यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं 16 फ़रवरी 2023 से शुरू हो रही हैं. इस बार परीक्षा में नक़ल रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए गए हैं. नक़ल कराने वालों पर जहां NSA के तहत कार्रवाई होगी. वहीं पहली बार उत्तर पुस्तिकाओं (Answer COPIES) में बार कोंडिंग (Bar Coding) की गयी है.
बोर्ड परीक्षा की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने कोऑर्डिनेशन तीन महीने पहले से ही शुरू कर दिया था. यूपी पुलिस की एसटीएफ़ नक़ल माफियाओं पर नज़र रखेगी.
राज्य स्तर पर बने कंट्रोल रूम
यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के लिए इस बार बड़ी तैयारी की गयी है. पहली बार लखनऊ में एक की जगह दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. मुख्य कंट्रोल रूम से प्रदेश के सभी 8753 परीक्षा केंद्रों की मॉनिटरिंग होगी. कंट्रोल रूम में बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी रहेंगे.
कंट्रोल रूम में प्रदेश के सभी मंडलों और ज़िलों के लिए अलग-अलग डेस्क बनाया गया है. जिसकी जिम्मेदारी अलग-अलग स्टाफ़ की होगी. अपने कम्प्यूटर पर एक क्लिक के ज़रिए कंट्रोल रूम से ये कर्मचारी निर्धारित ज़िले के किसी भी परीक्षा केंद्र को देख पाएंगे.
पारदर्शी तरीके से करानी है परीक्षा
बताया जा रहा है कि नकल रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों पर भी CCTV कैमरे लगाए गए हैं. कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी संभाल रहे संयुक्त शिक्षा निदेशक भगवती सिंह ने बताया कि सिर्फ़ परीक्षा हॉल ही नहीं परीक्षा केंद्र के प्रवेश द्वार (entrance ) और स्ट्रॉन्ग रूम भी कंट्रोल रूम से देखा जा सकेगा. सभी 75 ज़िलों में भी कंट्रोल रूम होंगे.
ज़िला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के साथ तालमेल रहेगा. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक करके यूपी बोर्ड की परीक्षाओं को नक़ल विहीन करने और पारदर्शिता से परीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं. पहली बार उत्तर पुस्तिकाओं पर बार कोडिंग की गयी है और उत्तर पुस्तिकाओं की सिलाई भी की गयी है. संयुक्त शिक्षा निदेशक, यूपी बोर्ड भगवती सिंह कहते हैं कि यह एक बड़ा कदम होगा. क्योंकि कॉपीज़ पर बार कोडिंग से आन्सर कॉपीज़ बदली नहीं जा सकेंगी.
नक़ल कराने वालों पर NSA के तहत कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बैठक की और कड़े निर्देश दिए हैं. खास कर कि संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर. ये माना गया है कि बोर्ड परीक्षा में नक़ल करवाना और शुचिता भंग करना न सिर्फ़ छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है बल्कि पूरी व्यवस्था को नुक़सान पहुंचाना है.
इसके लिए सुनियोजित नक़ल पर NSA के तहत कार्रवाई होगी तो नक़ल में शामिल मिलने पर कक्ष निरीक्षकों के ख़िलाफ़ FIR भी होगी. संयुक्त निदेशक, माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश भगवती सिंह का कहना है कि जो लोग सुनियोजित नक़ल कराते पाए जाएंगे उन पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी. जबकि नक़ल करने वाले छात्रों पर पहले की तरह ही अनुचित साधनों का प्रयोग करने के तहत ही कार्रवाई होगी.
4 मार्च तक चलेंगी परीक्षा
यूपी बोर्ड में इस बार 58 लाख 85 हज़ार 745 छात्रों ने रेजिस्ट्रेशन कराया है. इसमें हाई स्कूल के छात्रों को संख्या 31 लाख 16 हज़ार 487 है तो वहीं इंटरमीडीएट के परीक्षार्थियों की संख्या 27 लाख 69 हज़ार से 258 है. प्रदेश भर में परीक्षा कराने के लिए 8753 परीक्षा केंद्र बनाए गए पहले के वर्षों में नक़ल में पकड़े गए परीक्षा केंद्रों को ब्लैकलिस्ट किया गया है और इस बाद परीक्षा केंद्र नहीं बनाए गए हैं. यूपी बोर्ड परीक्षा 4 मार्च तक चलेगी.