समाजवादी पार्टी गठबंधन से अलग होकर अपना दल (कमेरावादी) को लगातार बैकफुट पर आना पड़ रहा है. पहले एआईएमआईएम (AIMIM) ने चुनाव लड़ने के लिए अपना सिंबल नहीं दिया अब 'लिफाफा' चुनाव चिन्ह भी कोर्ट ने आवंटित करने से मना कर दिया. ऐसे में इस चुनाव में PDM यानी पिछड़ा दलित मुस्लिम को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
अपना दल कमेरावादी के चुनाव चिन्ह लिफाफा को चुनाव आयोग ने योगदान रिपोर्ट वार्षिक आय और व्यय का ब्यौरा न देने के कारण आवंटित नहीं किया. इसके बाद अपना दल कमेरावादी हाई कोर्ट गई लेकिन वहां भी उनकी याचिका खारिज हो गई. अब चुनाव में उतरी प्रत्याशियों के सामने सिंबल को लेकर भी असमंजस बना हुआ है. हालांकि पीडीएम लगातार अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर रहा है. हाल ही में बरेली के प्रत्याशी ने लिफाफा सिंबल के साथ अपना नामांकन फाइल किया था लेकिन कैंसिल हो गया और अब वह फ्री सिंबल के लिए प्रयास कर रहे हैं.
पार्टी की मुश्किलें बढ़ी
इससे पहले पल्लवी पटेल ने 13 अप्रैल को सात सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की थी.. इनमें बरेली, हाथरस, फ़िरोज़ाबाद, रायबरेली, फ़तेहपुर और चंदौली शामिल हैं. बरेली के प्रत्याशी रियासत यार ख़ां का पर्चा शुक्रवार को कैंसिल हो गया. अब ऐसे में पार्टी को हर सीट के लिए चुनाव चिन्ह की मांग करनी पड़ेगी. जहां पर लिफाफा चुनाव चिन्ह जारी नहीं हुआ होगा वहां पर उन्हें दूसरे चुनाव चिन्ह के ज़रिए लड़ाना होगा. इस वजह से पार्टी की मुश्किलें और बढ़ गई है.
पल्लवी पटेल ने क्या कहा
अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने सिंबल नहीं मिलने पर कहा कि उनकी नेशनल पार्टी नहीं थी और कुछ डॉक्यूमेंट इश्यू थे. हालांकि जहां पर अभी लिफाफा सिंबल जारी नहीं किया गया होगा वहां हमको मिल जाएगा. और इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी के प्रत्याशी नहीं उतर रहे हैं. उन्होंने अपने प्रत्याशी पीडीएम के माध्यम से उतारने की बात कही है तो हम लोग साथ में और पिछला दलित और मुस्लिम मिलकर चुनाव लड़ेंगे.