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UP PAL LAB: यूपी में बदल रही है Government Schools की तस्वीर! Tablet के माध्यम से बच्चों की हो रही है पढ़ाई

UP Government School: यूपी के सरकारी स्कूल में बच्चे अब टैबलेट से पढ़ाई कर रहे हैं. राज्य के 4 जिलों के सरकारी स्कूलों में नीति आयोग के सहयोग से पाल लैब बनाया गया है जिसमें बच्चे डिजिटल माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. चंदौली जनपद के कुल 70 परिषदीय विद्यालयों में यह लैब खोला गया है और हर एक लैब में 50 टेबलेट उपलब्ध कराए गए हैं.

यूपी के सरकारी स्कूल में टेबलेट के माध्यम से पढ़ रहे हैं बच्चे यूपी के सरकारी स्कूल में टेबलेट के माध्यम से पढ़ रहे हैं बच्चे
हाइलाइट्स
  • यूपी के स्कूलों में टेबलेट के माध्यम से पढ़ रहे हैं बच्चें

  • नीति आयोग के सहयोग 4 जिलों में चलाई जा रही है पाल लैब

UP Government Schools: उत्तर प्रदेश में सरकारी विद्यालयों की अब तस्वीर बदल रही है. एक तरफ जहां स्कूल की बिल्डिंग और रखरखाव के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं में बदलाव लाया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ छात्र-छात्राओं की बेहतर पढ़ाई के लिए आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल हो रहा है. कक्षा 1 से लेकर 8 तक के बच्चों को बेहतर तरीके से शिक्षा देने के लिए अब सरकारी स्कूलों में भी टेबलेट लैब खोले जा रहे हैं. यूपी के चंदौली सहित चार जिलों में नीति आयोग की मदद से टेबलेट लैब खोले गए हैं जहां बच्चे ऑडियो विजुअल माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं और इसमें उनको बहुत मजा भी आ रहा है.

सरकारी स्कूलों में शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने यह योजना शुरू की है. जिसके तहत परिषदीय विद्यालयों में पाल लैब (PAL LAB) यानी Personality and adaptive learning सिस्टम की शुरुआत की गई है. फिलहाल इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश के चार जिलों में हो चुकी है. जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश का चंदौली जिला भी शामिल है. चंदौली जनपद के अलग-अलग कुल 70 परिषदीय विद्यालयों में यह लैब खोला गया है और हर एक लैब में 50 टेबलेट उपलब्ध कराए गए हैं.

नीति आयोग से सहयोग से चला जा रहा है पाल लैब प्रोग्राम

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंदौली सत्येंद्र कुमार सिंह बताया है कि यह पर्सनलाइज्ड  एडाप्टिव लर्निंग प्रोग्राम है. जो नीति आयोग के सहयोग से हमारे जनपद में संचालित हो रहा है. पूरे प्रदेश में जो चार आकांक्षात्मक जिले हैं उसमें यह योजना संचालित की जा रही है. इसके माध्यम से बच्चों को डिजिटल शिक्षा दी जाती है. इसमें जो कंटेंट हैं वह कंटेंट हमारे परिषदीय विद्यालय की किताबों में है. इस पॉल लैब का विशेष महत्त्व इसलिए भी है कि इसमें हर बच्चे के अपने लर्निंग लेवल के हिसाब से क्वेश्चनायर आता है. जिससे बच्चा सवाल हल करता जाता है और उसी के लर्निंग लेवल के हिसाब से आगे के कैप्शन आते हैं. अगर बच्चा तेज़ है तो अपना लेवल कंप्लीट कर लेता है और अगले लेवल का सवाल आ जाता है. इससे यह भी होता है कि उस बच्चे का लर्निंग लेवल क्या है और उसकी क्षमता क्या है इसका भी निर्धारण होता है. इसमें बच्चों का बहुत ही ज्यादा इंटरेस्ट देखने को मिल रहा है. हर विद्यालय पर इसके लिए दो नोडल टीचर लगाए गए हैं और हेड टीचर उनकी मानिटरिंग करते हैं जिला स्तर पर भी इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है.

पाल लैब
पाल लैब

बच्चों के दिया गया है यूजर नेम और पासवर्ड

दरअसल एक दौर था जब उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लोग अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए नहीं भेजना चाहते थे. लेकिन सरकार ने परिषदीय विद्यालयों की दशा और दिशा सुधारने की दिशा में कई काम किए. एक तरफ जहां स्कूल की बिल्डिंग को आधुनिक रंग रूप दिया गया. वहीं दूसरी तरफ खेल खेल में शिक्षा प्रणाली भी लागू की गई. कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर स्कूलों में प्रोजेक्टर से पढ़ाई की सुविधा भी बेसिक शिक्षा विभाग ने बहाल किया. परिषदीय विद्यालयों में छात्रों को टेबलेट के माध्यम से शिक्षा देने की शुरुआत की गई है. इस टेबलेट में छात्रों के लिए पढ़ाई का डाटा पहले से ही फीड है. जो एक किसी मोबाइल गेम की तर्ज पर काम करता है. इस टैबलेट में ऐसी प्रोग्रामिंग फीड की गई है.ताकि इसके माध्यम से पढ़ाई करने वाले बच्चे स्टेप बाई स्टेप आगे की चीजों को सीखते जाएं. टेबलेट इस्तेमाल करने वाले इन बच्चों को यूजर नेम और पासवर्ड भी दिया गया है.

बच्चों को पढ़ाई में आ रहा है मजा

चंदौली स्कूल में पढ़ने वाले छात्र सूरज कुमार ने बताया कि हम लोगों को यहां बहुत अच्छा लग रहा है. इसमें सवाल आता है और हम लोग हल करते हैं. इसको खोलने में भी आसान है हम लोगों को पासवर्ड भी मिला है. हम लोग अपने से ही कर लेते हैं. इसमें हिंदी गणित और विज्ञान है. पहले से हम लोगों की पढ़ाई में काफी फर्क आया है. कक्षा में अध्यापक रहे या ना रहे, लेकिन हम लोगों को अपना यूजरनेम पासवर्ड मालूम है. इससे पढ़ाई आसान हो गई है. इसके साथ एक अन्य छात्र आकांक्षा ने कहा, कि इस पाल लैब में पढ़ने से हम लोग बहुत तेज हो गए हैं. हम लोग आसानी से पढ़ सकते हैं और इसमें हिंदी गणित और विज्ञान है और प्राइमरी वालों के लिए गणित और हिंदी है.