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UP Board: यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाएं कल से...नकल रोकने के लिए पहली बार शिक्षकों का बार कोड युक्त I-card बना

यूपी बोर्ड की परीक्षाएं कल से चालू हैं.ऐसे में छात्र नकल न कर सकें इसके खास इंतजाम किए गए हैं. Whatsapp से लेकर सोशल मीडिया तक हर तरफ से इसे मॉनिटर किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बोर्ड परीक्षा की तैयारी को परखने के लिए समीक्षा बैठक की थी.

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यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 22 फरवरी से शुरू हो रही हैं. इस बार नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए पहली बार कक्ष निरीक्षकों का बार कोड युक्त I-card बनाया गया है. वहीं परीक्षा की पांच स्तरीय मॉनिटरिंग भी होगी. शिक्षा विभाग के साथ यूपी पुलिस ने भी नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए तैयारी कर चुकी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बोर्ड परीक्षा की तैयारी को परखने के लिए समीक्षा बैठक की. नकल कराने वालों से लेकर पेपर लीक करने वालों को जेल भेजने की तैयारी की गयी है. whatsapp से लेकर सोशल मीडिया तक मॉनिटर किया जा रहा है ताकि किसी भी तरह की अराजकता पर कार्रवाई हो सके.

स्ट्रॉन्ग रूम्स बनाए गए हैं
यूपी बोर्ड में दसवीं और बारहवीं की परीक्षा 22 फरवरी से 9 मार्च तक होगी. इसके लिए 55 लाख 25 हजार 308 परीक्षार्थियों में रजिस्ट्रेशन कराया है. हाई स्कूल में परीक्षार्थियों की संख्या 29 लाख 47 हजार 311 है जबकि इंटरमीडीएट में ये संख्या 25 लाख 77 हजार 997 है. इनकी परीक्षा के लिए यूपी में 8265 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. लखनऊ में शिक्षा निदेशालय के मुख्य कंट्रोल रूम बनाया गया है. इससे पूरे प्रदेश के परीक्षा केंद्रों और स्ट्रॉन्ग रूम्स (strong rooms) पर नजर रखी जाएगी. अपर मुख्य सचाई माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार ने बताया कि इस बार कंट्रोल रूम की संख्या बढ़ाई गयी है. शिक्षा निदेशालय में मुख्य कंट्रोल रूम होगा जबकि विद्या समीक्षा केंद्र, लखनऊ में एक और कंट्रोल रूम बनाया गया है. इसके अलावा 5 क्षेत्रीय सेंटर में भी कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. हालांकि परीक्षा केंद्रों की ज़्यादा संख्या को देखते हुए पहली की तरह हर जिले में भी कंट्रोल रूम्स बनाया गया है.

लगाए गए हैं सीसीटीवी कैमरे
यूपी बोर्ड को नकल विहीन कराने के लिए लखनऊ में निदेशालय में बना कंट्रोल रूम सबसे अहम है. यहां सभी मंडलों और सभी जिलों के लिए अलग-अलग डेस्क बनाए गए हैं. प्रदेश भर के किसी भी केंद्र पर यहां से बारीक नजर रखी जा सकती है. कंट्रोल रूम में सभी ज़िलों के लिए अलग-अलग स्टाफ नियुक्त किए गए हैं जो कम्प्यूटर पर एक एक गतिविधि को देखेंगे. इसके लिए न सिर्फ हर परीक्षा कक्ष में बल्कि हर स्ट्रॉन्ग रूम्स में नजर रखी जा सकेगी. हर परीक्षा कक्ष में CCTV कैमरे लगाए गए हैं. कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी सम्भालने वाले उप शिक्षा निदेशक विवेक कुमार नौटियाल ने बताया कि 'इस बार यूपी बोर्ड के इतिहास में पहली बार फर्जी कक्ष निरीक्षकों को रोकने के लिए बार कोड युक्त I-card भी जारी किया गया है.'पूरे प्रदेश में कक्ष निरीक्षकों की संख्या 2 लाख 99 हजार 121 है. इतनी बड़ी संख्या में छात्रों और शिक्षकों पर नज़र रखने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश ने बहुत पहले से तैयारी शुरू कर दी थी.

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बोर्ड के सामने चुनौती
यूपी के शिक्षा विभाग के साथ यूपी STF भी नकल विहीन परीक्षा कराने में के लिए काम करेगा. जहां बाहर किसी भी गड़बड़ी या संगठित नकल गिरोह पर कार्रवाई की जिम्मेदारी यूपी पुलिस की होगी. वहीं परीक्षा केंद्रों में नक़ल रोकने की ज़िम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा विभाग की होगी. इस बार संवेदनशील परीक्षा केंद्रों की संख्या 776 है जबकि अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्रों की संख्या 275 है. ये केंद्र यूपी एसटीएफ की निगरानी में होंगे. स्ट्रॉन्ग रूम और संकलन केंद्र सशस्त्र बलों की निगरानी में होंगे. माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश परीक्षा कराने वाला दुनिया का सबसे बड़ा बोर्ड है. पिछले साल बोर्ड ने नक़ल विहीन परीक्षा कराने में सफलता हासिल की थी. 27 साल बाद ये पहला मौका था जब यूपी बोर्ड के किसी पेपर को कैन्सल नहीं करना पड़ा था. इस बार इसलिए बोर्ड के सामने बड़ी चुनौती है. इसके लिए 8265 स्टेटिक मजिस्ट्रेट और 1297 सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं जिन पर परीक्षा सुचारु रूप से कराने की ज़िम्मेदारी होगी.