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UP Board Secondary Sanskrit Education Result 2023: 12वीं कक्षा के मुस्लिम लड़के ने यूपी बोर्ड परीक्षा में संस्कृत में किया टॉप...बनना चाहते हैं संस्कृत के टीचर

12वीं में मुस्लिम छात्र इरफान ने टॉप किया है.17 साल के इरफान ने 82.71 फीसदी अंक हासिल कर 80.57 फीसदी अंक हासिल करने वाली गंगोत्री देवी को पछाड़कर पहला स्थान हासिल किया है.

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उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा बोर्ड ने 10वीं, 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है. छात्र आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं. सलाउद्दीन खुश हैं कि उनके बेटे इरफान ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद बोर्ड की उत्तर मध्यमा-II (कक्षा 12) की परीक्षा में टॉप किया है. 17 साल के इरफान ने 82.71 फीसदी अंक हासिल कर 80.57 फीसदी अंक हासिल करने वाली गंगोत्री देवी को पछाड़कर पहला स्थान हासिल किया है.

संस्कृत शिक्षक बनने की इच्छा रखने वाले इरफान कक्षा 10 और कक्षा 12 की परीक्षाओं में शीर्ष 20 स्कोर करने वालों में एकमात्र मुस्लिम हैं. उन्होंने 12वीं की परीक्षा में बैठने वाले 13,738 छात्रों को पछाड़ा है. 10वीं कक्षा की परीक्षा (पूर्व मध्यमा-द्वितीय) में बलिया जिले के आदित्य 92.50 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान पर रहे.

मैंने उसे नहीं रोका- इरफान के पिता
इरफान के पिता से जब पूछा गया कि क्या इरफान के संस्कृत विषय चुनने पर कोई दिक्कत हुई ? इस बात पर सलाउद्दीन ने इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से कहा, 'नहीं, कुछ भी नहीं. मैं खुश था कि उसने अध्ययन के लिए एक अलग विषय चुना था और मैंने उसे प्रोत्साहित किया. यह एक अलग पसंद थी क्योंकि हम मुसलमान हैं, लेकिन वह इसके लिए उत्सुक था इसलिए मैंने उन्हें नहीं रोका. ये चीजें हमारे लिए मायने नहीं रखतीं.”

इरफान के पिता ने कहा, "हम इस सोच से सहमत नहीं हैं कि केवल हिंदुओं को संस्कृत का अध्ययन करना चाहिए और केवल मुसलमानों को उर्दू का अध्ययन करना चाहिए. यदि वह प्राथमिक और जूनियर कक्षाओं में इस विषय का अध्ययन कर रहा है तो वह आगे भी इसका अध्ययन कर सकता है. इसमें गलत क्या है? मुझे कुछ भी गलत नहीं दिखता. वह संस्कृत साहित्य का अध्ययन करना चाहता है और मैं उसे कभी भी कुछ ऐसा करने से नहीं रोकूंगा जिसके लिए वह उत्सुक है. मुझे उस पर बहुत गर्व है." लखनऊ में बुधवार को बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के नतीजे घोषित किए गए. परीक्षाएं 23 फरवरी से 20 मार्च तक हुई थीं.

कहां के रहने वाले हैं इरफान?
इरफान अपने मां-बाप के इकलौते बच्चे हैं. वो सकलडीहा तहसील के तहत चंदौली जिले के जिंदासपुर गांव के रहने वाले हैं.  उनके पिता ने बीए तक की पढ़ाई की है और खेतों में मजदूरी का काम करते हैं. यह बताते हुए कि इरफान ने संस्कृत में रुचि कैसे विकसित की, सलाउद्दीन ने कहा, “जब यह एक अनिवार्य विषय था तब उसने जूनियर कक्षाओं में संस्कृत का अध्ययन शुरू किया. उसे यह विषय पसंद आया और उसने कहा कि वह इसे और आगे बढ़ाना चाहता है इसलिए मैंने उसे संस्कृत पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.” "वह शास्त्री (बी एड के समकक्ष) और आचार्य (एमए के समकक्ष) करना चाहता है और फिर संस्कृत शिक्षक बनना चाहता है."

इरफान के पिता ने कहा कि वो हमेशा से काफी आत्म-प्रेरित रहा है. हमें कभी भी उस पर पढ़ाई के लिए जोर नहीं डालना पड़ा. उसे घर में किसी से कोई मदद नहीं मिलती थी क्योंकि हममें से कोई भी संस्कृत नहीं जानता. वह स्कूल में अपने शिक्षकों की मदद लेता था और रोजाना तीन से चार घंटे घर पर पढ़ता था.