
सोनीपत के रहने वाले डॉ. श्रेयक गर्ग ने प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा में 35वीं रैंक हासिल कर मिसाल पेश की है. डॉक्टर श्रेयक गर्ग ने जब इंटर्नशिप के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं को देखा तो उन्होंने पॉलिसी बनाने वाले आईएएस की लॉबी में शामिल होने का फैसला किया. अब यूपीएससी के नतीजे को देखकर उनका सपना पूरा होता हुआ नजर आ रहा है.
उनके पिता सोनीपत के दीनबंधु छोटूराम विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं. डॉ. श्रेयक गर्ग ने बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र के वर्धा में महात्मा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (MGIMS) से MBBS की डिग्री भी हासिल की है. इसके बाद प्रशिक्षण के लिए जब वह ग्रामीणों के बीच पहुंचे तो उन्होंने वहां के हालात देखें और उनकी मदद करने की ठानी. लेकिन मदद करने के लिए उन्हें बड़े पद पर जाना जरूरी था. जिसके बाद उन्होंने 2022 में बगैर तैयारी के ही यूपीएससी का एग्जाम दिया था और फिर तैयारी शुरू कर दी.
हासिल की 35वीं रैंक
तैयारी करते हुए 2024 में उन्होंने दोबारा एग्जाम दिया और उसके बाद अब उन्होंने 35वीं रैंक हासिल की है. डॉ. श्रेयक गर्ग ने कहा कि उन्हें लोगों की सेवा करने लिए सिविल सर्विसेज में जाना था और उसी के लिए मेहनत की और नतीजा सभी के सामने है. तैयारी के लिए सोशल मीडिया और मोबाइल से भी दूरी बनाए रखी. साथ में 6 से 9 घंटे तक पढ़ाई की और इस दौरान उन्होंने अपने दोस्तों से भी दूरी बना ली. लेकिन अब जैसे ही नतीजे आए तो उसे देखकर उन्हें सुकून मिला है.
डॉ. श्रेयक गर्ग के पिता एसके गर्ग का कहना हैं कि उनके दादा का सपना था कि परिवार में कोई बड़ा अधिकारी बने और एक डॉक्टर भी हो. उनके बेटे ने पहले MBBS की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद अब वह अधिकारी बना है. श्रेयक की मां संध्या अपने बेटे की इस उपलब्धि पर फूली नहीं समा रही है. उन्होंने कहा कि उनका बेटा हमेशा से ही पढ़ाई में अच्छा रहा है. उनकी इस बार वाली परीक्षा अच्छे से हुई थी लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वह 35वीं रैंक ले आएंगे.
(पवन राठी की रिपोर्ट)