लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे सियासी समीकरण बदलते जा रहे हैं. एनडीए का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है. अब ओडिशा में एनडीए का विस्तार होता दिख रहा है. बीजेपी और बीजेडी के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत आखिरी दौर में पहुंच गई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही दोनों दलों में गठबंधन का ऐलान हो सकता है.
बीजेपी-बीजेडी में गठबंधन के संकेत-
ओडिशा में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे. ऐसे में सूबे में बीजेपी और बीजेडी एक साथ आ सकते हैं. दोनों पार्टियों की तरफ से गठबंधन के संकेत मिल रहे हैं. इसको लेकर दोनों पार्टियों में बैठकों का दौर तेज हो गया है. दिल्ली में बीजेपी नेताओं ने अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. जबकि ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में बीजेडी नेताओं की मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात हुई. बताया जा रहा है कि जल्द ही दोनों दलों के बीच गठबंधन का फॉर्मूला तय हो जाएगा.
गठबंधन में किसको क्या मिल सकता है-
ओडिशा को लेकर दिल्ली में अमित शाह और जेपी नड्डा ने बैठक हुई. इसमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, ओडिशा बीजेपी अध्यक्ष मनमोहन सामल और पूर्व केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम शामिल हुए. बैठक के बाद ओराम ने कहा कि एलायंस समेत कई मसलों पर बातचीत हुई. लेकिन अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा. बताया जा रहा है कि अगर गठबंधन होता है तो लोकसभा की ज्यादातर सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार उतारेगी और विधानसभा की ज्यादातर सीटोंपर बीजेडी के उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे. इसका मतलब है कि गठबंधन में बीजेपी को लोकसभा की ज्यादा सीटें और बीजेडी को विधानसभा की ज्यादा सीटें मिलेंगी.
साल 2019 में क्या थे नतीजे-
ओडिशा में विधानसभा की 147 सीटें और लोकसभा की 21 सीटें हैं. साल 2019 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए थे. लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 8 और बीजेडी ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 23 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि बीजेडी को 112 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. एक बार फिर ओडिशा में लोकसभा के साथ विधानसभा के चुनाव होंगे. ऐसे में गठबंधन होता है तो एनडीए को फायदा होने का अनुमान है.
गठबंधन से कितना मजबूत होगा एनडीए-
अगर ओडिशा में बीजेपी और बीजेडी के बीच गठबंधन होता है तो चुनाव में एनडीए को मजबूती मिलेगी. ऐसा कहा जा सकता है कि सूबे में एनडीए क्लीन स्वीप कर सकता है. अगर साल 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे पर गौर किया जाए तो बीजेडी को 42.8 फीसदी वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को 38.4 फीसदी वोट मिले थे. सूबे में कांग्रेस को सिर्फ 13.4 फीसदी वोट हासिल हुए थे. ऐसे में अगर बीजेपी और बीजेडी साथ आते हैं तो सूबे में एनडीए का पलड़ा बहुत भारी हो सकता है.
ओडिशा में साल 2019 में विधानसभा चुनाव भी हुए थे. उस चुनाव में बीजेडी को 44.71 फीसदी वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को 32.49 फीसदी वोट हासिल हुए थे. ऐसे में गठबंधन होता है तो विधानसभा चुनाव में भी एनडीए को बढ़त हासिल हो सकती है. इससे पहले भी बीजेपी और बीजेडी का गठबंधन था. लेकिन साल 2009 में गठबंधन टूट गया था.
एनडीए में TDP की वापसी की चर्चा-
भारतीय जनता पार्टी आंध्र प्रदेश में भी बड़े गठबंधन की तैयारी में है. बताया जा रहा है कि तेलुगू देशम पार्टी (TDP) एनडीए में शामिल हो सकती है. हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा गया है. टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू आज यानी 7 मार्च को दिल्ली आ सकते हैं. जबकि जन सेना पार्टी के लीडर पवन कल्याण भी दिल्ली में हैं. ऐसे में सूबे की लोकसभा सीटों को लेकर बीजेपी, टीडीपी और जेएसपी के बीच चर्चा हो सकती है. आपको बता दें कि साल 2019 आम चुनाव में सूबे में बीजेपी को कोई सीट नहीं मिली थी. सूबे की 25 सीटों में से 22 सीटों पर जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP को जीत मिली थी, जबकि टीडीपी को 3 सीटों पर सफलता मिली थी. ऐसे में टीडीपी के साथ गठबंधन से सूबे में एनडीए को मजबूती मिलेगी.
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