कोयंबटूर लोकसभा सीट तमिलनाडु राज्य में है और राजधानी चेन्नई से इसकी दूरी करीब 500 किलोमीटर है. यह बिजनेस सिटी और सूबे का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. इस सीट पर वामदलों का दबदबा रहा है. लेफ्ट पार्टियों को 8 बार जीत मिली है. जबकि कांग्रेस को 6 बार जीत हासिल हुई है. इस बार यह सीट बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और युवा लीडर अन्नामलाई की वजह से चर्चा में है. चलिए आपको कोयंबटूर के जातीय समीकरण और इतिहास के बारे में बताते हैं.
किस पार्टी से कौन उम्मीदवार-
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कोयंबटूर लोकसभा सीट से पार्टी के प्रदेश अधय्क्ष के. अन्नामलाई को मैदान में उतारा है. अन्नामलाई एक युवा लीडर हैं. जबकि एआईएडीएमके (AIADMK) ने जी. रामचंद्रन को उम्मीदवार बनाया है. जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने इस सीट से गणपति पी. राजकुमार को मैदान में उतारा है. इस सीट पर इन तीनों पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर है. इसके अलावा कई और भी उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है.
किस पार्टी को कितनी बार मिली जीत-
कोयंबटूर लोकसभा सीट पर सीपीएम का दबदबा रहा है. इस वामदलों को सबसे ज्यादा 8 बार जीत मिली है. जबकि कांग्रेस पार्टी को 6 बार जीत मिली है. इस सीट पर डीएमके और बीजेपी को 2-2 बार जीत मिली है. जबकि एआईएडीएमके को सिर्फ एक बार जीत हासिल हुई है.
2019 आम चुनाव के नतीजे-
साल 2019 आम चुनाव में कोयंबटूर लोकसभा सीट से सीपीएम के पीआर नटराजन ने जीत हासिल की थी. सीपीएम ने बीजेपी के सीपी राधाकृष्णन को हराया था. नटराजन को 5 लाख 71 हजार 150 वोट मिले थे, जबकि राधाकृष्णन को 3 लाख 92 हजार 7 वोट मिले थे. इस सीट पर सीपीएम उम्मीदवार की जीत का अंतर एक लाख 79 हजार 143 वोटों का था.
इस सीट का इतिहास-
कोयंबटूर लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1952 में वोटिंग हुई थी. जिसमें मशहूर वकील और कांग्रेस के उम्मीदवार टीए रामलिंगम चेट्टियार को जीत मिली थी. लेकिन साल 1957 में कांग्रेस के उम्मीदवार एनएम लिंगम सांसद चुने गए थे. साल 1952 में कांग्रेस ने पीआर रामकृष्णन को मैदान में उतारा. उन्होंने भी जीत दर्ज की.
साल 1967 आम चुनाव में पहली बार इस सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) को जीत मिली थी. सीपीएम के उम्मीदवार के. रमानी को जीत मिली थी. साल 1971 आम चुनाव में सीपीआई के उम्मीदवार के. बलधनदयुथम को जीत मिली थी. साल 1977 आम चुनाव में सीपीआई की पार्वती कृष्णन को जीत मिली थी.
साल 1980 आम चुनाव में पहली बार द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के उम्मीदवार युग मोहन विजयी हुए. साल 1984 आम चुनाव में कांग्रेस के सीके कुप्पुस्वामी की जीत मिली. कुप्पुस्वामी ने साल 1989 आम चुनाव और साल 1991 आम चुनाव में जीत हासिल की. साल 1996 आम चुनाव में डीएमके के एम. रामनाथन विजयी हुए.
साल 1998 चुनाव में कोयंबटूर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पहली बार जीत मिली. इस सीट पर बीजेपी के सीपी राधाकृष्णन को जीत मिली. उन्होंने साल 1999 चुनाव में भी जीत हासिल की. साल 2004 आम चुनाव में सीपीआई उम्मीदवार के. सुब्बारायण और साल 2009 में सीपीएम के पीआर नटराजन ने जीत हासिल की.
साल 2014 आम चुनाव में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के उम्मीदवार पी. नागराजन और साल 2019 आम चुनाव में सीपीएम के पीआर. नटराजन को जीत मिली थी.
इस सीट का जातीय समीकरण-
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक कोयंबटूर की आबादी 21 लाख 85 हाजर 424 है. जिसमें 17.4 फीसदी आबादी ग्रामीण और 82.6 फीसदी शहरी क्षेत्र में रहते हैं. इस सीट पर 13.38 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति (SC) की है, जबकि अनुसूचित जनजाति (ST) की आबादी 0.3 फीसदी है. जनगणना के मुताबिक इस सीट पर मुस्लिमों की आबादी 5.9 फीसदी और ईसाइयों की आबादी 5.06 फीसदी है. जैन 0.08 फीसदी और सिख 0.03 फीसदी है.
6 विधानसभा सीटों का गणित-
कोयंबटूर लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें Sulur, Kavundampalayam, Coimbatore North, Coimbatore South, Palladam और Singanallur शामिल है. इसमें से 5 सीटों पर AIADMK और एक सीट पर बीजेपी के विधायक हैं. कोयंबटूर दक्षिण से बीजेपी के वनथी श्रीनिवासन विधायक है. जबकि पल्लादम से एमएसएम आनंदन, सुलूर से वीपी कंडासामी, कवुंडमपालयम से पीआरजी अरुणकुमार, कोयंबटूर उत्तर से अम्मान के. अर्जुनन और सिंगानल्लुर से केआर जयराम विधायक हैं.
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