कांग्रेस के दिग्गज लीडर मिलिंद देवड़ा ने पार्टी छोड़ दी है और एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो गए हैं. इसके साथ ही देवड़ा परिवार का कांग्रेस पार्टी से 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है. मिलिंद देवड़ा और उनके पिता मुरली देवड़ा दोनों मुंबई साउथ से सांसद रह चुके हैं.
मिलिंद देवड़ा पहले दिग्गज लीडर नहीं हैं, जिन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़ा है. पिछले कुछ सालों में कांग्रेस से कई पुराने नेताओं ने रिश्ता तोड़ा है. इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद से लेकर आरपीएन सिंह और जितिन प्रसाद तक का नाम शामिल है. चलिए आपको उन नेताओं के बारे में बताते हैं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया-
ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के दिग्गत नेता माने जाते थे और राहुल गांधी के करीबियों में उनकी गिनती होती थी. लेकिन उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया और साल 2020 में बीजेपी में शामिल हो गए थे. फिलहाल सिंधिया केंद्रीय मंत्री हैं.
साल 2018 में ज्योदिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में जीत हासिल की थी. लेकिन जब कांग्रेस सत्ता में आई तो पार्टी से उनका मोहभंग हो गया. ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस के दिग्गज लीडर थे.
जितिन प्रसाद-
उत्तर प्रदेश कांग्रेस में जितिन प्रसाद की गिनती राहुल गांधी के करीबी नेताओं में होती थी. जितिन प्रसाद की गिनती पार्टी के टॉप ब्राह्मण लीडर्स में होती थी. लेकिन साल 2019 लोकसभा चुनाव के बाद जितिन की पार्टी से दूरियां बढ़ती गई और एक दिन उन्होंने पार्टी छोड़ दी. साल 2021 में जितिन बीजेपी में शामिल हो गए. फिलहाल वो उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं.
आरपीएन सिंह-
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के कई और बड़े नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने जनवरी 2022 में कांग्रेस पार्टी से किनारा कर लिया और बीजेपी में शामिल हो गए. यूपी में आरपीएन सिंह को पिछड़ी जाति का एक बड़ा लीडर माना जाता है.
कपिल सिब्बल-
कांग्रेस के बडे़ लीडर कपिल सिब्बल ने 16 मई 2022 को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. वो मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे थे. बाद में सिब्बल को समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा भेजा गया.
गुलाम नबी आजाद-
कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने साल 2022 में पार्टी से किनारा कर लिया था. वो जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रहे थे. उन्होंने पार्टी छोड़ने के साथ एक लेटर लिखा था. जिसमें उन्होंने पार्टी पर कई आरोप लगाए थे. बाद में उन्होंने एक नई पार्टी बना ली. जिसका नाम डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी है.
अश्विनी कुमार-
डॉ. मनमोहन सिंह की कैबिनेट में मंत्री रहे अश्विनी कुमार ने साल 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. साल 2019 आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद कांग्रेस छोड़ने वाले पहले कैबिनेट मंत्री थे.
सुनील जाखड़-
साल 2022 में पंजाब कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था. बड़े लीडर सुनील जाखड़ ने पार्टी छोड़ दी थी. जाखड़ ने तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना की थी. जिसके बाद पार्टी ने उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इससे नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. बाद में वो बीजेपी में शामिल हो गए और पंजाब के अध्यक्ष बनाए गए थे.
अनिल एंटनी-
कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने पिछले साल जनवरी में पार्टी छोड़ दी थी और बीजेपी में शामिल हो गए थे. हालांकि उनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी ने अपने बेटे के फैसले पर दुख जताया था.
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