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Lok Sabha Election 2024: Manipur में BJP का सूपड़ा साफ, Congress ने किया क्लीन स्वीप, जानिए क्या रहा जीत का कारण

मणिपुर में लोकसभा की दो सीटें हैं. एक इनर मणिपुर और एक आउटर मणिपुर. 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी इनर मणिपुर सीट पर चुनाव लड़ी थी और जीती भी थी. लेकिन इस बार भगवा पार्टी को हार का स्वाद चखना पड़ा. 

Indian National Congress leads in both Manipur Lok Sabha seats Indian National Congress leads in both Manipur Lok Sabha seats
हाइलाइट्स
  • कांग्रेस के अंगोमचा बिमल अकोइजाम ने बीजेपी को हराया

  • एक लाख से ज्यादा वोट किए हासिल

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के नतीजे सार्वजनिक हो चुके हैं. लोकसभा की 543 सीटों पर वोटों की गिनती जारी है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने 400 पार के लक्ष्य से बहुत दूर रह गई, जबकि इंडिया गठबंधन ने 200 सीट का आंकड़ा आसानी से पार कर लिया. भारतीय जनता पार्टी को एक झटका मणिपुर से भी लगा जहां उसे एकमात्र सीट पर लड़ते हुए हार मिली है. सिर्फ यही नहीं, बीजेपी की चिर-प्रतिद्वंदी कांग्रेस ने मणिपुर की दोनों सीटों को बड़े अंतर से क्लीन स्वीप किया है. 

बीजेपी पर निकला जनता का आक्रोश 
मणिपुर में लोकसभा की दो सीटें हैं. एक इनर मणिपुर और एक आउटर मणिपुर. 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी इनर मणिपुर सीट पर चुनाव लड़ी थी और जीती भी थी. लेकिन इस बार भगवा पार्टी को हार का स्वाद चखना पड़ा. 
इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक इनर मणिपुर में कांग्रेस के अंगोमचा बिमल अकोइजाम एक लाख से ज्यादा वोटों से आगे चल रहे हैं. वहीं आउटर मणिपुर में कांग्रेस के अल्फ्रेड कंगम नागा पीपल्स फ्रंट के कचुई जिमिक से 84,285 से आगे चल रहे हैं. 

मणिपुर हिंसा बनी बड़ा मुद्दा 
अगर कांग्रेस की इस एकतरफा जीत पर विचार किया जाए तो इस चीज को नजरंदाज नहीं किया जा सकता कि इंडिया गठबंधन ने मणिपुर हिंसा को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था. गृह मंत्री अमित शाह और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के हर मोड़ पर विपक्ष के खंडन के बावजूद, यह एक ऐसा मुद्दा था जिसका उपयोग इंडिया ब्लॉक ने केंद्र पर कटाक्ष करने के लिए किया था. राहुल गांधी ने जनवरी 2024 में भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत भी मणिपुर से ही की थी. पूर्वोत्तर भारत से गुजरते हुए उन्होंने कई बार मणिपुर हिंसा रोकने में केंद्र सरकार को अक्षम बताया था. 

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सही उम्मीदवार चुनना कांग्रेस के लिए रहा फायदेमंद 
इनर मणिपुर में कांग्रेस की बंपर जीत का एक कारण सही उम्मीदवार चुनना भी रहा. कांग्रेस प्रत्याशी अकोइजाम जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. 57 साल के अकोईजम मैतेई समुदाय से आते हैं, जो मणिपुर में बहुसंख्यक समुदाय है. मणिपुर संकट के बीच स्थानीय भावनाओं ने संकेत दिया था कि वह उन विधानसभा क्षेत्रों में पसंदीदा उम्मीदवार थे जहां कांग्रेस पारंपरिक रूप से मजबूत थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा भी मणिपुर के उसी एक इलाके से शुरू की थी जहां कांग्रेस मजबूत है. 
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर के दो राजनीतिक विश्लेषकों ने बताया कि अकोइजाम की आखिरी मिनट की राजनीतिक पारी ने मैतेई वोटों को बांटने का काम किया. 

मणिपुर में देखने को मिली थी बंपर वोटिंग 
हिंसा ने चुनाव के दौरान भी मणिपुर की पीछा नहीं छोड़ा था. बाहरी मणिपुर सीट के छह मतदान केंद्रों पर हिंसा के बाद फिर से वोटिंग हुई थी. सीट पर 80 प्रतिशत से ज्यादा वोट पड़े थे. दोनों सीटों को मिलाकर मणिपुर में कुल 70 प्रतिशत मतदान हुआ था. 

क्या कहता था एग्जिट पोल? 
आजतक एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में अनुमान लगाया गया था कि इस बार मणिपुर में बीजेपी को नुकसान हो सकता है. सर्वे में एक सीट कांग्रेस और एक अन्य को मिलने की उम्मीद जताई गई थी. हालांकि अब दोनों सीटों पर कांग्रेस की जीत साफ हो गई है.