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Buxar Lok Sabha Seat: 5 बार जीती कांग्रेस और 6 बार भाजपा, ब्राह्मण, यादव और राजपूत बाहुल्य बक्सर लोकसभा क्षेत्र में जिसने साधा सामाजिक समीकरण... वही बना विजेता... जानिए इस सीट का इतिहास

Lok Sabha Election 2024 Buxar Seat: बक्सर लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या है. इसके बाद यादव और राजपूत वोटर हैं. यहां भूमिहारों की संख्या भी काफी है. यहां से भारतीय जनता पार्टी को सबसे अधिक 6 बार जीत मिल चुकी है. 1984 के बाद से कांग्रेस को यहां से जीत नहीं मिली है.

Buxar Lok Sabha Seat Buxar Lok Sabha Seat
हाइलाइट्स
  • 1952 और 1957 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर डुमरांव महाराज कमल सिंह को मिली थी जीत 

  • 1996 के बाद सिर्फ एक बार छोड़कर बीजेपी के जीते उम्मीदवार

Buxar Lok Sabha Constituency: बिहार (Bihar) के बक्सर जिले का भगवान राम से नाता है. यहीं पर महर्षि विश्वामित्र से भगवान राम और लक्ष्मण ने शुरुआती शिक्षा ग्रहण की थी. भगवान राम ने राक्षसी ताड़का का वध भी किया था. बक्सर जिले स्थित चौसा में हुमांयू और शेरशाह के बीच युद्ध लड़ा गया था. यहां चुनाव के दौरान राजनीतिक लड़ाई भी बेहद दिलचस्प रही है. यहां चुनाव हो यहा नहीं, हर चौक-चौराहे पर आपको राजनीति की चर्चा आम होती दिखेगी. 

कहा जाता है कि चुनाव के दौरान बक्सर में जिसने सामाजिक समीकरण साध लिया उसकी जीत निश्चय है. बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटें हैं. चुनाव आयोग ने इस बार लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को सात चरणों में कराने का ऐलान किया है. बक्सर लोकसभा क्षेत्र में सातवें चरण में मतदान होगा.आज हम इस लोकसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण के साथ इसके चुनावी इतिहास के बारे में आपको बता रहे हैं.

क्या है संसदीय इतिहास
आजादी के बाद बक्सर अनुमंडल शाहाबाद उत्तर पूर्वी लोकसभा क्षेत्र में शामिल था. 1952 में यहां पहला लोकसभा चुनाव हुआ था. उस समय डुमरांव महाराज कमल सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार को तौर पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. इसके बाद 1957 में बक्सर लोकसभा क्षेत्र बना. इस चुनाव में भी कमल सिंह विजयी हुए. इसके बाद लोकसभा चुनाव 1962 में  कांग्रेस को जीत मिली.

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बक्सर लोकसभा क्षेत्र को लेकर हम कह सकते हैं कि यह क्षेत्र कभी किसी पार्टी का गढ़ नहीं रहा  है. यहां के लोगों ने कभी कांग्रेस (Congress) तो कभी बीजेपी (BIP) पर भरोसा जताया. सीपीआई (CPI) और राजद (RJD) को भी मौका दिया. यहां से भारतीय जनता पार्टी को सबसे अधिक 6 बार जीत मिल चुकी है. वहीं कांग्रेस 5 बार जीत हासिल करने में सफल रही है. 1984 के बाद से कांग्रेस को यहां से जीत नहीं मिली है.

कैसा रहा पिछला लोकसभा चुनाव
लोकसभा चुनाव 2009 में राजद के जगदानंद सिंह सांसद बने थे. इसके बाद मोदी लहर में लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान राजद की हार हुई थी. बीजेपी के अश्विनी चौबे सांसद चुने गए थे. 2019 में भी अश्विनी चौबे ने ही जीत दर्ज की थी. उन्होंने राजद प्रत्याशी जगदानंद सिंह को चुनाव में हराया था.

इस सीट पर तीसरे नंबर पर बसपा के सुशील कुमार सिंह रहे थे. वहीं, चौथा नंबर नोटा का रहा था. लोकसभा चुनाव 2019 में अश्विनी चौबे को 473053 मत मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे जगदानंद सिंह को 355444 वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर बसपा के सुशील कुमार सिंह 80261 को मतों के साथ रहे थे. 16447 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था. 

बक्सर लोकसभा क्षेत्र से अब तक कौन-कौन चुने गए सांसद
1952: डुमरांव महाराज कमल सिंह (निर्दलीय)
1957: कमल सिंह (निर्दलीय)
1962: अनंत प्रसाद शर्मा (कांग्रेस)
1967: राम सुभाग सिंह (कांग्रेस)
1971: अनंत प्रसाद शर्मा (कांग्रेस)
1977: रामानंद तिवारी (जनता पार्टी)
1980: कांग्रेस से कमला कांत तिवारी (केके तिवारी) 
1984: केके तिवारी (कांग्रेस)
1989: तेजनारायण सिंह (सीपीआई)
1991: तेज नारायण सिंह (सीपीआई)
1996: लालमुनि चौबे (बीजेपी)
1998: लालमुनि चौबे (बीजेपी)
1999: लालमुनि चौबे (बीजेपी)
2004: लालमुनि चौबे (बीजेपी)
2009: जगदानंद सिंह (राजद)
2014: अश्विनी चौबे (बीजेपी)
2019: अश्विनी चौबे (बीजेपी)

इतनी हैं विधानसभा सीटें
बक्सर लोकसभा क्षेत्र में कुल छह विधानसभा सीटें हैं. इसमें बक्सर के ब्रह्मपुर, डुमरांव, बक्सर, राजपुर सुरक्षित के अलावा कैमूर जिले का रामगढ़ और रोहतास जिले का दिनारा विधानसभा क्षेत्र शामिल है. विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान रामगढ़ से सुधाकर सिंह, ब्रह्मपुर से शंभू नाथ यादव और दिनारा से विजय मंडल राजद प्रत्याशी के रूप में विजयी हुए थे.

दो सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी. बक्सर से कांग्रेस के संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी और राजपुर से विश्वनाथ राम विजयी हुए थे. डुमरांव से सीपीआई माले के अजीत कुमार सिंह ने जीत दर्ज की थी. भारतीय जनता पार्टी को एक भी विधानसभा सीट पर जीत नहीं मिली थी. 

क्या है जातीय समीकरण 
बक्सर लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 1806004 है. इसमें पुरुष वोटर 953853 और महिला 852125 हैं. थर्ड जेंडर के 26 वोटर हैं. बक्सर लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक ब्राह्मण वोटरों की संख्या है. इसके बाद यादव और राजपूत हैं. इस सीट पर भूमिहार जाति की संख्या भी अच्छी-खासी है. यहां अनुसूचित जाति अति पिछड़ा की भी संख्या कम नहीं है.

बक्सर की सीट पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 4 लाख से ज्यादा है. इसके बाद यादव वोटरों की संख्या 3.5 लाख के करीब है. राजपूत मतदाताओं की संख्या 3 लाख है. भूमिहार मतदाता करीब 2.5 लाख हैं. बक्सर लोकसभा क्षेत्र में मुसलमानों की आबादी 1.5 लाख के करीब  है. इसके अलावा यहां पर कुर्मी, कुशवाहा, वैश्य, दलित और अन्य जातियां भी बड़ी तादाद में हैं.