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Lok Sabha Election 2024: क्यों खास बनता जा रहा है इस बार Nagina का चुनाव, क्या Bhim Army के मुखिया Chandrashekhar Azad Ravan BSP को पटखनी देने में हो पाएंगे सफल ?

नगीना में इस वक्त सबसे ज्यादा अगर किसी उम्मीदवार की चर्चा है तो वह है चंद्रशेखर आजाद. क्योंकि चंद्रशेखर आजाद रावण पहली बार इस सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. किसी पार्टी ने उन्हें अपना समर्थन नहीं दिया है. वह अपनी पार्टी आजाद समाज पार्टी से चुनाव मैदान में हैं.

Chandrashekhar Azad Ravan (Photo FB/ Chandrashekhar Azad) Chandrashekhar Azad Ravan (Photo FB/ Chandrashekhar Azad)

नगीना लोकसभा वह सुरक्षित सीट है जो मायावती के लिए इज्जत का सवाल है. कभी यह सीट बिजनौर का ही हिस्सा हुआ करता था जहां से मायावती ने अपना पहला चुनाव लड़ा और जीता था. अब उसी इतिहास को भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण दोहराने निकले हैं. आजाद पहली बार यहां से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और वह भी अकेले यानी किसी पार्टी ने उन्हें अपना समर्थन नहीं दिया है.

BJP और BSP ने किसे बनाया उम्मीदवार

वह अपनी पार्टी आजाद समाज पार्टी से चुनाव मैदान में है जिसका चुनाव चिन्ह केतली छाप है. इस सीट पर भाजपा ने तीन बार के विधायक ओम कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है. ओम कुमार बसपा से दो बार विधायक रह चुके हैं और इलाके में उनकी पैठ  मानी जाती है. वहीं समाजवादी पार्टी ने मनोज कुमार (पूर्व जज) को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि बीएसपी सुरेंद्र मैनवाल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. माना जा रहा है कि यह 4 कॉर्नर कॉन्टैस्ट है जिसमें मुख्य मुकाबले में बीजेपी समाजवादी पार्टी बीएसपी और चंद्रशेखर रावण चारों हो सकते हैं, लेकिन जानकार मानते हैं कि इन चारों में जिसे दलित और मुसलमान का वोट पड़ेगा वहीं भाजपा के साथ मुकाबले में होगा ऐसे में अगर मुसलमानो  और दलितों के वोट बट गए तो फायदे में भाजपा रहेगी.

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बीएसपी का कैडर तोड़ना आसान नहीं

हर कोई इसी बात की चर्चा कर रहा है कि क्या मुकाबले में चंद्रशेखर रावण चुनाव जीत पाएंगे या नहीं. चंद्रशेखर आजाद को भी मालूम है कि उनके लिए बीएसपी का कैडर तोड़ना आसान नहीं है, बीएसपी का कैडर भी गांव-गांव गहरी पैठ रखता है, लेकिन पिछले 1 साल से लगातार मेहनत कर रहे चंद्रशेखर आजाद ने हर गांव में अपने कार्यकर्ता और समर्थक खड़े कर लिए हैं. लेकिन यहां चुनाव जीतने के लिए चंद्रशेखर को लगभग एक तरफा दलित और मुस्लिम वोटो की जरूरत होगी.चंद्रशेखर के समर्थक कहते हैं कि वह बहन जी को तो नेता मानते हैं लेकिन उनका कहना है की बहन जी 79 सीट लड़े लेकिन एक सीट, चंद्रशेखर के लिए छोड़ दें क्योंकि दलित यहां से चंद्रशेखर को संसद में भेजना चाहता है.

चंद्रशेखर दलितों के अलावा दूसरी बिरादरियों में खासकर ओबीसी बिरादरियों में छोटी-छोटी मीटिंग्स और सभाएं कर रहे हैं. चंद्रशेखर अपनी मीटिंग में सभी को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के मिशन की याद दिलाते हैं और कहते हैं कि अगर दलित और दबे कुछ ले लोगों की आवाज संसद में नहीं उठाई गई तो संविधान खत्म हो जाएगा. और अगर यहां के लोग उन्हें संसद में जीताकर भेजेंगे तो वह दिखाएंगे कि कैसे उनके हक की आवाज संसद के भीतर गूँज सकती है.

चंद्रशेखर आजाद ने क्या कहा

इंडिया टुडे से बात करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने एक चौंकाने वाली बात कही. उनका कहना था कि दरअसल वह बहन जी के ही उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में है और बहन की परोक्ष तरीके से पीछे से उन्हें समर्थन भी कर रही हैं और इसके पीछे की वजह भी उन्होंने समझाई. आखिर क्यों उनके सामने बीएसपी ने एक कमजोर कैंडिडेट उतारा चंद्रशेखर ने कहा- दरअसल बहन जी चाहती हैं की वह जीत जाए क्योंकि उनके बाद एक दलित नेतृत्व इस देश को मिलेगा.

आकाश आनंद ने आजाद को लिया निशाने पर

उधर मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को चुनाव प्रचार में लॉन्च करने के लिए नगीना को ही चुना और नगीना चुनाव प्रचार में आकाश आनंद ने सबसे ज्यादा चंद्रशेखर आजाद को ही अपने निशाने पर लिया. आकाश आनंद के चुनाव प्रचार में उतरने से ही बीएसपी समर्थकों में भी जोश भर गया है वो अब BSP और ASP(आज़ाद समाज पार्टी) के बीच नाक की लड़ाई बन गया है. जो पिछले कुछ समय से चंद्रशेखर के साथ खड़े थे उनमें से युवाओं का एक धड़ा फिर फिर बसपा के साथ जुड़ गया है और आरोप ये लगा रहे हैं कि चंद्रशेखर अपने कार्यकर्ताओं को इस्तेमाल करके फेंक देते हैं.