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Inspirational: मजदूरी करने से लेकर ED अफसर बनने तक का सफर, जानिए कैसे इस किसान के बेटे ने किया गांव का नाम रोशन

SSC CGL 2024 परीक्षा में आयुष का चयन भारत सरकार की बेहद खास संस्था प्रवर्तन निदेशालय (ED) में सहायक प्रवर्तन अधिकारी (AEO) पद पर हुआ है.

Ayush Rajput (Photo: Instagram) Ayush Rajput (Photo: Instagram)

यह कहानी है उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के कमालगंज क्षेत्र के खेरे नगला गांव के आयुष राजपूत की. SSC CGL 2024 परीक्षा में आयुष का चयन भारत सरकार की बेहद खास संस्था प्रवर्तन निदेशालय (ED) में सहायक प्रवर्तन अधिकारी (AEO) पद पर हुआ है. आयुष की यह सफलता आज देश के हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो बहुत ही सामान्य घरों से आते हैं और जिनके पास साधन के नाम पर सिवाय मेहनत और संघर्ष के कुछ नहीं है. 

आयुष ने बहुत सी परेशानियों का सामना करके यह सफलता हासिल की है. उन्होंने बचपन से ही परिवार में आर्थिक तंगी झेली. उनके पिता खेतों में मजदूरी करते थे. आयुष ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ खुद मेहनत-मजदूरी की ताकि परिवार की मदद कर सकें. उन्होंने शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूल से की और दसवीं के बाद वह बाहर रहने लगे. 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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छोटे-बड़े काम करके पूरी की पढ़ाई 
12वीं के बाद आयुष कानपुर गए आगे की पढ़ाई के लिए. लेकिन यहां फीस भरने के लिए उन्होंने स्कूल की परीक्षा के बाद छुट्टियों में काम किया. कानपुर में उन्होंने पढ़ाई शुरू की ही थी कि कुछ महीने बाद उनके गांव में उनके भाई को किसी ने गोली मार दी. उनके इलाज में परिवार के ऊपर कर्ज हो गया. इसके कुछ समय बाद कोविड आ गया और उनका कॉलेज बंद हो गया.

बाद में, जब स्कूल-कॉलेज खुले तो उन्होंने परिवार की मदद करने के लिए ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया. जैसे-तैसे 2022 में उन्होंने ग्रेजुएशन पूरी की. उन्हें जॉब करनी थी और तभी एयरफोर्स के लिए फॉर्म निकले तो उन्होंने भर दिया. टेस्ट उन्होंने क्लियर किया और गुवाहाडी फिजिकल के लिए गए. लेकिन फिजिकल में वह क्लियर नहीं कर सके. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरन बताया कि उस दिन उन्होंने ठाना कि उन्हें कुछ बड़ा करना है. 

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असफलता के बाद मिली सफलता 
साल 2022 में आयुष को SSC CGL के बारे में पता चला. उन्होंने तैयारी की और प्रीलिम्स निकाल लिया. लेकिन वह फाइनल में सफल न हो सके. उन्होंने कंप्यूटर कभी देखा नहीं थआ तो उनके लिए टाइपिंग कना मुश्किल रहा. इसके बाद, 2024 में वह गुड़गांव आ गए और यहां जॉब की क्योंकि उनके पास तैयारी करने के लिए पैसे नहीं थे. उन्होंने रेस्टोरेंट में भी काम किया. साल 2023 में उन्होंने अटेम्प्ट दिया लेकिन कुछ हो नहीं सका. 

इसके साथ-साथ उन्होंने कोस्टगार्ड की परीक्षा क्लियर कर ली. लेकिन यहां भर्ती होने के बाद उनके लिए मुश्किल बढ़ गई. वह न तो कुछ पढ़ पा रहे थए न ही खुद के लिए टाइम था. क्योंकि यहां सुबह से शाम तक ट्रेनिंग चलती थी. इतनी फिजिकल ट्रेनिंग को आयुष नहीं झेल पा रहे थे. उनके घर में उनकी मां भी उनके इतनी दूर जाने से परेशान थीं.  

उन्होंने साल 2024 SSC CGL को पास किया. उनके परिवार ने उन्हें कोस्टगार्ड की नौकरी छोड़कर इस पेपर पर फोकस करने का सुझाव दिया. उन्होंने सिर्फ डेढ़ महीने की तैयारी की और इस बार परीक्षा में वह सफल रहे. रिजल्ट आते ही घरवालों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और जो गांववाले पहले उन्हें कोस्टगार्ड छोड़कर आने के लिए ताने दे रहे थे, अब वही उनकी वाह-वाही कर रहे हैं.