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Bihar Lok Sabha Election Phase 5: Chirag Paswan, Rohini Acharya और Rajiv Pratap Rudy समेत इन दिग्‍गजों की किस्‍मत दांव पर, जानिए 5वें फेज में बिहार में किन सीटों पर होगी वोटिंग

Bihar Lok Sabha Election Phase 5: लोकसभा चुनाव के पांचवें फेज के लिए 20 मई को मतदान होना है. इस फेज में बिहार के 5 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. चलिए जानते हैं कि पांचवें फेज में किन दिग्‍गजों की किस्‍मत दांव पर है.

Rajiv Pratap Rudy, Rohini Acharya & Chirag Paswan  (File Photo) Rajiv Pratap Rudy, Rohini Acharya & Chirag Paswan (File Photo)

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024)  के 5वें फेज के लिए प्रचार अभियान शनिवार शाम को थम गया. पांचवें चरण में 20 मई को 8 राज्यों की 49 सीटों पर वोटिंग होनी है. जिसमें बिहार की 5 सीटें शामिल है. और ये सीटें हैं मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी और सारण. इस फेज में 80 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा. इस चरण में सबसे अधिक मुजफ्फरपुर से 26 उम्मीदवार और सबसे कम 12 उम्मीदवार मधुबनी सीट से चुनावी मैदान में हैं. बता दें कि इस फेज में बिहार के कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला होना है. चलिए जानते हैं कि इन सभी 5 सीटों पर किसके बीच मुकाबला है.

सारण लोकसभा सीट- (Saran Lok Sabha Seat)

सारण लोकसभा सीट बिहार की हॉट सीटों में से एक है. यहां से लालू यादव और राबड़ी देवी ने भी किस्मत आजमाया है. हालांकि लालू यादव को जीत तो वहीं राबड़ी देवी को हार का सामना करना पड़ा था. राबड़ी देवी को मात देने वाले बीजेपी के दिग्गज नेता राजीव प्रताप रूडी एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य हैं. राजीव प्रताप इस सीट से निर्वतमान सांसद हैं और मंत्री भी रह चुके हैं. राजीव इस सीट से 1996, 1999, 2014 और 2019 में जीत दर्ज कर चुके हैं. 2014 में राबड़ी देवी और 2019 में लालू यादव के समधी चंद्रिका राय को राजीव पटखनी दे चुके हैं.

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हाजीपुर लोकसभा सीट- (Hajipur Lok Sabha Seat)

बिहार के हाई प्रोफाइल सीटों में से एक हाजीपुर लोकसभा सीट से पहली बार चिराग पासवान मैदान में हैं. चिराग 2014 और 2019 में जमुई से चुनाव लड़े और जीते लेकिन इस बार वे अपने पिताजी के गढ़ में हैं. इसको ऐसे समझिए कि पिछले 47 सालों से (1984 और 2009 को छोड़कर) या तो रामविलास पासवान या उनके परिवार का सदस्य ही यहां से चुनाव जीतने में कामयाब रहा है. चिराग एनडीए के हिस्सा हैं और ये सीट लोजपा (रामविलास) के खाते में है. बता दें कि चिराग का मुकाबला राजद के शिवचंद्र राम से है.

मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट- (Muzaffarpur Lok Sabha Seat )

इस सीट पर इस बार बेहद ही दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है. दो बार भाजपा के टिकट पर सांसद रहे अजय निषाद का पार्टी ने जब टिकट काटा तो वह कांग्रेस में शामिल हो गए और अब कांग्रेस के टिकट पर ताल ठोक रहे हैं. बता दें कि इस सीट पर मुख्य रूप से दो निषादों के बीच ही टक्कर है.  डॉ. राज भूषण निषाद बीजेपी के टिकट पर और अजय निषाद कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. अजय निषाद को 2 बार (2014,2019) भाजपा के टिकट पर इस सीट से जीत मिली थी लेकिन इस बार आलाकमान ने अजय निषाद का टिकट काटकर राज भूषण निषाद पर भरोसा जताया है. बताते चलें कि राज भूषण निषाद को 2019 के चुनाव में अजय निषाद ने 4 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. लेकिन तब राजभूषण वीआईपी  पार्टी में थे और अजय निषाद भाजपा में. कुछ नहीं बदला है बस उम्मीदवारों ने पार्टियां बदली है. पिछले 5 लोकसभा चुनावों पर नजर डालें तो यह सीट 3 बार जेडीयू और 2 बार भाजपा के पास रही है.

सीतामढ़ी लोकसभा सीट- (Sitamarhi Lok Sabha Seat)

सीतामढ़ी से जदयू के टिकट पर देवेश चंद्र ठाकुर और राजद के टिकट पर अर्जुन राय चुनाव लड़ रहे हैं. 2019 में जदयू के टिकट पर सुनील कुमार पिंटू यहां से चुनाव जीते थे लेकिन इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर देवेश चंद्र ठाकुर पर भरोसा जताया है. देवेश चंद्र विधान परिषद के सभापति हैं और पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं अर्जून राय ने 2019 में राजद और 2014 में जदयू के टिकट पर इसी सीट से चुनाव लड़ा था. हालांकि दोनों चुनावों में उन्हें हार ही मिली थी. बता दें कि देवेश चंद्र 22 सालों से विधान परिषद के सदस्य हैं तो वहीं अर्जुन राय 1 बार सांसद, 1 बार विधायक और 1 बार मंत्री भी रह चुके हैं.

मधुबनी लोकसभा सीट-  (Madhubani Lok Sabha Seat)

मधुबनी सीट पर 2009 से लगातार भाजपा जीत दर्ज करती आई है. बीजेपी ने अपने सीटिंग सांसद अशोक यादव पर एक बार फिर भरोसा जताया है. जबकि राजद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी को टिकट दिया है. बता दें कि अशोक यादव हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे हैं. हुकुमदेव नारायण को 1999, 2009 और 2014 में यहां से जीत मिली थी.