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भारत में जल्द ओपन होंगे विदेशी यूनिवर्सिटीज के कैंपस, जानें क्या होगा एडमिशन लेने का नियम और सिलेबस

अब विदेशी यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए छात्रों को फॉरेन का रुख नहीं करना पड़ेगा. यूजीसी एक नया प्लान लेकर आया है, जिसके तहत अब भारतीय छात्र देश में रहते हुए ही विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले सकेंगे.

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हाइलाइट्स
  • 10 वर्षों के लिए खुलेंगे कैंपस

  • ऑफलाइन ही होगी पढ़ाई

हर साल लाखों भारतीय स्टूडेंट्स हायर एजुकेशन के लिए दूसरे देशों का रुख करते हैं. लेकिन अब उन्हें हायर एजुकेशन के लिए फॉरेन जाने विदेश जाने की जरूरत नही होगी. दरअसल यूजीसी यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन विदेशी यूनिवर्सिटी को भारत में कैंपस ओपन करने के लिए अनुमति दे रही है. इसके बारे में यूजीसी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि किसी भी विदेशी विश्वविद्यालय को यूजीसी की मंजूरी के बिना भारत में अपना कैंपस खोलने की अनुमति नहीं होगी. वहीं शुरुआती मंजूरी दस साल के लिए होगी. 

कितने सालों के लिए खुलेंगे कैंपस
यूजीसी की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक भारत में कैंपस खोलने वाली विदेशी युनिवर्सिटी को शुरू में 10 साल के लिए अनुमति दी जाएगी. उसके बाद आगे का निर्णय कुछ शर्तों को पूरा करने के बाद लिया जाएगा. 

एडमिशन लेने का नियम
भारत में अपना कैंपस ओपन करने वाली विदेशी यूनिवर्सिटी का एडमिशन प्रोसेस को वह खुद बनाएंगी. उसी एडमिशन प्रोसेस के हिसाब से फीस भी अपने हिसाब से तय कर पाएंगी. 

कैसे होगा रजिस्ट्रेशन
भारत में कैंपस ओपन करने के लिए विदेशी यूनिवर्सिटी को यूजीसी की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगी. 

यूनिवर्सिटी ओपन करने में कितना लगेगा समय
विदेशी यूनिवर्सिटीज को अपना कैंपस भारत में दो साल के अंदर स्थापित करना होगा. यूजीसी की तरफ से फाइनल मंजूरी मिलने के बाद उन्हें 45 दिनों के अंदर कैंपस को ऑपरेशनल भी करना होगा. 

कैंपस ओपन करने के लिए किससे लेनी होगी मंजूरी
भारत में अपना कैंपस ओपन करने के लिए यूजीसी की मंजूरी की जरूरत होगी. यूजीसी की मंजूरी के बिना वह अपना कैंपस भारत में नहीं खोल सकते हैं. 

सिलेबस में क्या होगा फर्क 
यूजीसी की गाइडलाइन के मुताबिक विदेशी यूनिवर्सिटीज को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके भारतीय कैंपस में दी जाने वाली एजुकेशन की क्वालिटी उनके मेन कैंपस के समान ही गुणवत्तापूर्ण हो. 

कैसे होगी पढ़ाई
भारत में कैंपस खोलने वाली विदेशी यूनिवर्सिटीज को कैंपस में फिजिकल क्लास के लिए फुल-टाइम प्रोग्राम को पेश करना होगा. उन्हें यूजीसी की तरफ से ऑनलाइन या डिस्टेंस एजुकेशन देने की मंजूरी नहीं होगी. 

क्या आरक्षण नीति होगी लागू
भारत में ओपन होने वाली विदेशी यूनिवर्सिटीज को एडमिशन से हर निर्णय वह खुद लेगी, इसमें यूजीसी की कोई भूमिका नहीं होगी. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था हो सकती है, जैसे कि विदेशों में यूनिवर्सिटीज में देखने को मिलता है.