देशभर में 15 जुलाई को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (CUET UG) 2022 फेज 1 का आयोजन किया गया. हालांकि, कुछ छात्र किसी कारणवश अपने एग्जाम सेंटर्स पर टाइम से नहीं पहुंच पाए, जबकि कुछ उम्मीदवार ऐसे भी थे जिन्होंने आखिरी मिनट पर एग्जाम सेंटर के बदल जाने से अपनी परीक्षा छोड़ दी. यूजीसी के अध्यक्ष ममीडाला जगदीश कुमार ने शनिवार को कहा कि शुक्रवार के सीयूईटी टेस्ट में चूकने वालों के लिए कोई रीटेस्ट आयोजित नहीं किया जाएगा.
पेपर से 2 घंटे पहले पहुंचे एग्जाम सेंटर
दरअसल, पहले ये बात चल रही थी कि जो छात्र किसी कारणवश परीक्षा न दे पाएं उन्हें दोबारा मौका दिया जाएगा. लेकिन अब यूजीसी के अध्यक्ष ने रिपोर्ट्स का खंडन करते हुए कहा है कि रीटेस्ट का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है. यूजीसी अध्यक्ष ने छात्रों से पेपर शुरू होने से 2 घंटे पहले एग्जाम सेंटर पर पहुंचने का आग्रह किया है, जैसा कि एडमिट कार्ड में बताया गया है.
रिपोर्टिंग टाइम के बाद नहीं मिलेगी एंट्री
आपको बताते चलें कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने छात्रों को समय पर पहुंचने की सलाह भी दी है और कहा है कि रिपोर्टिंग टाइम के बाद लोगों को एग्जाम हॉल के अंदर नहीं जाने दिया जाएगा.
यूजीसी के अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने कहा, “कुछ मामलों में, सुबह के स्लॉट में पहला सेशन शुरू होने के बाद, कुछ छात्र रात 9.30 बजे के बाद सेंटर पर पहुंचे. यह एक आम बात है और छात्रों को पहले ही बता दिया गया है कि अगर वे पेपर शुरू होने के 30 मिनट बाद आते हैं, तो उन्हें सेंटर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.”
उम्मीदवारों ने की अंतिम समय में बदलाव की शिकायत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई छात्रों ने बताया कि आखिरी समय में उनके एग्जाम सेंटर बदले गए हैं, जिसकी वजह से उन्हें अपनी यात्रा की योजना बदलनी पड़ी, और उनमें से कई समय पर सेंटर तक नहीं पहुंच सके. गुरुवार को बदले गए एग्जाम सेंटर में द्वारका में नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (NSUT) शामिल था. इस सेंटर को दिल्ली यूनिवर्सिटी के नार्थ कैंपस में बदल दिया गया था.
हालांकि, एनटीए के मुताबिक, इस फैसले की जानकारी छात्रों को टेक्स्ट मैसेज, ईमेल और ऑटोमेटेड फोन कॉल्स के जरिए दी गई थी.
यह पूछे जाने पर कि एग्जाम से एक दिन पहले सेंटर क्यों बदले गए, एनटीए के महानिदेशक विनीत जोशी ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “हम हर पेपर से पहले एक सेंटर पर मॉक टेस्ट करते हैं. थोड़ी सी भी दिक्कत होने पर हमें एग्जाम सेंटर बदलना पड़ता है. और कोई रास्ता नहीं है."