लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) का महासंग्राम जारी है. अब तक चार चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है. कुल 379 लोकसभा सीटों के लिए मतदान हो चुका है. अब 5वें फेज में देश के 8 राज्यों की 49 लोकसभा सीटों पर 20 मई 2024 को वोटिंग होनी है. निर्वाचन आयोग के अनुसार इस फेज में 695 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
इसी फेज में बिहार (Bihar) की 5 लोकसभा सीटों सारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में चुनाव होना है. इन सीटों पर प्रमुख मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है. चलिए आपको बताते हैं कि इन सीटों पर किन-किन दिग्गज हस्तियों की किस्मत दांव पर लगी है.
पुराने दिग्गज नेताओं को टक्कर देने की फिराक में नए उम्मीदवार
आपको जानकारी हो कि बिहार में 5वें फेज के लोकसभा चुनाव में जिन 5 लोकसभा सीटों पर मतदान होने जा रहा है, इनमें चार सीटों पर दोनों गठबंधनों एनडीए (NDA) और इंडिया गठबंधन (India Alliance) के उम्मीदवार एक-दूसरे के लिए नए हैं. यानी नए प्रत्याशी पुराने दिग्गज नेताओं को टक्कर दे रहे हैं. सिर्फ एक सीट मुजफ्फरपुर लोकसभा सी ऐसी है, जहां पर एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवार लगातार दूसरी बार आमने-सामने हैं. अब देखना होगा कि नए उम्मीदवारों के सामने पुराने नेता चुनावी मैदान में खुद की साख कैसे बचाए रखते हैं.
1. सारण लोकसभा सीट
सारण लोकसभा सीट से एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राजीव प्रताप रूडी को चुनावी मैदान में उतारा है. निर्वतमान सांसद रूडी का मुकाबला आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य से है. लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रही हैं. इस तरह दोनों उम्मीदवार के बीच पहली बार भिड़ंत है. आरजेडी ने रोहिणी को जीत दिलाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. खुद लालू प्रसाद यादव अपनी बेटी के लिए कई बार प्रचार कर चुके हैं. राजीव प्रताप रूडी सारण से हैट्रिक लगाने को लेकर आश्वस्त हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में रूडी ने राजद के चंद्रिका राय और लोकसभा चुनाव 2014 में राजद की राबड़ी देवी को हराया था. लोकसभा चुनाव 2009 बीजेपी उम्मीदवार रूडी को राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने हराया था.
2. हाजीपुर लोकसभा सीट
हाजीपुर लोकसभा सीट से इस बार पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान चुनावी मैदान में हैं. चिराग हाजीपुर से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला राजद के पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम खड़े से है. दोनों के बीच पहली बार टक्कर हो रही है. लोकसभा चुनाव 2019 में हाजीपुर से लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के टिकट पर चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस चुनाव जीते थे. लोकसभा चुनाव 2014 में रामविलास पासवान यहां से जीते थे. रामविलास पासवान को लोकसभा चुनाव 2009 में जदयू के रामसंदुर दास ने हराया था.
3. मधुबनी लोकसभा सीट
मधुबनी में पुराने योद्धा को टक्कर देने के लिए नए योद्धा चुनावी मैदान में कूदे हैं. यहां से एक बार फिर बीजेपी (BJP) ने अशोक कुमार यादव को चुनावी मैदान में उतारा है. इंडिया गठबंधन में शामिल लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने दिग्गज नेता अली अशरफ फातमी पर भरोसा जताया है.इन दोनों नेताओं के बीच यह पहला मुकाबला है. अशोक यादव ने लोकसभा चुनाव 2019 में वीआईपी के प्रत्याशी को हराया था. लोकसभा चुनाव 2019 और 2014 में इस सीट पर भाजपा के हुकुमदेव नारायण यादव जीते थे. अशोक यादव के पिता हुकुमदेव हैं.
4. मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट
मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से इस बार उन्हीं दो उम्मीदवारों के बीच मुख्य मुकाबला है, जिनके बीच 2019 में टक्कर हुई थी. बस अंतर यह है कि दोनों उम्मीदवारों की पार्टी इस बार बदल गई है. भाजपा के राजभूषण निषाद और कांग्रेस के अजय निषाद के बीच मुकाबला है. 2019 में अजय निषाद भाजपा के टिकट पर लड़े थे और वीआईपी के टिकट पर मैदान में उतरे राजभूषण निषाद को हराया था. 2014 में भी भाजपा के टिकट पर अजय निषाद जीते थे. लोकसभा चुनाव 2009 में मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से अजय निषाद के पिता जयनारायण निषाद ने जदयू के टिकट पर जीत दर्ज की थी.
5. सीतामढ़ी लोकसभा सीट
सीतामढ़ी लोकसभा सीट से जदयू ने सुनील कुमार पिंटू का टिकट काटकर विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर पर भरोसा जताया है तो वहीं राजद ने इस बार भी 2019 में चुनाव लड़नेवाले अर्जुन राय को ही चुनावी मैदान में उतारा है. देवेशचंद्र ठाकुर की जहां छवि साफ-सुथरी है. वह विधान परिषद के सभापति भी हैं. वहीं अर्जुन राय लोकसभा चुनाव 2009 में जदयू के टिकट पर सीतामढ़ी से सांसद रह चुके हैं. दोनों प्रत्याशियों की इलाके में छवि और पकड़ के अलावा यहां अयोध्या में राममंदिर का निर्माण सबसे बड़ा मुद्दा है.जदयू के देवेश चंद्र ठाकुर पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.इन दोनों के बीच यह पहली लड़ाई है.