) पाठ्यक्रमों (कोर्सेज) की सीटें खाली रह जाती हैं तो केंद्रीय विश्वविद्यालय अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षा (Entrance Examinations) आयोजित कर सकते हैं या योग्यता परीक्षा (क्वालिफाइंग एग्जाम) में अंकों के आधार पर छात्र-छात्राओं को एडमिशन दे सकते हैं. हालांकि, यूजीसी ने यह साफ किया कि स्टूडेंट्स को प्रवेश देने के लिए सीयूईटी के अंक ही मुख्य क्राइटेरिया (प्राथमिक मानदंड) बने रहेंगे.
सीटें खाली रखना है संसाधनों की बर्बादी
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का मानना है कि सीयूईटी में कम अंक आने के आधार पर पूरे शैक्षणिक वर्ष के लिए सीटों को खाली रखना न केवल संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में हायर स्टडीज (उच्च शिक्षा) करने कि चाह रखने वाले कई विद्यार्थियों को क्वालिटी वाली उच्च शिक्षा से वंचित करना है.
यूजीसी के अध्यक्ष ने क्या कहा
यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि यूजीसी के संज्ञान में आया है कि तीन या चार राउंड की काउंसलिंग के बाद भी कुछ विश्वविद्यालयों में सीटें खाली रह जाती हैं. पूरे शैक्षणिक वर्ष के लिए सीटें खाली रखना सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि इसलिए केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अपनी खाली सीटों को भरने में सुविधा प्रदान करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गई है. ऐसे स्टूडेंट्स जो सीयूईटी में उपस्थित हुए हैं, लेकिन उन्होंने पहले संबंधित विश्वविद्यालय में कोर्सेज के लिए आवेदन दिया हो या नहीं दिया हो, उन पर भी विचार किया जा सकता है.
परीक्षा या स्क्रीनिंग टेस्ट कर सकते हैं आयोजित
एम जगदीश कुमार ने कहा कि CUET में उपस्थित होने वाले विद्यार्थियों का उन विषयों में दाखिला पर भी विचार किया जा सकता है, जिन डोमेन सब्जेक्ट पेपरों में बैठे ही नहीं थे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय किसी विशेष कोर्स में प्रवेश के लिए डोमेन सब्जेक्ट स्पेसिफिक क्राइटेरिया में ढील दे सकते हैं.
यदि सीयूईटी में उपस्थित होने वाले आवेदकों की सूची समाप्त होने के बाद भी सीटें खाली रहती हैं तो विश्वविद्यालय अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर सकता है या संबंधित विभाग स्क्रीनिंग टेस्ट आयोजित कर सकता है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय क्वालिफाइंग एग्जाम में हासिल किए गए अंकों के आधार पर भी स्टूडेंट्स को दाखिला दे सकता है. पूरी प्रवेश प्रक्रिया योग्यता और पारदर्शिता पर आधारित होनी चाहिए. विश्वविद्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पूरी प्रवेश प्रक्रिया समय पर हो. आरक्षण रोस्टर सभी मामलों में पाठ्यक्रमों/कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए लागू होगा. इसलिए जो स्टूडेंट्स अपने पसंद के विश्वविद्यालय में एडमिशन लेना चाहते हैं, वे जानकारी चेक करते रहें.
सीयूईटी यूटी प्रवेश परीक्षा के माध्यम यहां होगा दाखिला
सीयूईटी यूटी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU), जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अंबेडकर यूनिवर्सिटी लखनऊ, धर्मशाला यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश, विश्व भारती, राजस्थान यूनिवर्सिटी, हरियाणा यूनिवर्सिटी समेत देश के 260 से अधिक विश्वविद्यालयों में दाखिला होगा.