कहते हैं कि जब दृढ़ संकल्प के साथ कुछ करने को ठान लिया जाए तो फिर लक्ष्य चाहे कितना भी बड़ा हो फर्क नहीं पड़ता. एक दिन वो हासिल हो ही जाता है. इसे सही साबित किया है मुजफ्फरपुर के सायम रजा ने. देश के सबसे कठिन परीक्षा UPSC को सेल्फ स्टडी के दम पर पास कर सायम ने साबित कर दिया कि खुद पर विश्वास हो और मेहनत किया जाए तो क्या कुछ हासिल नहीं किया जा सकता. खास बात ये कि सायम ने इस लक्ष्य को पाने के लिए लाखों की नौकरी छोड़ दी थी.
पाई 188 वीं रैंक
सायम रजा ने सेल्फ स्टडी के दम पर देश के सबसे कठीन परीक्षा में 188वीं रैंक लाकर जिले का नाम रोशन किया है. रिजल्ट आने के बाद घर में खुशी का माहौल है. माता-पिता बेटे की सफलता बाद काफी खुश हैं. और रिश्तेदारों को फोन कर बधाई दे रहे हैं. सायम की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई मुजफ्फरपुर से ही हुई. इसके बाद बीटेक करने के लिए बेंगलोर चले गए. पढ़ाई पूरी करने के बाद कैंटर कंपनी में सायम ने डेटा साइंटिस्ट के रूप में किया. कुछ सालों तक काम करने के बाद UPSC की तैयारी के लिए लाखों की नौकरी छोड़ दी और मुजफ्फरपुर वापस आ गए.
सेल्फ स्टडी के दम पर पाई सफलता
सायम राजा ने बताया कि वे पहले जॉब कर रहे थे. सैलरी अच्छी होने के बाद भी संतुष्टी नहीं मिल रही थी.उन्होंने कहा कि मुझे लग रहा था कि मैं कुछ ऐसा काम करुं जिसके जरिए लोगों की मदद कर पाऊं. सिविल सर्विस वो जगह है जहां लोगों से जुड़कर काम कर सकते हैं. मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं छोटे-छोटे कामों में ही लोगों को मदद कर सकूं तो मुझे अच्छा लगेगा. यही मेरा मोटिवेशन था. इसके बाद मैं जॉब छोड़ कर घर चला आया. और UPSC के लिए सेल्फ स्टडी करना शुरू कर दिया.
घर से काम करने का बनाया बहाना
सायम के पिता ने कहा कि जब उनके बेटे ने बताया कि वह UPSC की तैयारी करना चाहता है तो उनको खुशी हई और तैयारी के लिए हामी भर दी. इसके बाद सायम नौकरी छोड़ घर आ गए. सायम के पिता ने बताया कि सायम ने एक साल तक लोगों को बताया कि वर्क फ्रॉम होम के रूप में घर से जॉब कर रहा है. लेकिन मुझे उसपर भरोसा था. आज रिजल्ट आया है तो काफी खुशी हो रही है. वही सायम की मां रोही फातिमा ने बताया कि बेटे ने उनका सपना पूरा कर दिया है. घर परिवार या रिश्तेदार में इससे पहले किसी ने यूपीएससी की परीक्षा पास नहीं की है.
(मणि भूषण शर्मा की रिपोर्ट)