खुद को "RSS की बेटी" और "पारंपरिक भारतीय महिला" कहने वाली कोम्पेला माधवी लता एक उद्यमी, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर और प्रशिक्षित भरतनाट्यम डांसर हैं. माधवी लता तेलंगाना के राजनीतिक हलकों में बहुत जाना-पहचाना नाम नहीं हैं. लेकिन पिछले दिनों जब भाजपा ने उन्हें हैदराबाद लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा तो वह अचानक सुर्खियों में आ गईं.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को टक्कर देने के लिए उतरी 49 वर्षीय माधवी लता विरिंची अस्पताल का चेयरपर्सन हैं. वह कई सालों से RSS से जुड़ी हुई हैं. सोशल मीडिया पर एक्टिव लता की उम्मीदवारी की खबर ने बहुत से लोगों को चौंकाया है. एक ओजस्वी वक्ता और उस्मानिया विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पोस्ट-ग्रेजुएट माधवी लता का कहना है कि उन्होंने कभी टिकट की मांग नहीं की. उनका कहना है कि यह टिकट उन्हें उनके 18 सालों के काम के कारण मिली है.
ओवैसी का गढ़ है हैदराबाद लोकसभा सीट
AIMIM ने चार दशकों से हैदराबाद लोकसभा सीट पर कब्जा कर रखा है- 1984 से 1999 तक सलाहुद्दीन ओवैसी का इस सीट पर कब्जा था, और फिर उनके बेटे असदुद्दीन यहां से जीतते रहे हैं. हैदराबाद लोकसभा सीट के तहत गोशामहल को छोड़कर सभी विधानसभा क्षेत्रों पर AIMIM का कब्जा है. गोशामहल का प्रतिनिधित्व भाजपा के टी राजा सिंह करते हैं. ऐसे में, सभी की नजर BJP पर थी कि वह किसे मैदान में उतारेगी.
RSS लीडर की रही भूमिका
हालांकि, भाजपा ने सभी की सोच से परे जाकर पार्टी के दिग्गज भगवंत राव पवार की जगह लता को चुना. पवार 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में इस सीट से उम्मीदवार थे, और दोनों बार असदुद्दीन से भारी अंतर से हार गए थे. सूत्रों ने कहा कि संघ के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रमुख, सीनियर RSS नेता इंद्रेश कुमार के साथ लता की निकटता ने उन्हें भाजपा से टिकट दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. लता इंद्रेश कुमार को अपना गुरु मानती हैं.
लता का कहना है कि हिंदू-मुस्लिम उनका चुनावी मुद्दा नहीं है और इस कारण पार्टी ने उन्हें प्राथमिकता दी. क्योंकि सब जानते हैं कि वह बहुत सारे मुसलमानों के साथ काम करती हैं. पुराने शहर के याकूतपुरा की संतोष नगर कॉलोनी में एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार में पली-बढ़ी लता कहती हैं कि वह हमेशा से ही अलग-अलग संस्कृतियों के बीच रही हैं. साथ ही, माधवी लता सामाजिक कार्यों से जुड़ी रहती हैं.
पीएम मोदी ने की सराहना
लता की उम्मीदवारी पर यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें क्यों चुना गया क्योंकि वह बीजेपी की पॉपुलर कार्यकर्ता नहीं है. ऐसे में, लोग यही कह रहे हैं कि BJP ने हैदराबाद में पहली बार महिला कार्ड खेला है. हो सकता है कि महिला फैक्टर, उनकी अच्छी स्पीच स्किल्स और मुस्लिम महिलाओं के बीच उनके काम के कारण उन्हें चुना गया हो.
हाल ही में, माधवी लता एक टेलीविजन शो, आपकी अदालत में नजर आईं और उनका यह इंटरव्यू काफी चर्चा में है. इसके बाद उन्हें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से भी प्रशंसा मिली है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि उन्होंने कई मजबूत मुद्दे उठाए और सभी को लॉजिक और पैशन के साथ पेश किया.