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Pariksha Pe Charcha: कौन होता है असली लीडर? स्टूडेंट ने किया सवाल, जानिए PM Modi ने क्या दिया जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विद्यार्थियों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' की. इस दौरान एक स्टूडेंट ने प्रधानमंत्री से लीडरशिप से जुड़ा सवाल पूछ लिया. स्टूडेंट ने पीएम मोदी से लीडरशिप से जुड़ी टिप्स मांग डालीं. पीएम ने क्या जवाब दिया, सुनिए.

PM Modi at Pariksha Pe Charcha: Ignore distractions, focus like a batsman PM Modi at Pariksha Pe Charcha: Ignore distractions, focus like a batsman
हाइलाइट्स
  • पीएम ने विद्यार्थियों संग की परीक्षा पर चर्चा

  • विद्यार्थियों को सिखाए दबाव बर्दाश्त करने के गुर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'परीक्षा पे चर्चा' (Pariksha Pe Charcha) कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ बातचीत की. उन्होंने परीक्षा के तनाव को कम करने के उपायों पर चर्चा की. स्टूडेंट्स के स्वास्थ्य लेकर जरूरी टिप्स दिए. इस चर्चा के दौरान जब लीडरशिप का सवाल आया तो पीएम मोदी ने छात्रों को बताया कि असली लीडर कैसे बनता है? कौन लीडर होता है?

कौन होता है लीडर?
जब बिहार के एक छात्र ने पूछा कि आप इतने बड़े ग्लोबल लीडर हैं, तमाम प्रकार के पदों पर रहे हैं. आप हमसे 2-3 बातें ऐसी शेयर कीजिए, जो लीडरशिप से आपसे संबंधित हो, जो बच्चों को आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण हो? इस पर पीएम मोदी ने कहा कि बिहार का लड़का हो और राजनीति का सवाल ना हो, ऐसा हो ही नहीं सकता.

इसके बाद पीएम मोदी ने उस छात्र के सवाल के जवाब में कहा कि बिहार के लोग बहुत तेजस्वी होते हैं, लीडरशिप की परिभाषा जो है न, कुर्ता-पैजामा वाला, जैकेट पहना हुआ और मंच पर बड़े-बड़े भाषण करने वाला, ऐसा नहीं होता है. पीएम ने कहा कि जैसे आपलोग इतने लोग हैं, लेकिन आपमें से ही कोई लीडर बन गया होगा, बिना कारण आप उससे पूछते होंगे, वो कहेगा कि चलो, तो आप चल देंगे, बिना किसी कारण.

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उन्होंने कहा कि आपको खुद को उदाहरण बनाना होगा. अगर क्लास में समय पर आना है और मॉनिटर कहेगा कि मैं मॉनिटर हूं, आपलोग आ जाइए, मैं आऊंगा तो आपकी बात कोई सुनेगा? अगर किसी का होमवर्क नहीं हुआ तो आप उसकी मदद करते हैं, उसकी कठिनाइयां समझ लेते हैं तो वो सोचेगा कि मॉनिटर तो आपकी केयर करता है. उन्होंने कहा कि लेकिन ये कैसे होगा? आपको खुद को बदलना पड़ेगा.

'लीडरशिप थोपी नहीं जाती..'-
पीएम मोदी ने कहा कि आपको अपने व्यवहार में बदलाव करना होगा. लीडरशिप थोपी नहीं जाती है. आपके अगल-बगल के लोग आपको स्वीकार कर रहे हैं, आप उनको ज्ञान झाड़ दे रहे हैं तो आपको कोई स्वीकार नहीं करेगा, आपके व्यवहार को वो स्वीकार कर रहे हैं. पीएम ने कहा कि आपने स्वच्छता के लिए भाषण दे दिया और खुद गंदा कर रहे हो, तो फिर आप लीडर नहीं बन सकते.

लीडर बनने के बाद टीम वर्क सीखना बहुत जरूरी है, धैर्य बहुत जरूरी है, कभी ऐसा होता है कि किसी को काम दिया, लेकिन हुआ नहीं तो फिर हम उसपर टूट पड़ते हैं तो हम लीडर नहीं बन सकते हैं. पीएम मोदी ने लीडर बनने के लिए एक सिद्धांत दिया. उन्होंने कहा कि 'जहां कम, वहां हम' अगर हो तो लीडर बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि अपने साथियों को, जहां कमी महसूस हो, वहां मैं पहुंच जाऊं, उसको तकलीफ हो रही है, मैं पहुंच जाऊं. उसका विश्वास बढ़ेगा, वो फिल करेगा कि ये तो मैंने किया है. ये विश्वास जो है, आपकी लीडरशिप को मान्यता देता है.

लीडरशिप को समझाने के लिए पीएम ने उदाहरण दिया-
पीएम मोदी ने लीडरशिप की भूमिका को समझाने के लिए एक उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि आपने बचपन में सुना होगा कि एक बच्चा अपने पिता के साथ मेले में गया. पिताजी ने कहा कि मेरा हाथ पकड़ लो, लेकिन बच्चे ने कहा कि आप मेरा हाथ पकड़ लो. बच्चा ने कहा कि पिताजी मैं आपका हाथ पकड़ूंगा और आप मेरा हाथ पकड़ेंगे, इसमें बहुत अंतर है.

बच्चे ने कहा कि मैं आपका हाथ पकड़ूंगा तो कभी भी छूट सकता है. लेकिन मुझे भरोसा है कि आप मेरा हाथ पकड़ेंगे तो कभी नहीं छूटेगा. ये जो विश्वास है न, ये लीडरशिप की बहुत बड़ी ताकत है.