लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के लिए बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट रविवार को जारी कर दी है. इस सूची में कुल 16 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं. ये सभी नाम पहले और दूसरे चरण के चुनाव के उम्मीदवारों के हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने उम्मीदवारों के चयन में खूब माथापच्ची की है.
मुस्लिम बहुत सीटों पर यूं तो मायावती ने मुस्लिम चेहरों को ही उतारा है लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई ऐसे प्रत्याशी हैं, जो दोधारी तलवार की तरह हैं यानी हाथी की चाल से एनडीए (NDA) और इंडिया (INDIA) गठबंधन की दोनों को परेशानी हो सकती है. खासकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) को. इस तरह से लोकसभा चुनाव में कई जगहों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है.
... तो बन सकती है बड़ी खिलाड़ी
कैराना, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत और गौतम बुद्ध नगर में बसपा का उम्मीदवार बीजेपी को सीधे-सीधे नुकसान पहुंचाएंगे. जबकि सपा गठबंधन को मायावती के उम्मीदवारों का दंश सहारनपुर, मुरादाबाद रामपुर, संभल, अमरोहा, आंवला और पीलीभीत में झेलना पड़ सकता है. मायावती के उम्मीदवारों को यदि मुसलमानों का समर्थन मिल गया तो फिर सपा किनारे हो जाएंगी, बीजेपी से सीधे लड़ाई में बसपा आ जाएगी क्योंकि जो भी मुस्लिम चेहरे इन सीटों पर मायावती ने उतारे हैं, उनकी स्थानीय स्तर पर काफी मजबूत पकड़ है. वे अपना वोट बैंक भी रखते हैं. ऐसे में इन सीटों पर दलित-मुस्लिम कांबिनेशन चल गया तो फिर बीएसपी चुनाव में इन सीटों पर बड़ी खिलाड़ी बन सकती है.
बिरादरी का रखा है ध्यान
कैराना से बीएसपी ने श्रीपाल सिंह राणा, जो कि राजपूत यानी ठाकुर बिरादरी से हैं, उन्हें टिकट दिया है. इस इलाके में ठाकुरों की आबादी अच्छी और प्रभावी मानी जाती है. मुजफ्फरनगर में मायावती ने दारा सिंह प्रजापति को टिकट दिया है, जो ओबीसी बिरादरी से हैं. मुजफ्फरनगर में प्रजापति समाज के वोट बड़ी तादाद में है. इस तरह मेरठ से पहली बार कोई त्यागी चुनाव लड़ रहा है.
त्यागी पिछले दिनों भाजपा से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नाराज भी रहे हैं. बागपत से बसपा ने बंसल यानी बनिया को चुनाव में उतारा है. ये जाति बीजेपी की वोट बैंक है. गौतम बुद्ध नगर यानी नोएडा में बसपा ने ठाकुर यानी राजपूत बिरादरी के राजेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट दिया है. नोएडा में राजपूत प्रभावी बिरादरी है और उनके 84 गांव चुनाव के लिहाज से हमेशा से अहम रहे हैं. राजनाथ सिंह भी कभी नोएडा से सांसद हुआ करते थे. ऐसे में मायावती ने बिरादरी के लिहाज से अच्छे टिकट बांटे हैं, जो बीजेपी को नुकसान कर सकते हैं.
दोधारी तलवार साबित हो सकते हैं बसपा के उम्मीदवार
मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी किसी मुसलमान को ही टिकट देगी और बसपा ने यहां से इरफान सैफी को मैदान में उतारा है. सैफी मुसलमान की ऐसी बिरादरी है जो अपनी जाति को लेकर बेहद संवेदनशील है. माना जा रहा है कि यदि मायावती को यहां मुसलमान ने वोट कर दिया तो सपा का खेल खराब हो सकता है. कुछ ऐसी ही स्थिति रामपुर की है, जहां से जीशान खान को बसपा ने टिकट दिया है.
जीशान खान का परिवार स्थानीय स्तर पर प्रभावी है. इसी परिवार के पास जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी है. पीलीभीत के अनीस अहमद उर्फ फूल बाबू भी मुस्लिम बिरादरी से हैं और स्थानीय स्तर पर मजबूत नाम हैं. यही हाल आंवला के आबिद अली का भी है. आंवला और पीलीभीत में बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. ऐसे में मुसलमान का रुझान बसपा की तरफ हो सकता है. रामपुर और संभल में यूं तो समाजवादी पार्टी की तरफ से भी मुस्लिम उम्मीदवार ही माने जा रहे हैं लेकिन यहां के बसपा के दोनों उम्मीदवार मुसलमान होने की वजह से सपा का नुकसान कर सकते हैं. कुल मिलाकर माना जा सकता है कि बसपा ने जो उम्मीदवार उतारे हैं वह एनडीए और इंडिया एलायंस के लिए दोधारी तलवार हैं.
बसपा ने इन्हें उतारा है चुनावी मैदान में
1. सहारनपुर- माजिद अली
2. कैराना- श्रीपाल सिंह
3. बिजनौर- विजेन्द्र सिंह
4. मुजफ्फरनगर- दारा सिंह प्रजापति
5. नगीना (SC)- सुरेन्द्र पाल सिंह
6. मुरादाबाद- मोहम्मद इरफान सैफी
7. रामपुर- जीशान खान
8. सम्भल- शौलत अली
9. अमरोहा- मुजाहिद हुसैन
10. मेरठ- देववृत्त त्यागी
11. बागपत- प्रवीण बंसल
12. गौतमबुद्ध नगर- राजेन्द्र सिंह सोलंकी
13. बुलन्दशहर (SC)- गिरीश चन्द्र जाटव
14. आंवला- आबिद अली
15. पीलीभीत- अनीस अहमद खां उर्फ फूलबाबू
16. शाहजहांपुर (SC)- डॉ. दोदराम वर्मा