देश की सियासत में कब क्या हो जाए? इसका अनुमान लगाना असंभव है. आम चुनाव 2019 में सबसे ज्यादा वोटों से जीत दर्ज करने वाले कई उम्मीदवारों को साल 2024 लोकसभा चुनाव में बड़ा झटका लगा है. सबसे बड़ी जीत हासिल करने वाले 20 सांसदों में से 12 सांसदों के टिकट इस बार काट दिए गए हैं. सिर्फ 8 सांसदों को ही फिर से मौका मिला है. चलिए आपको इन सांसदों के बारे में बताते हैं.
सबसे बड़ी जीत भी टिकट की गारंटी नहीं-
भारत की सियासत में सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाले सांसदों को दोबारा टिकट मिलेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है. साल 2019 आम चुनाव में जिन 20 उम्मीदवारों ने सबसे ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी. उनमें से सिर्फ 8 सांसदों को ही फिर से उम्मीदवार बनाया गया है. सबसे ज्यादा मार्जिन से जीतने वाले 12 सांसदों का टिकट पार्टियों ने काट दिया है. इसमें हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के सांसद शामिल हैं. चलिए आपको टिकट कटने वाले सांसदों के बारे में बताते हैं.
करनाल से संजय भाटिया का टिकट कटा-
संजय भाटिया ने करनाल सीट से 6 लाख 56 हजार 142 वोटों से जीत हासिल की थी. सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले उम्मीदवारों में भाटिया दूसरे नंबर पर थे. लेकिन बीजेपी ने इस बार उनका टिकट काट दिया है. इस बार बीजेपी ने इस सीट पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उम्मीदवार बनाया है.
सुभाष चंद्र बेरिया को नहीं मिला टिकट-
राजस्थान के भीलवाड़ा लोकसभा सीट से बीजेपी के सुभाष चंद्र बेरिया ने 6 लाख 12 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी. बेरिया की जगह इस बार पार्टी ने दामोदर अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया है.
वडोदरा से सांसद का कटा टिकट-
गुजरात के वडोदरा से बीजेपी की रंजनबेन धनंजय भट्ट ने जीत दर्ज की थी. उनको 5 लाख 89 हजार 177 वोट से जीत मिली थी. इस बार बीजेपी ने हेमंत जोशी को मैदान में उतारा है.
प्रवेश वर्मा को बदला गया-
साल 2019 आम चुनाव में वेस्ट दिल्ली से बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने 5 लाख 78 हजार 486 वोटों से जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बार पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया. साल 2024 आम चुनाव में बीजेपी ने इस सीट से कमलजीत सहरावत को मैदान में उतारा है.
हंस राज हंस को हटाया-
नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली से सांसद हंस राज हंस को भी पार्टी ने बदल दिया है. हंस राज हंस ने पिछले चुनाव में 5 लाख 53 हजार 897 वोटों से जीत दर्ज की थी. उनकी जगह बीजेपी ने योगेंद्र चंदोलिया को उम्मीदवार बनाया है. हंस राज हंस को पंजाब से चुनाव मैदान में उतारा गया है.
यूपी सिंह को बदला गया-
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद लोकसभा सीट से उदय प्रताप सिंह को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है. पार्टी ने यूपी सिंह की जगह दर्शन सिंह चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. उदय प्रताप सिंह ने पिछले चुनाव में 5 लाख 53 हाजर 682 वोटों से विरोधी उम्मीदवार को मात दी थी.
राजसमंद से उम्मीदवार बदला गया-
राजस्थान के राजसमंद से सांसद दीया कुमारी ने पिछले चुनाव में 5 लाख 51 हजार 916 वोटों से जीत हासिल की थी. लेकिन पार्टी ने उनको इस बार टिकट नहीं दिया. दीया कुमार फिलहाल विधायक हैं और राजस्थान की डिप्टी सीएम हैं. उनकी जगह बीजेपी ने महिमा सिंह को उम्मीदवार बनाया है.
सूरत से भी बदला गया उम्मीदवार-
गुजरात के सूरत लोकसभा सीट से भी बीजेपी ने सांसद का टिकट काट दिया है. सांसद दर्शन जरदोश ने 5 लाख 48 हजार 230 वोटों से जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार बीजेपी ने उनकी जगह मुकेस दलाल को उम्मीदवार बनाया है.
डीएमके ने भी बदला उम्मीदवार-
तमिलनाडु की डींडिगुल लोकसभा सीट से सांसद का टिकट काट दिया है. पी. वेलुसामी ने पिछले चुनाव में 5 लाख 38 हजार 972 वोटों से जीत हासिल की थी. इस बार ये सीट सीपीएम को दी गई है. सीपीएम ने इस सीट से आर. सचिदानंदम को उम्मीदवार बनाया है.
विदिशा से शिवराज सिंह उम्मीदवार-
मध्य प्रदेश के विदिशा से बीजेपी ने रमाकांत भार्गवा का टिकट काट दिया है. भार्गवा ने साल 2019 आम चुनाव में 5 लाख 3 हजार 84 वोट से जीत दर्ज की थी. लेकिन बीजेपी ने इस बार इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया है.
वीके सिंह का टिकट कटा-
बीजेपी ने गाजियाबाद लोकसभा सीट से जनरल वीके सिंह का टिकट काट दिया है. वीके सिंह ने पिछले चुनाव में 5 लाख 1 हजार 500 वोटों से जीत दर्ज की थी. लेकिन बीजेपी ने इस बार उनका टिकट काट दिया है. इस बार बीजेपी ने अतुल गर्ग को मैदान में उतारा है.
पीएन सिंह को बीजेपी ने बदला-
झारखंड के धनबाद लोकसभा सीट से सांसद पशुपति नाथ सिंह का टिकट काट दिया गया है. बीजेपी ने उनकी जगह ढुल्लू महतों को उम्मीदवार बनाया है. पशुपति नाथ सिंह ने साल 2019 आम चुनाव में 4 लाख 86 हजार 194 वोटों से जीत दर्ज की थी.
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