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उत्तराखंड के यशवंत का कमाल ! महज 24 साल की उम्र में मिला 23 करोड़ रुपये का पैकेज, बर्लिन में काम करने का मौका

राज्य का नाम रौशन करने वाले यशवंत चौधरी (Yashwant Chaudhary)उत्तराखंड के चंपावत जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता एक कारोबारी हैं और मां हाउस वाइफ हैं.

यशवंत चौधरी ने किया उत्तराखंड का नाम रौशन यशवंत चौधरी ने किया उत्तराखंड का नाम रौशन
हाइलाइट्स
  • बेंगलुरु में ट्रेनिंग खत्म होते ही बर्लिन के लिए रवाना होंगे यशवंत

पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के लाल यशवंत चौधरी ने छोटी उम्र में बड़ा कमाल करके दिखाया है. अपनी पहली ही नौकरी में उन्हें 23 करोड़ रुपये(30 लाख डॉलर)का पैकेज हाथ लगा है. इसके लिए अगस्त से बेंगलुरु में उनकी ट्रेनिंग शुरू होनी है और इसके बाद उन्हें बर्लिन में काम करने का मौका मिलेगा.  

यशवंत चौधरी उत्तराखंड के चंपावत जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता एक कारोबारी हैं और मां हाउस वाइफ हैं. यशवंत ने पिथौरागढ़ के राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की और इसके बाद  2020 में गेट में 870वीं रैंक हासिल की थी. इससे पहले उनका ट्रेनी मैनेजर के रूप में बेंगलुरु में सिलेक्शन हुआ था लेकिन, कोरोना के चलते उन्होंने ऑनलाइन ही अपनी सेवाएं दी थी.

ट्रेनिंग खत्म होते ही बर्लिन के लिए रवाना होंगे यशवंत  

यशवंत ने बताया की बचपन से ही उनका सपना मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने का था. उनका चयन 30 लाख डॉलर के पैकेज में टेस्ला गीगा फैक्टरी में सीनियर मैनेजर के लिए बर्लिन जर्मनी में हुआ है. फिलहाल उन्हें 31 जुलाई तक ऑनलाइन काम करना है. इसके बाद वह अगस्त से अक्टूबर तक बेंगलुरु में ट्रेनिंग लेंगे और फिर ट्रेनिंग खत्म होते ही बर्लिन के लिए निकल जाएंगे. यहां उनका चयन मल्टीनेशनल कंपनी टेस्ला गीगा के लिए हुआ है. 

यशवंत की स्कूली पढ़ाई चंपावत के ही मल्लिकार्जुन स्कूल से हुई है. वह अपने स्कूल के समय से ही पढ़ाई में हमेशा आगे रहे हैं. उनके पिता का कहना है कि वह अपनी पढ़ाई को लेकर बचपन से ही गंभीर रहे हैं. उन्हें पहले से ही किसी मल्टिनेशनल कंपनी में काम करना था.

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