समाज में पुलिस लोगों की सुरक्षा के लिए है लेकिन फिर भी पुलिस की छवि ऐसी है कि लोग उनसे डरते हैं. हालांकि, पुलिस हर बार यह साबित करती है कि वे समाज में सुरक्षा की भावना बनाए रखने के लिए ही हैं. ऐसा ही एक वाकया पश्चिम बंगाल में देखने को मिला है. दरअसल, राज्य में इस समय बंगाल माध्यमिक बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं.
यह घटना भी हुगली के श्रीरामपुर के राज्याधरपुर इलाके में स्थित नेताजी हाई स्कूल के बंगाल बोर्ड के माध्यमिक परीक्षा केंद्र की है. जहां पर परीक्षा देने आई एक छात्रा का एडमिट कार्ड गलती से घर पर ही छूट गया. छात्रा को परीक्षा केंद्र पर पहुंच कर यह पता चला कि वह अपना एडमिट कार्ड घर पर भूल आई है. बिना एडमिट कार्ड के छात्रा को परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाता. इस कारण छात्रा परीक्षा केंद्र के बाहर खड़ी होकर ही रोने लगी.
पुलिस बनी मसीहा
इस छात्रा को रोता देख, परीक्षा केंद्र के बाहर तैनात महिला पुलिस कांस्टेबल नीतू बैनर्जी और कांस्टेबल शैलेन डांदीपत उसके पास आई. उन्होंने छात्रा से रोने का कारण पूछा और पूरी बात जानकर तुरंत इस घटना की खबर चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट के कंट्रोल रूम में दी. कंट्रोल रूम से इस खबर की जानकारी चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस कमिश्नर अमित पी जबलगी को दी गई.
उन्होंने तुरंत श्रीरामपुर ट्रैफिक गार्ड के सब इंस्पेक्टर सुब्रत धर, कांस्टेबल अरुण पाल और ट्रैफिक होमगार्ड अनिमेष मलिक को निर्देश दिया कि वह छात्रा की सहायता करें. कमिश्नर अमित पी जबलगी से निर्देश मिलते ही सब इंस्पेक्टर सुब्रत धर छात्रा को अपनी मोटरसाइकिल पर बिठाकर उसके घर लेकर गए. जहां से छात्रा ने तुरंत अपना एडमिट कार्ड लिया और फिर सुब्रत धर के साथ वह परीक्षा केंद्र पहुंची.
छात्रा ने दी परीक्षा
एडमिट कार्ड के साथ छात्रा को परीक्षा देने की अनुमति मिल गईऔर उसने हंसते हुए सभी पुलिसकर्मियों को धन्यवाद दिया. चंदननगर कमिश्नरेट की इस पहल की सराहना हर कोई कर रहा है. पुलिस की तुरंत कार्यवाई की वजह से इस छात्रा का एक साल खराब होने से बच गया. और इन पुलिसकर्मियों ने साबित किया कि पुलिस विभाग लोगों की सेवा के लिए है और वे अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं.
(भोला नाथ साहा की रिपोर्ट)