चांद छूने की हसरत में अक्सर लोगों के पैरों तले, हकीकत की ज़मीन भी खिसक जाती है. लेकिन जब मेहनत के खाद-पानी से अरमानों को सींचा जाता है तो बंजर जमीन पर भी फूल खिल उठते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है महाराष्ट्र के बीड जिले के कृष्णा मुंडे की... गरीबी और मुफलिसी के बीच मुंडे परिवार ने 10 साल तक एक सपने का पीछा किया. उसे साकार करने की ईमानदार कोशिश की और जब कामयाबी मिली. तो उसका स्वागत कैसे किया गया. आप खुद देख लीजिए
in this Video, Krishna Munde of Beed district of Maharashtra. Amidst poverty and penury, the Munde family chased a dream for 10 years. They made honest efforts to make it a reality and when they got success, how they were welcomed.