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Dausa Lok Sabha Seat: Congress का रहा गढ़, पायलट फैमिली को 7 बार मिली जीत, जानें क्या है दौसा लोकसभा सीट का समीकरण और इतिहास

Rajasthan Lok Sabha Election 2024: दौसा लोकसभा सीट पर पायलट फैमिली का दबदबा रहा है. इस सीट पर इस परिवार ने 7 बार जीत दर्ज की है. अगर पार्टी की बात करें तो कांग्रेस ने दौसा में 12 बार चुनाव जीता है. जबकि बीजेपी को 3 बार जीत मिली है. इस सीट पर मीणा वोटर्स संख्या करीब 7 लाख है.

Dausa Lok Sabha Seat Dausa Lok Sabha Seat

दौसा लोकसभा सीट राजस्थान में है. इस सीट पर कांग्रेस के लीडर राजेश पायलट फैमिली का दबदबा रहा है. राजेश पायलट इस सीट से 5 बार सांसद चुने गए. जबकि उनके बेटे सचिन पायलट एक बार सांसद चुने गए. चलिए आपको दौसा लोकसभा सीट का जातीय समीकरण और इतिहास बताते हैं.

कांग्रेस को मिली जीत-
आम चुनाव 2024 में दौसा लोकसभा सीट से कांग्रेस के मुरली लाल मीणा को जीत मिली है. उन्होंने बीजेपी के कन्हैया लाल मीणा को 2.37 लाख वोटों से हराया है. साल 2014 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा था.

पायलट फैमिली का दबदबा-
दौसा लोकसभा सीट पर राजेश पायलट फैमिली का दबदबा रहा है. दौसा से इस परिवार से 7 बार सांसद चुने गए हैं. पहली बार साल 1984 आम चुनाव में राजेश पायलट कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए थे. उसके बाद साल 1991 आम चुनाव, साल 1996, साल 1998 और साल 1999 आम चुनाव में राजेश पायलट ने जीत दर्ज की. साल 2000 में उपचुनाव में राजेश पायलट की पत्नी रमा पायलट ने जीत दर्ज की. साल 2004 आम चुनाव में राजेश पायलट के बेटे सचिन पायलट सांसद चुने गए.

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2019 आम चुनाव के नतीजे-
साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी उम्मीदवार जसकौर मीणा ने कांग्रेस उम्मीदवार सविता मीणा को 78 हजार वोटों से हराया. बीजेपी उम्मीदवार को 5 लाख 48 हजार 733 वोट मिले, जबकि कांग्रेस की उम्मीदवार को 4 लाख 70 हजार 289 वोट मिले थे. बीएसपी उम्मीदवार द्वारका प्रसाद महेश्वरा को 13 हजार 394 वोट हासिल हुए थे.

दौसा लोकसभा सीट का इतिहास-
दौसा लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1952 आम चुनाव में वोट डाले गए. इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार राजबहादुर सांसद चुने गए. साल 1957 आम चुनाव में कांग्रेस के जीडी सोमानी को जीत मिली. लेकिन साल 1962 आम चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. स्वतंत्र पार्टी के पृथ्वी राज सांसद चुने गए. साल 1967 आम चुनाव में भी स्वतंत्र पार्टी के उम्मीदवार आरसी गणपत को जीत मिली.

साल 1968 उपचुनाव में कांग्रेस ने वापसी की और नवल किशोर शर्मा सांसद बने. साल 1971 आम चुनाव में नवल किशोर ने फिर से जीत दर्ज की. लेकिन आपातकाल के बाद साल 1977 आम चुनाव में जनता पार्टी के नाथू सिंह गुर्जर ने जीत हासिल की. लेकिन साल 1980 आम चुनाव में कांग्रेस के नवल किशोर शर्मा फिर से सांसद चुन लिए गए.

साल 1984 आम चुनाव में पहली बार दौसा से राजेश पायलट सांसद चुने गए. लेकिन साल 1989 चुनाव में बीजेपी के नाथू सिंह गुर्जर सांसद बन गए. राजेश पायलट ने साल 1991 आम चुनाव में वापसी की और जीत दर्ज की. इसके बाद उन्होंने साल 1996, साल 1998 और साल 1999 आम चुनाव में जीत हासिल की. साल 2000 उपचुनाव में राजेश पायलट की पत्नी रमा पायलट सांसद चुनी गईं. साल 2004 आम चुनाव में सचिन पायलट ने जीत हासिल की.

साल 2009 आम चुनाव में निर्दलीय किरोड़ी लाल मीणा सांसद चुने गए. लेकिन उसके बाद से लगातार बीजेपी को जीत मिल रीह है. साल 2014 आम चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार हरीश मीणा सांसद चुने गए. जबकि साल 2019 आम चुनाव में जसकौर मीणा सांसद बनीं.

8 विधानसभा सीटों का गणित-
दौसा लोकसभा सीट के तहत 8 विधानसभाएं आती हैं. इसमें जयपुर की बस्सी और चाकसू सीट के अलावा अलवर की थानागाजी विधानसभा सीट शामिल है. इसके अलावा दौसा जिले की बांदीकुई, महुवा, सिकराय, दौसा और लालसोट सीटें शामिल हैं. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी को 5 सीटों और कांग्रेस को 3 सीटों पर जीत मिली है. कांग्रेस को बस्सी, थानागाजी और दौसा में जीत मिली है. बाकी सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. बस्सी से लक्ष्मण मीणा, चाकसू से रामावतार बैरवा, थानागाजी से कांति प्रसाद मीणा, बांदीकुई से भागचंद टांकड़ा, महुवा से राजेंद्र मीणा, सिकराय से विक्रम बंशीवाल, दौसा से मुरारी लाल मीणा और लालसोट से रामबिलास मीणा विधायक हैं.

दौसा लोकसभा सीट का जातीय समीकरण-
दौसा लोकसभा सीट पर करीब 19 लाख मतदाता हैं. इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा मीणा वोटर्स की संख्या है. मीणा मतदाताओं की संख्या करीब 7 लाख है. जबकि ब्राह्मण समुदाय के वोटर्स की संख्या 4 लाख है. इनके अलावा गुर्जर और माली ढाई-ढाई लाख हैं. इस सीट पर अनुसूचित जाति (SC)  की आबादी 21.08 फीसदी है. जबकि अनुसूचित जनजाति (ST) की आबादी 25.98 फीसदी है.

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