scorecardresearch

उत्तर प्रदेश सरकार की बेहतरीन पहल ! पूर्वांचल में Job Fair के जरिए युवाओं को मिले सुनहरे मौके

पूर्वांचल के 11 जिलों से आए युवा 4-5 जून को हुए इस जॉब फेयर में शामिल हुए. युवाओं की संख्या ज्यादा होने की वजह से कुछ की प्रक्रिया आगे भी जारी रखनी पड़ी. इसमें गाजीपुर, बलिया, जौनपुर, मऊ, आज़मगढ़, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र जैसे जिले शामिल हैं.

Job fair Job fair
हाइलाइट्स
  • जॉब फेयर में 5000 से ज्यादा युवा शामिल हुए

  • जॉब फेयर में 55 कंपन‍ियां शामिल हुईं

तीन दिन पहले लखनऊ में आयोजित हुए तीसरे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (ground breaking ceremony) में निवेशकों को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आने का न्योता देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूर्वांचल के युवाओं को लेकर एक प्लान पूरा होने वाला है. पूर्वांचल के युवाओं को वाराणसी और आसपास के जिलों में रोजगार के अवसर मिलने शुरू हो गए हैं. वाराणसी में आयोजित उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जॉब फेयर में बड़ी कंपनियों के साथ स्थानीय कंपनियां भी शामिल रहीं जो युवाओं को वाराणसी या पूर्वांचल के दूसरे शहरों में नौकरी के अवसर दे रही हैं.

इन दिनों यूपी सरकार प्रदेश भर में रोजगार मेले का आयोजन कर रही है. हर जिले में जॉब फेयर के जरिए छोटी बड़ी नौकरियां दी जा रही हैं. हालांकि वाराणसी के काशी विद्यापीठ में चल रहा जॉब फेयर पूर्वांचल के युवाओं के लिए खास है. इसमें न सिर्फ बड़ी कंपनियां शामिल हैं बल्कि वाराणसी और पूर्वांचल की स्थानीय कम्पनियां भी इसमें हिस्सा ले रही हैं. ये कंपनियां युवाओं को वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में नौकरी के अवसर दे रही हैं.

उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जॉब फेयर में पांच हजार से ज्यादा युवा शामिल हुए. उनको 1134 नौकरियां मौकै पर ही सिर्फ वॉक-इन इंटरव्यू या टेस्ट के जरिए दी गईं. कुछ कंपनियों ने शॉर्टलिस्ट कर युवाओं को आगे के लिए संपर्क किया है.

55 कंपन‍ियां हुई जॉब फेयर में शामिल

अब तक एक ही आयोजन में स्थानीय स्तर पर इतनी ज्यादा नौकरी के अवसर नहीं दिए गए थे. दो दिन में 1100 से ज्यादा नौकरी देने के लक्ष्य को तय किया गया था. इस जॉब फेयर में 55 कंपन‍ियां शामिल हुई जिसमें खास तौर पर होटल इंडस्ट्री, व्यापारिक प्रतिष्ठान, बड़े रीटेल स्टोर, आईटी कम्पनियां शामिल हैं. सुविधा के लिए काशी विद्यापीठ के अलग अलग विभागों में अलग-अलग क्षेत्रों की कंपनियों को स्थान दिया गया है.

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (MGKV) के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ नवरत्न सिंह कहते हैं, 'इसकी शुरुआत वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न की वजह से हुई. कोरोना काल में पूर्वांचल के युवाओं को बड़ी संख्या में मुंबई, दिल्ली या एनसीआर क्षेत्र से नौकरी छोड़कर आना पड़ा था या उनकी नौकरियां गईं थीं. तब प्रधानमंत्री ने युवाओं को इस बात का भरोसा दिलाया था कि उनको घर के पास नौकरी मिलेगी. ये जॉब फेयर इस लिहाज खास है.'

कोव‍िड के बाद बढ़ा नौकर‍ियों का संकट

कोविड के संकट काल के बाद पूर्वांचल अपने-अपने घर लौटे युवा मध्यम दर्जे की नौकरी के लिए वापस उन शहरों में नहीं जाना चाहते थे क्योंकि न तो वो मुंबई, दिल्ली, गुड़गांव, बंगलौर जैसे शहरों में रहने का खर्चा उठा पा रहे थे, न ही घर से दूर लंबे समय तक बिना नौकरी के रह सकते थे. ऐसे युवा भी इस जॉब फेयर में शामिल हुए. साथ ही वाराणसी और आसपास के जिलों के छात्र भी बड़ी संख्या में आए. इनमें बड़ी संख्या लड़कियों की है तो उन युवाओं की भी जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं और पढ़ाई के साथ नौकरी भी करना चाहते हैं.

वाराणसी की रहने वाली प्रीतिलिका कहती हैं, 'टाटा मोटर्स में मेरा इंटरव्यू हुआ है और उन्होंने मुझे अप्रूव कर दिया है. उन्होंने मुझे दो ऑप्शन दिए थे- लखनऊ और वाराणसी. जाहिर है मैं वाराणसी को चुन रही हूं क्योंकि मैं घर पर रहकर ही नौकरी करना चाहती हूं.' वहीं आयुषी कहती हैं, 'मैंने ITI किया है और मुझे यहां बेहतर अवसर की उम्मीद थी. दो कंपनियों में इंटरव्यू दिया है. वाराणसी में ही रहना होगा जिससे आगे की पढ़ाई जारी रख सकती हूं.'

इस जॉब फ़ेयर में टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, सर्विस सेक्टर, रियल एस्टेट, बैंकिंग, आई टी सॉफ़्टवेयर, एजुकेशन, ऑनलाइन एजुकेशन जैसे क्षेत्रों की कंपनियों ने हिस्सा लिया. HDFC, IDFC, रमाडा, ट्यूलिप हॉलिडेज़, BYJU’s, तनिष्क, टाटा मोटर्स, जॉनसन टाइल्स, techMahindra, टेक्नोटास्क, डिक्सन टेक्नोलॉजी जैसी कम्पनियां इसमें शामिल हुईं. जॉब फेयर में आने वाले युवाओं को कोई दिक्कत न हो इसके लिए काशी विद्यापीठ के छात्रों को ही वॉलेंटियर के तौर पर लगाया गया था. इस जॉब फेयर के लिए 5500 युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था जबकि उससे ज्यादा 5578 छात्र शामिल हुए. 1134 युवाओं को मौके पर ही इंटरव्यू के बाद जॉब लेटर दे दिया गया जबकि 400 युवा ऐसे हैं जिनको शॉर्टलिस्ट किया गया है और अभी प्रक्रिया में हैं.

हाल ही में लखनऊ में हुए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रधानमंत्री ने निवेशकों और अतिथियों को समय के साथ ‘बदलती काशी’ को देखने का निमंत्रण दिया है. ये जॉब फेयर भी बदलते पूर्वांचल को दिखा रहा है क्योंकि रोज़गार के अवसर देने वाली कंपनियां बनारस में काम कर रही हैं. वाराणसी में विकास योजनाओं के साथ पूर्वांचल में नौकरी के अवसर बढ़ाने के लिए यूपी सरकार कई और क्षेत्रों में काम कर रही है. यूपी सरकार प्रदेश भर में रोजगार मेले आयोजित कर रही है जिसमें 26 हजार से ज्यादा युवाओं को मौके कर ही नौकरी मिलेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन रोजगार मेलों को सफल बनाने के लिए युवाओं के बीच इनका प्रचार करने का भी निर्देश दिया है जिससे नौकरी ढूंढने के लिए भी बाहर न जाना पड़े.