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अब छात्रों को स्कूल से ही किया जाएगा इंडस्ट्री के लिए तैयार, यूपी बोर्ड के बच्चों को पढ़ाई के साथ दी जाएगी वॉकेशनल ट्रेनिंग

उत्तर प्रदेश में जल्द ही छात्रों को स्कूलों में वॉकेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी. यह ट्रेनिंग 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए होगी. इस पाठ्यक्रम के लिए 16 विषयों को चुना गया है और पहले चरण में 150 स्कूलों में यह ट्रेनिंग होगी.

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हाइलाइट्स
  • पहले चरण में शामिल किए 150 स्कूल

  • कुल 16 पाठ्यक्रम होंगे शामिल

यूपी बोर्ड के स्कूलों में अब छात्रों को व्यावसायिक ट्रेनिंग भी दी जाएगी. 9वीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों को यह ट्रेनिंग दी जाएगी. माध्यमिक शिक्षा विभाग, राज्य के व्यावसायिक शिक्षा विभाग के साथ मिलकर इस योजना पर काम करेगा. इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. 

इस योजना का लक्ष्य  है कि छात्रों को स्कूली शिक्षा के साथ उनकी रुचि के किसी एक विषय पर प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी जाए. जिससे प्रदेश में भविष्य में आने वाली कम्पनियों में इन्हें रोज़गार मिल सके. 

पहले चरण में शामिल किए 150 स्कूल
उत्तर प्रदेश के स्कूलों में जल्द ही एक बदलाव देखने को मिलेगा. इसमें छात्रों को किसी एक व्यावसायिक पाठ्यक्रम को पढ़ाई करनी होगी. माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसके अनुसार पहले चरण में प्रदेश के 150 स्कूलों को लिया जाएगा. हर ज़िले के दो स्कूलों का चयन इसके लिए किया गया है. 

इनमें छात्रों के लिए व्यावसायिक ट्रेनिंग (ट्रेड) के लिए कई ऑप्शन दिए गए हैं. इसमें छात्रों को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार किसी एक ट्रेड को चुनना होगा. दरअसल, नेशनल एजूकेशन पॉलिसी के तहत कहा गया है कि छात्रों को स्कूल के समय से ही उनकी अभिरुचि के किसी एक विषय पर जानकारी के साथ व्यावहारिक ट्रेनिंग भी कराई जाए. 

यूपी की होगी 1 ट्रिलियन इकॉनमी की भागीदारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा विभाग की बैठक में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत को 5 ट्रिलियन इकॉनमी बनाने में उत्तर प्रदेश 1 ट्रिलियन इकॉनमी की भागीदारी करेगा. इस दृष्टि से यूपी में न सिर्फ़ निवेश बढ़ाने की कोशिश की जा रही है बल्कि कम्पनियों को कहा जा रहा है कि वे यूपी के युवाओं को रोज़गार दें. इसलिए यह खाका तैयार किया गया है. 

इसके लिए इंडस्ट्री की ज़रूरत को देखते हुए कई पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे. इसके लिए 8 सेक्टर प्रारम्भिक तौर पर चुने गए हैं. हर सेक्टर में 2 पाठ्यक्रम यानी कुल 16 पाठ्यक्रम इसमें शामिल होंगे. ये वो क्षेत्र (सेक्टर) हैं जिनमें भविष्य में सबसे ज़्यादा यूपी में निवेश होने की सम्भावना है और इन क्षेत्रों में नियोक्ताओं को लोगों की ज़रूरत होगी. 

इन विषयों का किया गया है चुनाव
माध्यमिक शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के अनुसार छात्र आम तौर पर बारहवीं के बाद इस तरह की टेक्निकल ट्रेनिंग के लिए ITI या दूसरे व्यावसायिक संस्थानों में दाख़िला लेते हैं. लेकिन यूपी में भविष्य में बड़े पैमाने पर निवेश और कई सेक्टरों में बड़ी कम्पनियों के आने की सम्भावना को देखते हुए इन क्षेत्रों का ट्रेनिंग के लिए चुनाव किया गया है. 

कृषि के अंतर्गत एग्रीकल्चर, गार्ड्निंग, ऊर्जा में इलेक्ट्रिकल टेक्नीशियन, आई टी डिपार्टमेंट में डोमेस्टिक जूनियर डेटा ऑपरेटर, सॉफ़्टवेयर डेवलपर, फ़ैशन और टेक्स्टाइल में सिलाई मशीन ऑपरेटर, टेलरिंग, ब्यूटी में जूनियर ब्यूटी थेरपिस्ट, ब्यूटी थेरपिस्ट, ऑटमोटिव इंडस्ट्री में फ़ोर वहीलर के सर्विस असिस्टेंट, सर्विस टेक्नीशियन, शारीरिक शिक्षा विभाग में फ़िटनेस ट्रेनर, फ़िज़िकल एजुकेशन असिस्टेंट, रिटेल में रिटेल स्टोर असिस्टेंट, सेल्स एसोसिएट जैसे पदों के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी. 

अलग से मिलेगा प्रमाणपत्र
फ़िलहाल, इन विषयों को टेक्निकल ट्रेनिंग के तौर पर शामिल किया का रहा है. ज़्यादातर कोर्स की अवधि 12 महीने रखी गयी है. इन विषयों को पूरा करने पर इसका प्रमाणपत्र मिलेगा. माध्यमिक शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के अनुसार इस प्रमाण पत्र को उससे सम्बंधित इंडस्ट्री में सेवायोजन के वक्त लगाया जा सकता है. 

इसको अभी यूपी बोर्ड के विषयों में शामिल नहीं किया गया है. इसकी वजह ये है कि एकदम से ये सभी स्कूलों में शुरू करना सम्भव नहीं है. इसके लिए प्रथम चरण में चुने गए स्कूलों, ट्रेड्स से सम्बंधित संसाधनों की व्यवस्था करनी होगी. इसके लिए दक्ष शिक्षक भी नियुक्त करने होंगे. यही वजह है कि हर स्कूल को सिर्फ़ दो ट्रेड दी गई हैं.