अगर आपसे कोई ये पूछे की पेड़ और नंबर 60 का विलोम शब्द क्या होगा तो आप क्या जवाब देगें. यकीनन ही आप चौंक जाएगें. उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में चल रही वार्षिक परीक्षाओं में छात्रों से इसी तरह के चौंकाने वाले सवाल पूछे गए हैं. प्रयागराज के एक स्कूल में एक हिंदी प्रश्न पत्र में कक्षा पांच के छात्रों से पेड़ का विलोम शब्द लिखने को कहा गया तो भदोही जिले में एक अंग्रेजी प्रश्न पत्र में 60 का विलोम लिखने को कहा गया. हैरानी तो तब और ज्यादा हुई जब अंग्रेजी प्रश्न पत्र में आकृतियों के बीच नंबर की पहचान करने को कहा गया. जबकी ये सवाल मैथ के पेपर में पूछा जाना चाहिए. इस सब के बात मामले ने तूल पकड़ ली है और अब अब इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं.
यूपी जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के पदाधिकारी संजय कनौजिया ने इस सिलसिले में कहा कि, हर साल हर सब्जेक्ट के पीछे छात्रों की पकड़ को चेक करने के लिए ये एग्जाम कराए जाते हैं. लेकिन इस एग्जाम में जो हुआ उसे देख कर यही कह सकते हैं कि ये उद्देश्य कहीं खो गया है. एक वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी ने कहा, ये गलतियां शिक्षकों पर उंगली उठाने का काम कर रही हैं.
बता दें कि परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी मूल शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को दी जाती है, जो पेपर सेटिंग के लिए जिला शिक्षा और प्रौद्योगिकी संस्थान (डीआईईटी) में शिक्षकों की भर्ती करते हैं. वहीं राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को तैयार किए गए मॉडल पर पेपर तैयार करने की जिम्मेदारी होती है. इनका काम प्रश्नों की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए प्रश्न पत्रों को मॉडरेट भी करना होता है. बता दें कि यूपीबीईसी से मान्यता प्राप्त 1.3 लाख स्कूलों में नामांकित 1.6 करोड़ से ज्यादा छात्र इन परीक्षाओं में शामिल हो रहे हैं.