आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता व कवि कुमार विश्वास राज्यसभा पहुंच सकते हैं. भाजपा उन्हें पार्टी में शामिल किए बिना राज्यसभा भेज सकती है. जी हां, राज्यसभा की 7 सीटों के लिए यूपी बीजेपी ने 35 नामों का पैनल तैयार किया है. इसमें कुमार विश्वास के भी नाम की चर्चा है. भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 से पहले जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने का प्रयास कर रही है. यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों पर 27 फरवरी को चुनाव होना है.
सीएम आवास पर हुई बैठक
सोमवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के आवास पर बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक हुई, जिसमें उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेजे जाने वाले नाम को लेकर चर्चा हुई. सुधांशु त्रिवेदी को दोबारा राज्यसभा भेजने के लिए पैनल में उनका नाम भी शामिल है, जबकि चर्चा यह है कि कुमार विश्वास का भी नाम पैनल में रखा गया है. हालांकि, इसकी कोई पुष्टि अभी नहीं हुई है.
सस्पेंस अभी है बरकरार
कुमार विश्वास को गाजियाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने की भी चर्चा उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में चल रही है. अब ऐसे में उन्हें राज्यसभा भेजा जाएगा या लोकसभा लड़ाया जाएगा, इस पर सस्पेंस बरकरार है. मुख्यमंत्री योगी के आवास पर हुई इस बैठक में दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक इसके अलावा भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह भी मौजूद थे. जल्द ही ये सभी 35 नामों को केंद्रीय समिति के पास भेजा जाएगा. जिसमें से 7 नाम पर बीजेपी का आलाकमान अपनी सहमति देगा.
जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधना चाहती है भाजपा
भाजपा मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को भी राज्यसभा भेज सकती है. राज्यसभा जाने वालों में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, दुष्यंत गौतम, मुख्तार अब्बास नकवी भी शामिल हैं. इन नामों के जरिए भाजपा जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधना चाहती है. ऐसे में भाजपा ओबीसी और एससी समाज के एक-दो नेताओं को राज्यसभा भेज सकती है. अपर्णा यादव को राज्यसभा भेजकर भाजपा यूपी में ओबीसी समाज को साधेगी. उत्तराखंड के प्रभारी दुष्यंत गौतम को टिकट देकर भाजपा एसएसी समाज में मजबूत पकड़ बनाना चाहेगी. यदि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की बात करें तो वह अभी हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं, उनका कार्यकाल भी समाप्त होने वाला है. हिमाचल प्रदेश में सिर्फ एक सीट पर राज्यसभा का चुनाव होना है. ऐसे में जेपी नड्डा को यूपी से राज्यसभा सदस्य बनाया जा सकता है.
यूपी की 10 सीटें हो रहीं खाली
उत्तर प्रदेश से 10 राज्यसभा की सीटें खाली हो रही हैं, जिसमें से सात सीटें बीजेपी के खाते में हैं, जबकि तीन सीट समाजवादी पार्टी के खाते में जाएंगी. तीसरी सीट भी समाजवादी पार्टी जीत सकती है लेकिन तीसरी सीट को लेकर बीजेपी चाहे तो लड़ाई लड़ सकती है यानी कि अपना आठवां उम्मीदवार उतार सकती है.
कैसे होता है राज्यसभा का चुनाव
राज्यसभा के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं. यानी कि राज्यसभा सदस्यों का चुनाव सीधे जनता नहीं करती, बल्कि जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि राज्यसभा सदस्यों को चुनते हैं. राज्यसभा चुनाव के लिए राज्यों के विधायक मतदान करते हैं. इस चुनाव में जिस पार्टी के पास विधायकों की संख्या अधिक होती है उस पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार की जीत तय होती है.