संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने बुधवार को कहा कि सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा, 2021 इस शुक्रवार को कार्यक्रम के अनुसार शुरू होगी. हालांकि उम्मीदवारों के एक समूह ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एग्जाम की तारीख को आगे बढ़ाने की याचिका दायर की है क्योंकि कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं. इस मामले की सुनवाई गुरूवार को होगी.
यह परीक्षा 7-9 और 15-16 जनवरी को होनी है. भारत ने बुधवार को 58,000 से कोविड-19 मामले मिले हैं.
यूपीएससी का अखना है कि पहले से तय शेड्यूल के अनुसार परीक्षा आयोजित करने का फैसला "कोविड-19 महामारी के कारण मौजूदा स्थिति की सावधानीपूर्वक समीक्षा करने के बाद" और "सरकारों द्वारा लगाए जा रहे प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए" लिया गया है.
उम्मीदवारों को परीक्षा-केंद्र पहुंचने में न हो परेशानी:
उन्होंने राज्य सरकारों से पब्लिक ट्रांसपोर्ट को चालू रखने का आग्रह किया है ताकि उम्मीदवारों और परीक्षा अधिकारियों को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में परेशानी न हो. खासकर कि कोरोना के रेड जोन इलाकों से आने वाले लोगों को. अगर आवश्यक हो तो उम्मीदवारों के ई-प्रवेश पत्र और पदाधिकारियों के आईडी कार्ड को पास के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
पहली परीक्षा से एक दिन पहले शाम में दिल्ली हाई कोर्ट कुछ उम्मीदवारों की याचिका पर सुनवाई करेगा. इन उम्मीदवारों ने अपनी प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली है और अब मुख्य परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे हैं.
उम्मीदवारों ने दायर की याचिका:
उम्मीदवारों का कहना है कि कोरोना को लेकर बढ़ रहे खतरे के कारण उन्होंने याचिका दायर की है.
याचिका में कहा गया है कि यूपीएससी वीकेंड कर्फ्यू, रात के कर्फ्यू और बंद सहित सख्त निर्देशों के बावजूद उनके कानूनी और मौलिक अधिकारों की पूरी तरह से अवहेलना करते हुए अपना शेड्यूल बनाए हुए है. मुख्य परीक्षा में नौ परीक्षाएं होनी है जिनके लिए छात्रों को न सिर्फ परीक्षा केंद्रों तक ट्रेवल करना है बल्कि कहीं आसपास के इलाकों में 10 दिन तक रहना भी पड़ेगा.
यूपीएससी कर रहा है सुरक्षा प्रोटोकॉल फॉलो:
हालांकि यूपीएससी ने अपने बयान में दोहराया कि उम्मीदवारों और परीक्षा अधिकारियों की सुरक्षा के लिए कोरोना से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाएगा. व्यक्तिगत स्वच्छता, सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर मास्क पहनने तक, सभी प्रोटोकॉल फॉलो किये जायेंगे.
साथ ही अगर किसी छात्र में खांसने, छींकने, सांस लेने में तकलीफ या बुखार जैसे लक्षण दिखे तो उनके भी हर एक केंद्र पर दो अतिरिक्त कमरों की व्यवस्था की गई है ताकि वे उचित सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत परीक्षा लिख सकें.
आईएएस, आईएफएस और आईपीएस सहित अन्य अधिकारियों का चयन करने के लिए हर साल सिविल सेवा परीक्षाएं तीन चरणों - प्रारंभिक, मुख्य और इंटरव्यू में आयोजित की जाती हैं.