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Chandigarh Lok Sabha Seat पर कभी कांग्रेस का था दबदबा, अभी बीजेपी का है कब्जा, क्या फिर कमल खिला पाएंगे Sanjay Tandon या Manish Tiwari मारेंगे बाजी, जानें सियासी समीकरण

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 1967 में चंडीगढ़ लोकसभा सीट पहली बार अस्तित्व में आई थी. इस सीट से भारतीय जनसंघ के श्रीचंद गोयल पहले सांसद चुने गए थे. इस बार फिर बीजेपी उम्मीदवार संजय टंडन और कांग्रेस प्रत्याशी मनीष तिवारी में जोरदार टक्कर होने की उम्मीद है.

Chandigarh Lok Sabha Seat Chandigarh Lok Sabha Seat
हाइलाइट्स
  • चंडीगढ़ से कुल 19 उम्मीदवार हैं चुनावी मैदान में 

  • पिछले दो चुनावों से भाजपा ने जमाया है कब्जा 

Sanjay Tandon vs Manish Tiwari: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के सातवें चरण में 1 जून को वोट डाले जाएंगे. इसी फेज में हरियाणा और पंजाब की संयुक्‍त राजधानी और सिटी ब्‍यूटीफुल नाम से दुनियाभर में मशहूर चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर मतदान होना है. यहां एनडीए (NDA) और इंडिया गठबंधन (India Alliance) के बीच सीधी टक्कर है. हम आपको आज चंडीगढ़ लोकसभा सीट का इतिहास और ताजा समीकरण बताने जा रहे हैं. 

बीजेपी ने किरण खेर की जगह संजय टंडन पर जताया भरोसा
चंडीगढ़ लोकसभा सीट (Chandigarh Lok Sabha Seat) से एनडीए गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मौजूदा सांसद और दिग्गज फिल्म अभिनेत्री किरण खेर (Kiran Kher) की जगह संजय टंडन (Sanjay Tandon) को अपना उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी यहां से जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में है. उधर, इंडिया अलायंस की तरफ से यह सीट कांग्रेस (Congress) के खाते में है. 

इस पार्टी ने यहां से 8 बार चुनाव लड़ चुके और 4 बार सांसद रहे पवन बंसल (Pawan Bansal) का टिकट काटकर पंजाब के आनंदपुर साहिब के सांसद मनीष तिवारी ( Manish Tiwari) पर भरोसा जताया है. इससे बंसल के समर्थक नाराज हैं. हालांकि मनीष तिवारी का कहना है कि पवन बंसल पार्टी के साथ हैं. अकाली दल से गठबंधन नहीं होने के कारण चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी अकेले ही मैदान में उतरी है. वहीं आम आदमी पार्टी ने भी उम्मीदवार नहीं उतारा है. आप ने इंडिया गठबंधन के तौर पर कांग्रेस के उम्मीदवार को सपोर्ट करने का फैसला किया है. 

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किस पार्टी ने किसे बनाया है उम्मीदवार
लोकसभा चुनाव 2024 में जहां बीजेपी से संजय टंडन, कांग्रेस से मनीष तिवारी चुनावी मैदान में हैं वहीं बहुजन समाज पार्टी से रितु सिंह, अखिल भारतीय परिवार पार्टी से दीपांशु शर्मा, सुपर पावर इंडिया पार्टी से राज प्रिंस सिंह, सैनिक समाज पार्टी से राजिंदर कौर, हरियाणा जनसेना पार्टी से सुनील थामन भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में किशोर कुमार उर्फ बंटी भैया, पुष्पिंदर सिंह उर्फ लवली अटावा, प्रताप सिंह राणा, पियार चंद उर्फ कौंडल, बलजीत सिंह उर्फ लाडी, पूर्व सहायक कमांडेंट रणप्रीत सिंह, महंत रविकांत मुनि, लखवीर सिंह उर्फ कोटला, विनोद कुमार, विवेक शर्मा और सुनील कुमार चुनावी मैदान में हैं. 

मनीष तिवारी को संजय टंडन बाहरी उम्मीदवार बता रहे हैं. वह चंडीगढ़ में बीजेपी की ओर से किए गए विकास कार्यों पर वोट मांग रहे हैं. उनका कहना है कि पूरे देशवासियों का पीएम मोदी पर भरोसा है. इस सीट से जीत उन्हें यानी बीजेपी उम्मीदवार को ही मिलेगी.  उधर मनीष तिवारी का कहना है कि जनता बदलाव के मूड में है. चंडीगढ़ से उनकी जीत पक्की है. 4 जून को चुनाव की नतीजे घोषित होने के बाद पता चल पाएगा कि किसके सिर पर जीत का सेहरा बंधता है. 

दोनों मुख्य उम्मीदवारों के बारे में जानिए 
लोकसभा चुनाव 2024 में मुख्य मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार संजय टंडन और कांग्रेस प्रत्याशी मनीष तिवारी में है. संजय टंडन 6 बार के विधायक और छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल बलरामजी दास टंडन के बेटे हैं. वह पेशे से चार्टेड अकाउंटेंट हैं. संजय टंडन लंबे समय तक चंडीगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. मौजूदा समय में वह हिमाचल प्रदेश के सह प्रभारी की भूमिका भी निभा रहे हैं. संजय टंडन चंडीगढ़ में प्रत्याशी बनने के लिए पिछले दो चुनाव से टिकट मांग रहे थे.

अब जाकर उनकी किस्मत चमकी है. उधर, मनीष तिवारी की बात करें तो वो भी पुराने कांग्रेसी हैं और जाने-माने वकील भी है. वह पंजाब की आनंदपुर साहिब सीट से मौजूदा सांसद हैं. मनीष तिवारी 2012 से 2014 तक यूपीए-2 की सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री भी रहे हैं. 2009 लोकसभा चुनाव में वो पंजाब की लुधियाना सीट से सांसद बने थे. मनीष तिवारी राज्यसभा सांसद रहे प्रोफेसर वी एन तिवारी के बेटे हैं.

चंडीगढ़ लोकसभा सीट का क्या है इतिहास
देश की आजादी के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव 1952 में हुआ था लेकिन चंडीगढ़ लोकसभा सीट पहली बार वर्ष 1967 में अस्तित्व में आई थी. इस सीट से भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार श्रीचंद गोयल ने जीत दर्ज की थी. इस तरह से चंडीगढ़ के पहले सांसद बनने का गौरव श्रीचंद गोयल को मिला. इसके बाद अगले चुनाव यानी 1971 में चंडीगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार अमरनाथ विद्यालंकार ने बाजी मारी थी. अब तक चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर सबसे अधिक 7 बार कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा है.

एक-एक बार जनसंघ, जनता पार्टी और जनता दल को जीत नसीब हुई है. बीजेपी ने चार बार इस सीट पर जीत हासिल की है. यहां वर्तमान में भाजपा की सांसद किरण खेर हैं. इस सीट पर पवन कुमार बंसल 4 बार कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज कर चुके हैं. इसमें से उन्होंने 3 बार लगातार जीत दर्ज की थी. पवन बंसल से पहले यहां से बीजेपी के सत्यपाल जैन लगातार दो बार सांसद बन चुके हैं. 

किस पार्टी से कौन रह चुके हैं सांसद
1967: श्रीचंद गोयल, भारतीय जनसंघ 
1971: अमरनाथ विद्यालंकार, कांग्रेस
1977: कृष्ण कांत, जनता पार्टी
1980: जगन्नाथ कौशल, कांग्रेस
1984: जगन्नाथ कौशल, कांग्रेस
1989: हरमोहन धवन, जनता दल
1991: पवन कुमार बंसल, कांग्रेस
1996: सत्य पाल जैन, बीजेपी
1998: सत्य पाल जैन, बीजेपी
1999: पवन कुमार बंसल, कांग्रेस
2004: पवन कुमार बंसल, कांग्रेस
2009: पवन कुमार बंसल, कांग्रेस
2014: किरण खेर, बीजेपी
2019: किरण खेर, बीजेपी 

पिछले तीन लोकसभा चुनावों में चंडीगढ़ से किसे मिला जनादेश
लोकसभा चुनाव 2009 में चंडीगढ़ सीट से कांग्रेस उम्मीदवार पवन कुमार बंसल को जीत मिली थी. बंसल ने बीजेपी उम्मीदवार सत्यपाल जैन को 58,967 मतों से हराया था. बीएसपी के हरमोहन धवन तीसरे नंबर पर रहे थे. लोकसभा चुनाव 2014 में इस सीट से बीजेपी को जीत मिली थी. भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार किरण अनुपम खेर पहली बार सांसद बनी थी. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार पवन कुमार बंसल को हराया था. 2014 लोकसभा चुनाव में किरण खेर ने एक लाख 91 हजार 362 वोट हासिल किए थे. दूसरे स्थान पर रहे पवन कुमार बंसल के पक्ष में 121720 वोट पड़े थे. 

लोकसभा चुनाव 2019 में चंडीगढ़ सीट से बीजेपी उम्मीदवार किरण खेर, कांग्रेस से पवन बंसल, बहुजन समाज पार्टी से प्रवीन कुमार, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक से गुरमैल सिंह, चंडीगढ़ की आवाज पार्टी से अविनाश सिंह शर्मा, हिंदुस्तान शक्ति सेना से जगदीश कुमार निदान, अखिल भारतीय अपना दल से ज्योति, राष्ट्रीय लोकस्वराज पार्टी से नवाज अली और सर्वजन सेवा पार्टी से भूपेंद्र कौर चुनाव मैदान में थे. एक बार फिर जीत बीजेपी उम्मीदवार किरण खेर को मिली थी. वह कांग्रेस प्रत्याशी पवन बंसल को शिकस्त देने में कामयाब रही.किरण खेर को 2,31,188 वोट जबकि पवन बंसल को 1,84,218 मत मिले थे. आप उम्मीदवार हरमोहन धवन को 13,781 मतों से संतोष करना पड़ा था.