गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी निलेश कुंभानी का नामांकन फॉर्म चुनाव अधिकारी ने रद्द कर दिया था. इसके बाद इस सीट से बीजेपी के प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध चुनाव जीत गए. यूं कह लें कि बीजेपी का खाता मतदान से पहले ही खुल गया. बता दें कि सूरत लोकसभा सीट से निश्चित समय अवधि में कुल 10 लोगो ने नामांकन दाखिल किया था, जिसमें से कांग्रेस के कैंडिडेट का नामांकन रद्द हो चुका था उसके बाद बीजेपी के कैंडिडेट मुकेश दलाल के खिलाफ कुल 8 कैंडिडेट्स चुनावी मैदान में बचे थे.
बता दें कि गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट पर मतदान तीसरे चरण में यानी की 7 मई को होना है. जिसके लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 19 अप्रैल थी और नामांकन वापिस लेने का तारीख 22 अप्रैल है. जिसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुंभानी के प्रस्तावकों को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत की और निलेश कुंभानी अपने प्रस्तावकों को निर्धारित समयावधि में चुनाव अधिकारी के सामने हाजिर नहीं रख पाए और उनका नामांकन रद्द कर दिया गया.
बसपा प्रत्याशी पर थी नजर
इस स्थिति में अब सूरत लोकसभा सीट से बीजेपी के मुकेश दलाल के अलावा बसपा से प्यारेलाल भारती, सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्टी से अब्दुल हमिद खान, ग्लोबल रिपब्लिकन पार्टी से जयेश मेवाड़ा, लोग पार्टी से सोहेल खान इन चार कैंडिडेट के अलावा बाकी के चार अपक्ष से जिनमें अजीत सिंह उमट, किशोर डायानी, बारैया रमेशभाई और भरत प्रजापति चुनावी मैदान में है. इन तमाम 8 कैंडिडेट्स में से बसपा से प्यारेलाल भारती पर सबकी निगाहें थी क्योंकि पहले से कनफर्म था कि बाकी के सात कैंडिडेट्स नामांकन वापिस लेंगे.
पूर्व पीएम मोरारजी देसाई सूरत से 5 बार जीत चुके हैं चुनाव
बता दें कि, गुजरात की 26 सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन किया है, जिसके तहत सूरत से कांग्रेस ने अपना कैंडिडेट उतारा था लेकिन निलेश का फॉर्म रद्द हो चुका है. सूरत लोकसभा सीट की बात करें तो देश के पूर्व पीएम मोरारजी देसाई 5 बार सूरत लोकसभा से सांसद रहे थे, लेकिन साल 1989 से सूरत लोकसभा सीट पर बीजेपी का लगातार कब्जा रहा है और अब एक फिर बीजेपी का सूरत लोकसभा सीट से कब्जा बरकरार रहेगा.