केंद्र सरकार ने पेपर लीक पर लगाम लगाने के लिए देशभर में एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है. इसी साल फरवरी 2024 में यह कानून संसद में पारित हुआ था. बता दें कि कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने इस कानून को लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 3 से 10 साल तक की सजा और 10 लाख से 1 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है. चलिए जानते हैं कि आखिर ये कानून है क्या.
कानून के दायरे में आएंगी ये परीक्षाएं
प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ियां जैसे पेपर में नकल और पेपर लीक जैसे मामलों पर लगाम लगाने और दोषियों पर शिकंजा कसने के लिए केंद्र सरकार ने इस सख्त कानून को संसद में पारित किया था. इसका पूरा नाम 'लोक परीक्षा कानून 2024' (Public Examination Act 2024) है. अगर बात करें कि इस कानून के दायरे में किस तरह की परीक्षाएं आएंगी तो बैंकिंग (IBPS), UPSC, SSC, रेलवे भर्ती बोर्ड और NTA की तरफ से आयोजित सभी तरह की परीक्षाएं आएंगी.
होगी सख्त कार्रवाई
'लोक परीक्षा कानून 2024' के तहत पेपर लीक या परीक्षा में अन्य तरह की गड़बड़ियां करने पर सख्त कार्रवाई होगी. संगठित रूप से यानी कोई व्यक्ति एक ग्रुप के साथ मिलकर पेपर लीक करता है तो इस कानून के तहत 10 साल तक की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. कानून के तहत उस एग्जामिनेशन सर्विस प्रोवाइडर पर भी कार्रवाई हो सकती है जिसे परीक्षा के दौरान गड़बड़ी का अंदाजा था लेकिन उसने इसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया. इसके अलावा अगर जांच में किसी वरिष्ठ अधिकारी की संलिप्तता पाई जाती है तो उसे भी 10 साल तक की सजा और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. बता दें कि इस कानून के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होंगे यानी आरोपी को जमानत भी नहीं मिलेगी. इतना ही नहीं जो संस्था पेपर लीक में शामिल होगा उसकी संपत्ति को नष्ट तो किया ही जाएगा साथ ही परीक्षा का पूरा खर्च भी उसी से वसूला जाएगा.
3 बड़ी परीक्षाएं रद्द या स्थगित
NEET की परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को लेकर देशभर में जमकर विवाद हो रहा है. दरअसल में 5 मई को नीट का पेपर हुआ था और जब रिजल्ट आया तो 67 बच्चों ने टॉप किया जो कि सामान्य नहीं है. इसके बाद हंगामा शुरू हुआ. इन हंगामे के बीच पिछले 9 दिनों में 3 बड़ी परीक्षाओं को या तो रद्द या स्थगित कर दिया गया.
नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट: 12 जून को परीक्षा आयोजित हुई थी. इस परीक्षा के तहत छात्रों को 4 साल के इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम में दाखिला मिलता है. 29 हजार छात्र ऑनलाइन मोड में इस परीक्षा में शामिल हुए थे. NTA ने तकनीकी गड़बड़ी बताकर रद्द कर दिया. कारण था कि डेढ़ घंटे तक छात्र लॉग-इन नहीं कर पाए. अब तक नई तारीख को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई है.
UGC-NET: 18 जून को UGC-NET की परीक्षा में 9 लाख 8 हजार 580 छात्र शामिल हुए थे. इसके अगले ही दिन यानी 19 जून को परीक्षा रद्द कर दिया गया. शिक्षा मंत्री ने कारण बताते हुए कहा कि टेलीग्राम पर पर्चा आ गया था. मूल पर्चे से मिलाया तो वह मेल खा गया. बता दें कि UGC-NET की परीक्षा पास करने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर, जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए छात्र पात्र होते हैं.
CSIR-UGC-NET: 25 जून से 27 जून के बीच परीक्षा आयोजित होने वाली थी. लेकिन 21 जून को ही स्थगित करने का फैसला लिया गया. NTA ने इसके पीछे का कारण संसाधनों की कमी बताया.