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खुद कभी नहीं गईं स्कूल, लेकिन आज स्लम में रहने वाले बच्चों का जीवन संवारने में जुटीं गुलनार

जीवन में शिक्षा की क्या अहमियत है ये कोई पुणे की गुलनार ईरानी से सीखे. 36 साल की गुलनार बचपन में कभी स्कूल नहीं गईं लेकिन आज अपने दम पर शिक्षा की अलख जगा रही हैं. गुलनार खुद भी पढ़ती हैं और शाम को झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को भी पढ़ाती हैं. लड़की होने की वजह से गुलनार के माता-पिता ने उन्हें स्कूल नहीं भेजा और उन्होंने पास के मदरसे में थोड़ी बहुत पढ़ाई-लिखाई की. लेकिन पढ़ने-लिखने का शौक गुलनार को बचपन से ही था. एक एनजीओ की मदद से गुलनार को अपना मकसद हासिल करने का मौका मिला और अब कॉलोनी के बच्चे बच्चियों को शिक्षित करना ही गुलनार का जुनून बन चुका है. देखिए रिपोर्ट.

Gulnar Irani who never got a chance to attend school in her childhood, has taken up the responsibility to educate slum children in Pune. Take a look at the inspiring story of Gulnar Irani.