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Indore Lok Sabha Seat Result: इंदौर में NOTA ने तोड़ा रिकॉर्ड, चुनावी नतीजों में दूसरे नंबर पर

मध्य प्रदेश की इंदौर सीट पर दो रिकॉर्ड एक साथ बने हैं. एक तरफ जहां बीजेपी ने इस सीट पर रिकॉर्ड जीत हासिल की है तो दूसरी तरफ यहां पर NOTA को भी रिकॉर्ड वोट मिले हैं.

Almost 2 lakh NOTA votes in Indore Almost 2 lakh NOTA votes in Indore

लोक सभा चुनाव के परिणामों में मध्य प्रदेश के इंदौर ने एक नया रिकॉर्ड बना लिया है. स्वच्छता के मामले में लगातार कई सालों से नंबर वन इस शहर ने दो लाख से ज्यादा वोट NOTA (None of the above) को दिए हैं. नोटा दबाने का मतलब है कि वोटर चुनाव में खड़े किसी भी प्रत्याशी को अपने नेता के रूप में नहीं देखना चाहते हैं. इंदौर ने नोटा के मामले में रिकॉर्ड बनाया है. 

इंदौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र मध्य प्रदेश के 29 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है, जो इंदौर जिले के ज्यादातर हिस्से को कवर करता है. इस सीट पर बीजेपी से शंकर लालवानी, बीएसपी से संजय लक्ष्मण सोलंकी, आखिल भारतीय परिवार पार्टी से पवन कुमार, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया से कॉमरेड अजीत सिंग, जन संघ पार्टी से बसंत गहलोत, और लवीश खंडेलवाल, अभय जैन, अयाज़ अली व अर्जुन परिहार निर्दलीय चुनाव में उतरे थे. इस सीट पर बीजेपी के शंकर लालवानी ने 12 लाख से ज्यादा वोटों के साथ रिकॉर्ड जीत हासिल की है. और सबसे दिलचस्प बात यह है कि शंकर लालवानी के बाद सबसे ज्यादा वोट NOTA को मिले हैं. 

नामांकन वापिस लेने के आखिरी दिन हुआ था खेल 
इंदौर के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव 13 मई को चौथे चरण के दौरान हुआ, जिसमें 61.67% मतदान हुआ. हालांकि, चुनाव से पहले स्थिति तब बदल गई जब कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया और भाजपा में शामिल हो गए. दरअसल, अक्षय कांति बम ने 24 अप्रैल को कांग्रेस से नामांकन भरा था. और कुछ दिनों बाद ही, नामांकन वापिस लेने की आखिरी तारीख पर अक्षय कांति बम ने अपना पर्चा वापिस ले लिया. इस कारण, कांग्रेस पार्टी को अपना कोई दूसरा कैंडिडेट खड़ा करने का अवसर नहीं मिला.  

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इस वजह से इंदौर सीट से कांग्रेस का कोई प्रत्याशी चुनाव में नहीं उतर पाया और शंकर लालवानी को लगभग कोई चुनौती नहीं मिली. इसके बाद कांग्रेस ने अपने समर्थकों से नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) के लिए वोट करने का आग्रह किया. कांग्रेस पार्टी ने इंदौर में कैंपेन चलाया कि लोग उनके समर्थन में NOTA दबाएं. 

नतीजों में दूसरे नंबर पर नोटा 
लोक सभा चुनाव के नतीजों में इंदौर की सीट पर भाजपा को जीत मिली है. भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी को 12 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं. लेकिन इस सीट पर दिलचस्प बात यह रही है कि दूसरे नंबर पर नोटा को वोट मिले. जी हां, दो लाख से ज्यादा वोटों को साथ नतीजों में नोटा दूसरे नंबर पर रहा. आपको बता दें कि लोग नोटा तब दबाते हैं जब वे चुनाव में खड़े सभी प्रत्याशियों को नकार देते हैं. इंदौर में नोटा को इतने ज्यादा वोट मिलने का मतलब है कि एक सेक्शन किसी भी उम्मीदवार से खुश नहीं है और विकल्प की तलाश में है. 

आपको बता दें कि इंदौर सीट 1989 से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गढ़ रही है. वर्तमान में, शंकर लालवानी संसद सदस्य हैं, जो सुमित्रा महाजन के उत्तराधिकारी हैं, जिन्होंने लगातार नौ बार इस सीट पर कब्जा किया है और 2014 से 2019 तक लोकसभा अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया. इस बार भी उन्होंने इंदौर से बड़ी जीत हासिल की है.