बिहार की सियासत में काफी समय से उलटफेर की अटकलें लगाई जा रही हैं. लेकिन बीजेपी के दिग्गज लीडर अमित शाह के एक बयान ने इन अटकलों को हवा दे दी है. केंद्रीय गृह मंत्री ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में इस बात के संकेत दिए हैं कि एनडीए में जेडीयू की वापसी संभव है. उनके बयान के बाद बिहार की सियासत में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से पाला बदल सकते हैं.
अमित शाह ने क्या कहा-
बीजेपी लीडर अमित शाह ने राजस्थान पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा है कि जो और तो से राजनीति में बात नहीं होती है. किसी का प्रस्ताव होगा तो विचार किया जाएगा. दरअसल अमित शाह से सवाल पूछा गया था कि पुराने साथी जो छोड़कर गए थे नीतीश कुमार आदि, ये आना चाहेंगे तो क्या उनके लिए रास्ते खुले हैं? इसके जवाब में शाह ने प्रस्ताव पर विचार करने की बात कही.
जेडीयू-बीजेपी की करीबी बढ़ने के संकेत क्यों-
बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच करीबी बढ़ने की अटकलें काफी समय से लगाई जा रही हैं. लेकिन अमित शाह के बयान ने इसे और हवा दे दी है. नीतीश कुमार के पाला बदलकर एनडीए में शामिल होने की अटकलों चर्चा इसलिए भी तेज हो गई है, क्योंकि जब जेडीयू ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ा था तो बीजेपी ने साफ कह दिया था कि अब नीतीश कुमार के लिए एनडीए के रास्ते बंद हो गए हैं.
बिहार के झंझारपुर में अमित शाहने खुद साफ-साफ कहा था कि नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं. लेकिन अब अमित शाह का बयान जेडीयू की एनडीए में वापसी के संकेत दे रहे हैं.
एनडीए के सहयोगियों के भी बदले तेवर-
नीतीश कुमार पर हमलावर रहने वाले एनडीए के सहयोगियों के भी तेवर बदले-बदले लग रहे हैं. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि अगर नीतीश कुमार एनडीए में वापसी करते हैं तो वह इसका विरोध नहीं करेंगे. उधर, एनडीए की एक और सहयोगी पार्टी एलजेपी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान के जेडीयू के तेवर भी नरम दिखाई दे रहे हैं. चिराग पासवान ने जेडीयू के एनडीए में आने की संभावना जता दी है.
नीतीश का जेडीयू विधायकों को निर्देश-
हाल ही में नीतीश कुमार ने जेडीयू पार्टी की कमान अपने हाथों में ली है. एनडीए में जाने की अटकलों के बीच नीतीश कुमार ने जेडीयू के सभी विधायकों और सांसदों से अगले आदेश तक पटना में मौजूद रहने को कहा है. साल 2022 में जब नीतीश कुमार ने एनडीए से गठबंधन तोड़ा था और आरजेडी के साथ सरकार बनाई थी, उस समय भी विधायकों को पटना में रहने को कहा गया था.
जेडीयू-आरजेडी में दूरियां-
बिहार में जेडीयू और आरजेडी में दूरियां बढ़ने की चर्चा काफी समय से चल रही है. लेकिन आरजेडी के एक लीडर के बयान ने इसे और बढ़ा दिया है. सोमवार को राबड़ी देवी के आवास पर मकर संक्रांति भोज हुआ. जिसमें आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र भी पहुंचे थे. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जेडीयू प्रमुख लालू प्रसाद यादव के आशीर्वाद से ही नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हैं. लालू प्रसाद बड़े हैं, इसमें कोई शक नहीं है.
भाई वीरेंद्र के इस बयान पर जेडीयू की तरफ से भी पलटवार हुआ. नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि भाई वीरेंद्र की भाषा गले से नहीं उतर रही है. ये बात पूरी तरह से गलत है.
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