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Rajkumar Roat: बचपन में पिता को खोया, टीचर बनने का था सपना, बने सबसे युवा MLA... लोकसभा चुनाव में Banswara Dungarpur सीट से उम्मीदवार राजकुमार रोत को जानिए

Lok Sabha Election 2024: राजकुमार रोत (Rajkumar Roat) गरीब आदिवासी परिवार में पैदा हुए. उनकी पढ़ाई-लिखाई स्थानीय लेवल पर ही हुई. रोत कॉलेज में छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए. साल 2018 विधानसभा चुनाव में राजुकमार ने सबसे युवा विधायक बनने का रिकॉर्ड बनाया. फिलहाल वो चौरासी विधानसभा से विधायक हैं और बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट (Banswara Dungarpur Lok Sabha Seat) से भारतीय आदिवासी पार्टी (Bharat Adivasi Party) के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं.

Rajkumar Roat (Image Credit: X/@roat_mla) Rajkumar Roat (Image Credit: X/@roat_mla)

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजस्थान की सियासत में युवा चेहरों ने तहलका मचाया है. रविंद्र सिंह भाटी की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है. लेकिन भाटी इकलौते ऐसे चेहरे नहीं हैं, जिन्होंने मरुधरा की सियासत को हिलाकर रख दिया है. इस लिस्ट में बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट से भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के उम्मीदवार राजकुमार रोत भी शामिल हैं. राजकुमार रोत फिलहाल चौरासी विधानसभा सीट से विधायक हैं. उन्होंने 47 हजार वोटों से जीत हासिल की थी. चलिए गरीबी से उठकर विधायक बनने वाले राजकुमार रोत की कहानी बताते हैं.

2 बार से MLA हैं राजकुमार-
राजकुमार रोत साल 2018 विधानसभा चुनाव में सबसे युवा विधायक चुने गए थे. उस वक्त उनकी उम्र 26 साल थी. रोत ने डूंगरपुर की चौरासी विधानसभा सीट से राज्यमंत्री सुशील काटरा को 12 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. साल 2023 विधानसभा चुनाव में भी राजकुमार रोत ने इसी विधानसभा सीट से जीत हासिल की. उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार सुशील कटारा को 70 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है.

कॉलेज में रहे छात्रसंघ अध्यक्ष-
राजकुमार जोत टीचर बनना चाहते थे. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.राजकुमार जोत ने छात्र राजनीति से सियासत में एक्टिव हुए. शुरुआत से ही वो अपने अधिकारों के लिए लड़ते थे. उन्होंने आदिवासी छात्रों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए भीलप्रदेश विद्यार्थी मोर्चा बनाया. इसका उनको फायदा भी मिला. साल 2014-15 में डूंगरपुर कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए.

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नामांकन में भी जुटी भारी भीड़-
रविंद्र सिंह भाटी के नामांकन की तरफ राजकुमार रोत के नामांकन में भी भारी भीड़ जुटी. रोत के समर्थन कांग्रेस पार्टी भी कर रही है. रोत जगह-जगह सभा कर रहे हैं और लोगों से समर्थन मांग रहे हैं. राजकुमार रोत का सीधा मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार से है.

बचपन में पिता को खोया-
राजकुमार रोत का जन्म 26 मई 1992 को डूंगरपुर जिले के खाखर खुणया गांव में हुआ था. जिला मुख्यालय से उनका गांव करीब 25 किलोमीटर दूर है. रोत आदिवासी समुदाय से आते हैं. वो एक गरीब परिवार में पले-बढ़े. उनके पिता का नाम शंकर लाल और माता का नाम पार्वती है. राजकुमार के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था. उनकी पढ़ाई-लिखाई भी स्थानीय स्तर पर हुई. उन्होंने ग्रेजुएशन, बीएड की डिग्री डूंगरपुर कॉलेज से हासिल की.

गरीबी से अमीरी तक का सफर-
साल 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान राजकुमार रोत ने अपनी संपत्ति एक लाख 22 रुपए बताई थी. लेकिन साल 2023 विधानसभा चुनाव में उनकी और उनकी पत्नी की संपत्ति बढ़कर एक करोड़ 17 लाख तक पहुंच गई थी. 5 साल में उनकी प्रॉपर्टी में 96 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई.

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