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दरोगा की पाठशाला! कच्ची बस्तियों के बच्चों को मुफ्त में पढ़ा रहा है यह पुलिस अफसर ताकि रोशन हो सके उनकी जिंदगी

उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में एक पुलिस अफसर स्लम बस्तियों के बच्चो को शिक्षित करके उनकी जिंदगी को नई दिशा दे रहा है.इसस बच्चे भी काफी मोटिवेट हो रहे हैं.

Police officer teaching slum kids Police officer teaching slum kids
हाइलाइट्स
  • आईजी ऑफिस में तैनात हैं उपनिरीक्षक कांतिशरण

पुलिस का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं, अपराधी खौफ खाते है और कुछ लोग तो इनके पास जाने से कतराते है. लेकिन संगम नगरी प्रयागराज में एक पुलिस का दरोगा शिक्षा की ऐसी रोशनी जला रहा है जिससे स्लम बस्ती के बच्चों की जिंदगी रोशन हो रही हैं. लोग भी दरोगा जी को पढ़ाते देखकर उनकी तारीफ करते नज़र आते है. 

खुले आसमान के नीचे पढ़ने वाले बच्चे बस्तियों में रहते है. इनके मां-बाप कोई छोटा-मोटा काम कर अपने परिवार को पालते है. जिनमें पढ़ने का जज़्बा है वे बच्चे इस स्कूल में आते हैं क्योंकि इन्हें पढ़ाने वाले कोई स्कूल के टीचर नहीं बल्कि पुलिस दरोगा हैं. यह कहानी है आईजी ऑफिस में तैनात उपनिरीक्षक कांतिशरण की, जो पिछले काफी समय से बच्चों को पढ़ा रहे हैं. 

बच्चों के लिए निकालते हैं समय 
कांतिशरण बड़े सरल स्वभाव के हैं. आते-जाते इन बच्चो को देखकर उनके मन मे विचार आया कि क्यों न इन्हें पढ़ाया जाए. जो बच्चे गरीब हैं, जो अच्छे स्कूल नही जा सकते हैं, उनमे पढ़ने का जज्बा है. तो क्यों न इनको शिक्षित किया जाए. इसलिए अपनी नौकरी का कुछ समय निकालकर कांतिशरण इन बच्चों को पढ़ाने आते हैं. ताकि बच्चे भविष्य में कुछ अच्छा कर सकें. 

लोग कर रहे हैं मदद
स्लम के बच्चे पढ़कर खूब मोटिवेट भी हो रहे हैं. इनमें से कोई डॉक्टर बनना चाहता है तो कोई इंजीनियर, कोई पुलिस तो कोई शिक्षक. अब बच्चे भी इन पुलिस अंकल को देख कर डरते नहीं हैं. वहीं, दरोगा जी को पढ़ाते देखकर लोग इनकी तारीफ किये बिना नहीं रह पाते हैं. लोग भी यहां इन बच्चों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ा रहे हैं. वे बच्चों को कॉपी, किताब,और पढ़ने का सामान उपलब्ध कराते हैं. जिससे बच्चे भी अच्छे से पढ़ सकें और देश का नाम रोशन कर सकें. 

(पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट)