कहते हैं एक आदमी की सफलता के पीछे एक औरत का हाथ होता है. ऐसे ही कहानी यूपीएससी में 7वीं रैंक पाने वाले सम्यक जैन की है. सम्यक की कामयाबी के पीछे भी उनकी मां का हाथ है. दरअसल, सम्यक जैन विज़ुअली इम्पेयर्ड हैं जिसकी वजह से उनकी मां ने ही यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा में उनके पेपर लिखे हैं. मूलतः दिल्ली के रहने वाले सम्यक बताते हैं कि उनकी ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी से हुई है. इसके बाद साल 2018-19 में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मास कम्युनिकेशन गए और वहां से जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा किया. साल 2021 में वे जेएनयू से अपनी मास्टर्स डिग्री पूरी कर चुके हैं. वहां से सम्यक ने इंटरनेशनल स्टडीज में डिग्री हासिल की है.
यूपीएससी ने सोमवार को सिविल सेवा परीक्षा 2021 के परिणाम घोषित कर दिए हैं. सातवीं रैंक पाने वाले सम्यक जैन बताते हैं कि वे दिल्ली के शाहदरा के ही रहने वाले हैं और सिविल सेवा परीक्षा में इस बार उनका दूसरा प्रयास था.
सम्यक जैन से GNT Digital ने बात की. चलिए पढ़ते हैं बातचीत के मुख्य अंश-
आईएएस बनने का कब सोचा?
जेएनयू से इंटरनेशनल स्टडीज में एमए कर चुके सम्यक ने बताया कि उन्हें इस एग्जाम को क्लियर करने की प्रेरणा जेएनयू से मिली. सम्यक कहते हैं, “जब मैं जेएनयू गया तो मैंने अपने आस पास देखा कि सभी लोग कुछ न कुछ तैयारी कर रहे हैं. मुझे समझ आया कि यूपीएससी क्या चीज़ है और आईएएस क्या है. मुझे लगा कि हमारे आसपास की चीज़ों को बदलने की जो एजेंसी है वो आईएएस है. और वो एक काफी बड़ा मोटिवेटिंग फैक्टर था जिससे मेरा ये यूपीएससी का सफर शुरू हुआ.”
तैयारी करने को लेकर परिवार का क्या रिएक्शन था?
इसपर सम्यक कहते हैं कि जब मैंने तैयारी शुरू की थी तो केवल मेरे माता-पिता को पता था. वे बेहद गर्व महसूस करते थे और उन्हें पता था कि ये कर जाएगा. उन्होंने इस पूरे प्रोसेस के दौरान मुझपर अपना विश्वास बनाए रखा. इस पूरे सफर में उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया. उन्हें अभी भी मुझपर बहुत गर्व है.
मां ने लिखा मेरा पेपर
सम्यक अपनी सफलता का सारा श्रेय अपनी मां को देना चाहते हैं, वे कहते हैं, “दरअसल, मैं दिव्यांग केटेगरी में आता हूं. मुझे लिखने के लिए भी राइटर की जरूरत पड़ती थी. इस दौरान मेरी मां ने मेरा सबसे ज्यादा साथ दिया. वे कदम-कदम पर मेरे साथ रही, उन्होंने मेरे पेपर लिखे हैं. तो मैं सबसे ज्यादा शुक्रिया उन्हीं का देना चाहता हूं. मैं बनूं या न बनूं लेकिन आज मेरी मां IAS जरूर बन गई हैं. इनके अलावा पूरा परिवार और मेर दोस्त सभी ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया.”
दरअसल, सम्यक के पिता और मां दोनों एयर इंडिया में काम करते हैं. उनके पिता फ़्रांस के कंट्री मैनेजर हैं और पेरिस में पोस्टेड हैं. वहीं उनकी मां फाइनेंस डिपार्टमेंट में मैनेजर हैं.
क्या स्ट्रेटेजी रही?
सबसे बड़ी गलती जो आजकल के यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवा करते हैं वो है कम्फर्ट जॉन. लोग सोचते हैं कि वे 6 बार एग्जाम दे सकते हैं. इसलिए सभी आराम से एग्जाम देते हैं कि इस बार न सही तो अगली बार ही सही. इससे मुझे लगता है कि शायद वे इतना एफर्ट या इतने मोटीवेट नहीं हो पाते हैं. इसलिए मैं सबको कहूंगा कि जब भी एग्जाम दें तो उसे ही अपना आखिरी अटेम्प्ट समझकर दें. उसे देते वक्त सोचिए कि इसी बारी में सबकुछ करना है. ये करो यो मरो वाली सिचुएशन होनी चाहिए.
किस डिपार्टमेंट में जाना चाहेंगे?
सम्यक के मुताबिक देश में पॉलिसी तो हैं लेकिन वे जरूरतमंद लोगों तक पहुंच नहीं पाती हैं. उन्होंने कहा, “इम्प्लीमेंटेशन में कमी है. मुझे अपनी तैयारी के दौरान समझ आया कि हमारी पॉलिसी जो बनती हैं वो काफी अच्छी बन रही हैं. लेकिन जो सबसे बड़ी बाधा आ रही है वो ये कि ये पॉलिसीज लोगों तक पहुंच नहीं पा रही हैं. मुझे लगता है कि अगर इन पॉलिसी को हम ग्राउंड पर ले आएं तो देश का विकास हो जाएगा. मेरी प्राथमिकता देश में चल रही पॉलिसीज को सुदृढ़ करना होगा. साथ ही साथ लड़कियों की शिक्षा और महिलाओं के सशक्तिकरण पर मैं काम करना चाहूंगा.”
यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवा रखें खुद पर भरोसा
सम्यक तैयारी को लेकर कहते हैं ये टेस्ट मैच की तरह है आपको 1 बॉल पर 1 ही रन मारना है. आराम से खेलिए. वे कहते हैं, “आज के युवाओं को मैं कहना चाहूंगा कि आपको अपनी पूरी तैयारी के दौरान पॉजिटिव रहना है और हमेशा खुद पर भरोसा रखिये. अगर अपने मेहनत की है तो विश्व रखिए खुद पर कि आप इसे क्लियर कर लेंगे. दूसरी बात, हमेशा इस मंत्र पर चलिए कि आपके पास केवल 1 अटेम्प्ट है. ये मत सोचिए कि आपको 5-6 साल तैयारी करनी है. साथ ही खुद अपना टेस्ट लेते रहिए, इसके लिए आप मॉक टेस्ट दे सकते हैं. आपको पूरे-पूरे दिन पढ़ने की जरूरत नहीं है, आप दिन के 6 से 7 घंटे अच्छे से पढ़िए. ये एक टेस्ट मैच की तरह है जिसमें आपको हर बॉल पर 1 रन निकालना है. आप छक्के या चौके मारने की कोशिश मत करिए. बस नियमित पढ़ाई करें.”