

"अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती"- इस कहावत को सच कर दिखाया है यूपीएससी में सफलता पाने वाली औरैया की बेटी तान्या गुप्ता ने. महज ढाई साल की उम्र में अपने पिता को खो चुकी तान्या ने जीवन की तमाम मुश्किलों को पार करते हुए इस साल UPSC परीक्षा में 720वीं रैंक हासिल कर पूरे जिले का नाम रोशन किया है.
तान्या का परिवार, जो औरैया जिले के दिबियापुर कस्बे में रहता है, आज खुशी से झूम उठा है. तान्या की इस कामयाबी पर घर में जश्न का माहौल है. रिश्तेदारों, पड़ोसियों और परिचितों का तांता लगा हुआ है, जो इस संघर्षशील बेटी को बधाई देने आ रहे हैं.
पिता का साया बचपन में ही उठ गया, मां और दादी बनीं सहारा
तान्या के पिता का निधन वर्ष 2000 में एक बीमारी के कारण हो गया था. तब तान्या की उम्र महज ढाई साल थी. उस समय उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. लेकिन मां और दादी ने हार नहीं मानी. उन्होंने तान्या की परवरिश और पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी. तान्या की मां ने बताया, “उसके पापा के जाने के बाद हम टूट गए थे, लेकिन मैंने और उसकी दादी ने उसे संभाला, पढ़ाया और हर मोड़ पर उसका हौसला बढ़ाया.”
तान्या की चाची ने भावुक होते हुए कहा, “आज जो खुशी हमें मिली है, वो शब्दों में बयां नहीं की जा सकती. जब भाई का निधन हुआ, तान्या बहुत छोटी थी, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी. त्यौहारों पर भी वह मुश्किल से ही आती थी. पढ़ाई ही उसकी प्राथमिकता थी.”
शुरुआती शिक्षा और पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन
तान्या की शुरुआती पढ़ाई NTPC स्कूल, दिबियापुर से हुई. यहां उसने 12वीं की परीक्षा में जिले में टॉप किया. इसके बाद उसके परिवार ने उसे आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली भेज दिया. दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित हंसराज कॉलेज से तान्या ने B.Sc और फिर M.Sc की डिग्री हासिल की.
तान्या ने पढ़ाई के साथ-साथ UPSC की तैयारी भी शुरू कर दी थी. उसने बताया कि ये रास्ता आसान नहीं था. कई बार हताशा और असफलता हाथ लगी, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी.
पांचवां प्रयास, सात साल की मेहनत और आखिरकार सफलता
पांचवें प्रयास में तान्या को वह सफलता मिली, जिसका उसे वर्षों से इंतजार था. सात साल की कठोर मेहनत और समर्पण का फल आज सामने है.
तान्या की मां ने बताया, “वह दिन-रात एक करके पढ़ाई करती थी. कभी कोई शिकायत नहीं की. जब भी बात होती थी, सिर्फ पढ़ाई और परीक्षा की ही बातें होती थीं.”
घर में खुशी की लहर, चाचा बोले- "भतीजी ने रच दिया इतिहास"
तान्या के चाचा डॉ. श्याम गुप्ता, जो कि एक प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक हैं, ने बताया कि तान्या शुरू से ही शांत स्वभाव और अनुशासित रही है.
तान्या की सफलता न केवल उसके परिवार बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व का विषय है. यह कहानी हर उस बच्चे के लिए प्रेरणा है जो मुश्किल हालातों से जूझ रहा है. तान्या की सफलता यह संदेश देती है कि सही मार्गदर्शन, आत्मविश्वास और निरंतर प्रयास से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है.
(रिपोर्टर: सूर्य शर्मा)