भारत सरकार का विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) छात्रों को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए INSPIRE- Innovation in Science Pursuit for Inspired Research स्कीम चला रहा है. INSPIRE का मूल उद्देश्य देश के युवाओं को विज्ञान की रचनात्मक खोजों के बारे में उत्साहित करना, कम उम्र से ही साइंस स्टडीज के लिए युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करना और इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए भविष्य के युवा एक्सपर्ट तैयार करना है. इस योजना का उद्देश्य छात्रों को साइंस आयकॉन के साथ बातचीत करने, स्कॉलरशिप, फ़ेलोशिप और अवॉर्ड्स पाने के अवसर देना है.
भारत सरकार ने 2008 में इंस्पायर योजना को मंजूरी देकर कार्यक्रम की शुरुआत की थी. इस स्कीम के तीन भाग हैं
1. युवा प्रतिभा को आकर्षित करने की योजना उद्देश्य प्रतिभाशाली युवाओं को साइंस स्टडीज के लिए आकर्षित करना है, जिसमें कक्षा छह से कक्षा दसवीं तक के 10-15 वर्ष की आयु वर्ग के दस लाख युवा शिक्षार्थियों को 5000 रुपये का INSPIRE Award दिया जाता है.
वहीं, INSPIRE Internship के तहत समर या विंटर साइंस कैंप आयोजित किया जाता है और इसमें 11वीं कक्षा के वे छात्र भाग लेते हैं जो दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में टॉप करने वाले 1% छात्रों में आते हैं. इन छात्रों को नोबेल पुरस्कार विजेताओं सहित भारत और विदेश के साइंस आइकन्स के साथ बातचीत करने का अवसर मिलता है. ये कैंप छात्रों की जिज्ञासा बढ़ाते हैं, उन्हें लीक से हटकर सोचने में मदद करते हैं.
2. उच्च शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप प्रोग्राम का उद्देश्य स्कॉलरशिप और कंसल्टेशन देकर प्रतिभाशाली युवाओं को साइंस क्षेत्र से जोड़ना है ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र साइंस के प्रोग्राम्स में हायर स्टडीज करें. यह योजना नेचुरल साइंस में ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन करने के लिए 17-22 वर्ष आयु वर्ग के प्रतिभाशाली युवाओं के लिए हर साल 0.80 लाख रुपये की दर से 10,000 स्कॉलरशिप देती है.
3. रिसर्च करियर के लिए अवसर- इसके तहत, अनुसंधान एवं विकास के को मजबूत करने के लिए प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिकों को आकर्षित करना, उन्हें इस क्षेत्र से जोड़े रखना और फंड करना है. इसके जरिए INSPIRE Fellowship (22-27 वर्ष का आयु समूह और INSPIRE Faculty Scheme है. स्कीम के जरिए इंजीनियरिंग और चिकित्सा सहित बुनियादी और व्यावहारिक विज्ञान दोनों में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने के लिए हर साल 1000 फ़ेलोशिप दा जाती हैं.
इसके अलावा, बुनियादी और व्यावहारिक विज्ञान दोनों क्षेत्रों में 5 सालों के लिए कॉन्ट्रेक्चुअल और टेन्योर ट्रैक पदों के माध्यम से 27-32 वर्ष के आयु वर्ग के 1000 पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्चर्स के लिए हर साल सुनिश्चित नौकरी के दिए जाते हैं.
इन सभी कार्यक्रमों के लिए समय-समय पर एप्लिकेशन फॉर्म आते हैं जिन्हें भरकर आप इस स्कीम के तहत अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए आप https://online-inspire.gov.in/ पर विजिट कर सकते हैं.
INSPIRE- MANAK Award:
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) अपने प्रमुख प्रोग्राम INSPIRE के तहत INSPIRE-MANAK (Million Minds Augmenting National Aspiration and Knowledge) योजना चलाता है. MANAK कम उम्र में प्रतिभाशाली स्कूली छात्रों को साइंस पढ़ने और उनके बीच इनोवेशन के कल्चर को बढ़ावा देने की एक अनूठी पहल है. यह योजना 10-15 वर्ष की आयु वर्ग के और कक्षा 6-10 में पढ़ने वाले स्कूली बच्चों के लिए है. INSPIRE-MANAK स्कीम हर साल देश भर के पांच लाख से ज्यादा मिडिल और हाई स्कूलों से दस लाख आइडियाज को टारगेट करती है. इनमें से एक लाख इनोवेशन आइडियाज को 10000 रुपए का INSPIRE अवॉर्ड मिलता है.
इस योजना के तहत, देश भर के सभी मिडिल और हाई स्कूल भाग लेने के लिए पात्र हैं और हर एक वित्तीय वर्ष में 5 छात्रों का नामांकन ऑनलाइन मोड के माध्यम से दे सकते हैं. नामांकन जमा करते समय छात्रों द्वारा बनाए जाने वाले प्रोजेक्ट के संक्षिप्त आइडियाज देने होते है. ऑनलाइन मिलने वाले नामांकनों की जांच की जाती है और चयनित छात्र जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों और प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं.
राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और प्रतियोगिता (NLEPC) के प्रतिभागियों को देश के प्रमुख शैक्षणिक और तकनीकी संस्थानों से मेंटरशिप मिलती है. इनमें से टॉप 60 प्रोजेक्ट्स को राष्ट्रीय विजेता के रूप में पुरस्कार मिलता है. आज हम आपको बता रहे हैं पिछले कुछ सालों में नेशनल अवॉर्ड जीतने वाले कुछ खास इनोवेशन्स के बारे में.
प्रोसेसिंग एंड पैकेजिंग मशीन फॉर मशरूम
ओडिशा में भुवनेश्वर के डीएवी पब्लिक स्कूल के छात्र श्रेयांश नायक के इनोवेशन- 'ऑयस्टर मशरूम के लिए स्वचालित स्ट्रॉ प्रोसेसिंग और पैकेजिंग मशीन' को नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है. इस मशीन से किसानों को Ready to Grow Oyster Mushroom Bags मिल जाएंगे. इस मशीन का उद्देश्य मशरूम की खेती की प्रक्रिया को मैनेज करना है. यह मशीन तकनीक और कृषि का शानदार मेल है.
झटपट काम, मां को आराम- बहूपयोगी किचन मशीन
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के पिपरिया के पास डोकरीखेड़ा गांव में रहने वाली नवश्री ठाकुर ने रसोई का काम आसान करने के लिए एक बहुपयोगी मशीन बनाई. इस एक मशीन से रोटी बेलने, सब्जी काटने, जूस निकालने, मसाले दरदरे करने जैसे आठ काम किए जा सकते हैं. मशीन में लगने वाले सांचे बदलकर और भी बहुत से काम आप कर सकते हैं. इस मशीन से आप पापड़- पानीपूरी बना सकते हैं, लहसुन, अदरक पीस, सब्जी-फल काटने के अलावा, इनका जूस भी निकाल सकते हैं. इससे सेव बना सकते हैं, नारियल या अखरोट तोड़ सकते हैं और चिप्स बना सकते हैं.
और भी छात्रों ने किए हैं इनोवेशन
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में सरकारी स्कूल की एक छात्रा, सुलोचना काकोड़िया ने ऑटोमैटिक टॉयलेट क्लीनिंग मशीन बनाकर नेशनल अवॉर्ड जीता. तो वहीं, सिक्किम के तेनजिंग लचेंपा को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लिए फ्लोटिंग हाउस का आइडिया देने के लिए सम्मानित किया गया था. महाराष्ट्र के यश शिंदे मल्टीपर्पज केटरिंग उपकरण के लिए नेशनल अवॉर्ड जीत चुके हैं.