लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे फेज की वोटिंग हो गई है. वोटिंग के दौरान ही आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर एक बड़ा बयान दिया. लालू यादव ने मुसलमानों को पूरा आरक्षण दिए जाने की वकालत की. इस बयान को लेकर एनडीए के सहयोगी दल आरजेडी सुप्रीमो की घेराबंदी करने में जुट गए हैं. इसको लेकर विपक्षी गठबंधन पर NDA की तरफ से हमले तेज हो गए हैं. इसका नतीजा यह हुआ कि 4 घंटे के बाद ही लालू यादव अपने बयान से पलट गए. मुसलमानों को आरक्षण पर लालू के बयान और फिर उससे पलटने की पूरी सियासी कहानी क्या बयां करती है, चलिए समझने की कोशिश करते हैं.
मुस्लिम आरक्षण पर लालू यादव का बयान-
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव लोकसभा चुनाव में धीरे-धीरे एक्टिव होते नजर आ रहे हैं. लालू यादव ने चुनाव के शुरुआती दौर में तो कोई बयान नहीं दिया, लेकिन जैसे-जैसे चुनावी पारा चढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे लालू यादव अपने बयान से चुनावी एजेंडा सेट करने की कोशिश कर रहे हैं. मंगलवार को बिहार की 5 लोकसभा सीटों के साथ-साथ देशभर में तीसरे चरण की वोटिंग हो रही थी, इसी दौरान लालू यादव ने सुबह करीब 10:30 बजे मुस्लिम आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दे डाला.
दरअसल लालू यादव अपनी पत्नी राबड़ी देवी के विधान परिषद सदस्य चुने जाने के बाद उनके शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे थे. बिहार विधान परिषद में नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई जा रही थी, इस दौरान लालू यादव ने मीडिया से बातचीत की. सवाल आरक्षण से एक कदम आगे बढ़कर मुस्लिम आरक्षण को लेकर हुआ तो लालू यादव ने कहा कि आरक्षण तो मुसलमान को मिलना ही चाहिए.. पूरा मिलना चाहिए. इतना ही नहीं, लालू यादव ने पीएम मोदी पर संविधान खत्म करने की साजिश रचने का आरोप भी लगा डाला. लालू यादव ने जैसे ही यह बयान दिया, देशभर में सियासी बवाल मच गया. बीजेपी ने तुरंत लालू यादव और विपक्षी खेमे की घेरेबंदी शुरू कर दी. बीजेपी के छोटे- बड़े नेता यह कहने लगे कि विपक्ष आरक्षण के मौजूदा कोटे में कटौती कर मुसलमानों को पूरा आरक्षण देने की बात कर रहा है. जिस वक्त लालू यादव ने ये बयान दिया, उस वक्त सीमांचल और कोसी के इलाके में भी वोटिंग जारी थी. बिहार के मुस्लिम बहुल माने जाने वाले अररिया के अलावा मधेपुरा, सुपौल, झंझारपुर और खगड़िया में मतदान के बीच लालू यादव का यह बयान बेहद खास हो गया है. जानकार बताते हैं कि तेजस्वी यादव को यह समझने में देर नहीं लगी कि लालू यादव के बयान से आरजेडी और महागठबंधन को बिहार में नुकसान हो सकता है. साथ ही साथ देशभर में बीजेपी इसे एजेंडा बना सकती है. लिहाजा दोपहर 2:30 बजे के आसपास लालू यादव मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने वाले अपने बयान से पलट गए. लालू यादव ने एक बार फिर से बयान दिया. उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण हो ही नहीं सकता.. इसका आधार सामाजिक होता है. महज 4 घंटे बाद लालू के अपने बयान से पलट जाने की वजह क्या है? इसके साथ-साथ यह समझना भी जरूरी है कि आखिर लालू ने मुस्लिम आरक्षण की बात क्यों कही?
मुस्लिम आरक्षण के बहाने परिवार को मदद!
मौजूदा लोकसभा चुनाव में लालू यादव की दो बेटियां मैदान में हैं. मीसा भारती पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से पहले भी चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हुई. अब लालू यादव की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य सारण सीट से चुनाव मैदान में हैं. लालू यादव के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई है. सारण सीट पर रोहिणी की जीत के लिए यह जरूरी है कि वहां आरजेडी का MY फैक्टर पूरी तरह से मजबूत रहे, लेकिन सारण के ठीक बगल वाली सीवान सीट पर जो सियासी समीकरण है, वह लालू यादव की चिंता का सबसे बड़ा कारण है. सीवान कभी शहाबुद्दीन का गढ़ हुआ करता था, लेकिन उनके निधन के बाद अब शहाबुद्दीन का परिवार लालू के कुनबे से दूर जा चुका है. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना सहाब सीवान से निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. आरजेडी ने इस सीट पर अपने पुराने दिग्गज अवध बिहारी चौधरी को मैदान में उतारा है. सियासी जानकार बताते हैं कि सीवान से हिना सहाब को आरजेडी का टिकट नहीं मिलने और शहाबुद्दीन परिवार से लालू की दूरी की वजह से मुसलमान वोटर्स का पार्टी से मोहभंग हो सकता है. ना सिर्फ सीवान बल्कि सारण, महाराजगंज और गोपालगंज के इलाके में भी आरजेडी के MY समीकरण को झटका लग सकता है. अगर ऐसा हुआ तो रोहिणी आचार्य के लिए सारण में चुनौती बढ़ जाएगी. संभव है कि लालू यादव ने इस पूरे इलाके में मुस्लिम वोटर्स को अपने साथ जोड़े रखने के मकसद से आरक्षण वाला बयान दिया हो.
बयान से पलटने की वजह-
अपनी बेटी रोहिणी आचार्य की जीत सुनिश्चित करने और MY समीकरण को अपने पार्टी के साथ जोड़े रखने के लिए लालू यादव ने अगर मुसलमान को पूरा आरक्षण देने की बात कही तो चंद घंटे बाद वह अपने इसी बयान से क्यों पलट गए? दरअसल लालू यादव का यह बयान बीजेपी को बड़ा चुनावी मुद्दा दे गया. बीजेपी पहले से यह कहती रही है कि विपक्ष मुसलमानों को पूरा आरक्षण देना चाहता है. इसके लिए मौजूदा आरक्षण कैटेगरी में शामिल जातियों के कोटे में कटौती की आशंका प्रधानमंत्री मोदी खुद अपनी जनसभाओं में जताते रहे हैं. ऐसे में लालू यादव का बयान बीजेपी के इन दावों को बड़ा आधार दे गया. संभव है कि लालू के बयान देने के बाद आरजेडी कैंप और खासतौर पर तेजस्वी यादव को ये बात समझ में आ गई हो कि बिहार समेत देशभर में अभी चार चरणों का चुनाव बाकी है. अगर आरजेडी सुप्रीमो के इस बयान को बीजेपी ने विपक्ष के खिलाफ मुद्दा बनाया तो उन्हें बड़ा नुकसान हो सकता है. आरक्षण का लाभ पाने वाली गैर मुस्लिम जातियों की गोलबंदी आरजेडी और विपक्षी गठबंधन के खिलाफ होने का खतरा है. इसपर संदेह है कि आरजेडी के कोर वोटर माने जाने वाली यादव जाति के मतदाता भी मुसलमानों को पूरा आरक्षण दिए जाने से पूरी तरह सहमत हों. शायद यही वजह रही कि बीजेपी की घेरेबंदी शुरू होते ही लालू यादव ने महज चार घंटे बाद ही अपने बयान पर ना सिर्फ सफाई दी, बल्कि वह उससे पलट भी गए. हालांकि लालू का मुस्लिम आरक्षण के समर्थन में दिया गया बयान अब बीजेपी के लिए चुनावी मुद्दा बन चुका है. देखना होगा कि अपने बयान से पलटने के बाद लालू यादव आगे कैसे अपने MY समीकरण के साथ-साथ दूसरी जातियों को आरजेडी के लिए गोलबंद रख पाते हैं.
(पटना से शशि भूषण कुमार की रिपोर्ट)
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